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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हुई ओलावृष्टि, किसानों को मौसम वैज्ञानिकों ने दी विशेष सलाह

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदनलाल खींचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते मौसम में बदलाव हुआ है. पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान, ईरान, ईराक़, पाकिस्तान होते हुए भारत पहुंचा. जिस वजह से बारिश हुई है.

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Published : Nov 27, 2019, 8:27 PM IST

hail rain in some part of haryana due to western disturbances
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हुई ओलावृष्टि

हिसार: वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के प्रभाव के चलते मंगलवार रात को और बुधवार दिन में हिसार में 4 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई. इस समय हुई बारिश से तापमान में गिरावट की शुरुआत हो चुकी है. एक तरफ इस समय हुई बारिश से किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा. वहीं किसानों को ओलावृष्टि का डर भी सताने लगा है. मौसम वैज्ञानिक के अनुसार बृहस्पतिवार के बाद मौसम साफ रहेगा.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का है असर
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदनलाल खींचड़ ने बताया कि 15 और 22 नवम्बर के बाद एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा से होकर गुजर रहा है, जिसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. पश्चिमी विक्षोभ से हुई बारिश बुधवार सुबह तक चार मिलीमीटर दर्ज की गई है, लेकिन कई जगह इससे अधिक बारिश भी दर्ज की गई है. जो प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अलग अलग रही. मदन लाल खींचड़ ने बताया कि बुधवार रात तक बारिश की संभावना बनी हुई है, लेकिन बृहस्पतिवार को मौसम सामान्य रहने की संभावना बनी हुई है.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हरियाणा हुई ओलावृष्टि, रिपोर्ट देखिए

रात में और तापमान गिरने की संभावना
उन्होंने बताया कि दिन में पारा लुढ़क कर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. वहीं रात का तापमान15 डिग्री सेल्सियस हो गया है, लेकिन कुछ दिनों तक दिन का तापमान बढ़ेगा. रात के तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावनाएं दर्ज की गई है. वहीं उन्होंने कहा कि जैसे ही उत्तर पश्चिमी हवाएं चलेंगी, तापमान में गिरावट महसूस की जाएगी.

किसानों को मौसम वैज्ञानिकों ने दी सलाह
इस समय हुई बारिश से किसानों को होने वाले फायदे के बारे में जानकारी देते हुए मदन लाल ने बताया कि इस समय हुई बारिश से गेहूं की फसल को काफी फायदा पहुंचेगा, वहीं सरसों की फसल को भी बारिश का फायदा मिलेगा और किसानों को पानी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

वहीं उन्होंने बताया कि किसानों के मंडी में पड़े धान को लेकर थोड़ी बहुत समस्या हो सकती है. वहीं धान के बाद गेंहू की बिजाई में भी थोड़ी देरी हो सकती है. उन्होंने बताया कि बारिश की आशंका को देखते हुए किसानों को सलाह दी जा चुकी थी कि गेहूं की बिजाई को कुछ समय के लिए रोक दें.

ये भी पढ़ें- किसानों पर बेमौसम बारिश की मार, पानी में भीगा गोहाना मंडी में रखा हजारों क्विंटल धान

हिसार: वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के प्रभाव के चलते मंगलवार रात को और बुधवार दिन में हिसार में 4 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई. इस समय हुई बारिश से तापमान में गिरावट की शुरुआत हो चुकी है. एक तरफ इस समय हुई बारिश से किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा. वहीं किसानों को ओलावृष्टि का डर भी सताने लगा है. मौसम वैज्ञानिक के अनुसार बृहस्पतिवार के बाद मौसम साफ रहेगा.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का है असर
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदनलाल खींचड़ ने बताया कि 15 और 22 नवम्बर के बाद एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा से होकर गुजर रहा है, जिसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. पश्चिमी विक्षोभ से हुई बारिश बुधवार सुबह तक चार मिलीमीटर दर्ज की गई है, लेकिन कई जगह इससे अधिक बारिश भी दर्ज की गई है. जो प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अलग अलग रही. मदन लाल खींचड़ ने बताया कि बुधवार रात तक बारिश की संभावना बनी हुई है, लेकिन बृहस्पतिवार को मौसम सामान्य रहने की संभावना बनी हुई है.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हरियाणा हुई ओलावृष्टि, रिपोर्ट देखिए

रात में और तापमान गिरने की संभावना
उन्होंने बताया कि दिन में पारा लुढ़क कर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. वहीं रात का तापमान15 डिग्री सेल्सियस हो गया है, लेकिन कुछ दिनों तक दिन का तापमान बढ़ेगा. रात के तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावनाएं दर्ज की गई है. वहीं उन्होंने कहा कि जैसे ही उत्तर पश्चिमी हवाएं चलेंगी, तापमान में गिरावट महसूस की जाएगी.

किसानों को मौसम वैज्ञानिकों ने दी सलाह
इस समय हुई बारिश से किसानों को होने वाले फायदे के बारे में जानकारी देते हुए मदन लाल ने बताया कि इस समय हुई बारिश से गेहूं की फसल को काफी फायदा पहुंचेगा, वहीं सरसों की फसल को भी बारिश का फायदा मिलेगा और किसानों को पानी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

वहीं उन्होंने बताया कि किसानों के मंडी में पड़े धान को लेकर थोड़ी बहुत समस्या हो सकती है. वहीं धान के बाद गेंहू की बिजाई में भी थोड़ी देरी हो सकती है. उन्होंने बताया कि बारिश की आशंका को देखते हुए किसानों को सलाह दी जा चुकी थी कि गेहूं की बिजाई को कुछ समय के लिए रोक दें.

ये भी पढ़ें- किसानों पर बेमौसम बारिश की मार, पानी में भीगा गोहाना मंडी में रखा हजारों क्विंटल धान

Intro:एंकर - पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते मंगलवार रात को और बुधवार दिन में हिसार में 4 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। इस समय हुई बारिश से तापमान में गिरावट की शुरुआत हो चुकी है। एक तरफ इस समय हुई बारिश से किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा वही किसानों को ओलावृष्टि का डर भी सताने लगा है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार बृहस्पतिवार के बाद मौसम साफ रहेगा।

वीओ - चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदनलाल खींचड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते मौसम में बदलाव हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, ईराक़, पाकिस्तान होते हुए भारत पहुँचा जिस वजह से बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि 15 और 22 नवम्बर के बाद एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा से होकर गुज़र रहा है, जिसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। पश्चिमी विक्षोभ से हुई बारिश बुधवार सुबह तक चार मिलीमीटर दर्ज की गई है लेकिन कई जगह इससे अधिक बारिश भी दर्ज की गई है जो प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अलग अलग रही। मदन लाल खींचड़ ने बताया कि बुधवार रात तक बारिश की संभावना बनी हुई है लेकिन बृहस्पतिवार को मौसम सामान्य रहने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि दिन में पारा लुढ़क कर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है वहीं रात्रि का तापमान15 डिग्री सेल्सियस हो गया है लेकिन कुछ दिनों तक दिन का तापमान बढ़ेगा लेकिन रात के तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावनाएं दर्ज की गई है। वहीं उन्होंने कहा कि जैसे ही उत्तर पश्चिमी हवाएँ चलेंगी है तापमान में गिरावट महसूस की जाएगी।

Body:इस समय हुई बारिश से किसानों को होने वाले फ़ायदे के बारे में जानकारी देते हुए मदन लाल ने बताया कि इस समय हुई बारिश से गेहूं की फ़सल को काफ़ी फ़ायदा पहुँचेगा, वहीं सरसों की फ़सल को भी बारिश का फ़ायदा मिलेगा और किसानों को पानी देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। वहीं उन्होंने बताया कि किसानों के मंडी में पड़े धान को लेकर थोड़ी बहुत समस्या हो सकती है। वहीं धान के बाद गेंहू की बिजाई में भी थोड़ी देरी हो सकती है।उन्होंने बताया कि बारिश की आशंका को देखते हुए किसानों को सलाह दी जा चुकी थी कि गेहूं की बिजाई को कुछ समय के लिए रोक दें।

बाइट - मदनलाल खींचड़, मौसम वैज्ञानिक, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार

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