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हिसार: आटा चक्की चलाने वाले का बेटा बना न्यूक्लीयर साइंटिस्ट, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में हुआ सिलेक्शन

हिसार के युवा अशोक न्यूक्लीयर साइंटिस्ट बन गए हैं. उनका चयन भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में हो गया है.

flour mill worker son nuclear scientist hisar
ृआटा चक्की चलाने वाले का बेटा बना न्यूक्लीयर साइंटिस्ट
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Published : Jan 7, 2021, 8:36 AM IST

हिसार: जिले के मुकलान गांव में आटा चक्की चलाने वाले के बेटे ने कमाल की उपलब्धि हासिल की है. परिवार की मुश्किल स्थितियों के बावजूद ये युवा न्यूक्लीयर साइंटिस्ट बन गया है. गांव के अशोक का चयन भामा एटोमिक रिसर्च सेंटर के लिए हुआ है. अशोक ने मार्च में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर रिक्रूटमेंट की परीक्षा दी थी.

परीक्षा के बाद दिसंबर में इंटरव्यू के बाद ओवरऑल रिजल्ट जारी किया गया. इसमें अशोक कुमार की ऑल इंडिया सेकेंड रैंक आई है. 5 जनवरी को भामा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से नतीजे घोषित किए गए थे.

ऑल इंडिया स्तर पर मिली दूसरी रैंक

अशोक ने बताया कि पूरे देश से करीब 30 छात्रों का चयन हुआ है और इसमें उनका भी नाम है. अशोक के पिता मांगेराम के पास एक एकड़ जमीन है और वो आटा चक्की चलाकर परिवार का पेट पालते हैं. अशोक की उपलब्धि पर माता-पिता को गर्व है.

ये भी पढ़िए: अंबाला में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट, पशुपालन विभाग ने किया 26 टीमों का गठन

बेटे की उपलब्धि पर पिता को गर्व

पिता मांगेराम ने बताया कि अशोक शुरू से ही पढ़ाई में होनहार था. पैसे के अभाव में गांव के ही सरकारी स्कूल में उसे पढ़ाया और अपनी प्रतिभा की बदौलत अशोक आगे बढ़ा है. अशोक ने अपनी उपलब्धि का श्रय माता कलावती और पिता मांगेराम को दिया है. अशोक तीन भाई- बहनों में सबसे बड़ा है. उसका एक छोटा भाई विनोद और छोटी बहन ऋतु हैं. अशोक का सपना डॉ. अब्दुल कलाम जैसा वैज्ञानिक बनने का है.

हिसार: जिले के मुकलान गांव में आटा चक्की चलाने वाले के बेटे ने कमाल की उपलब्धि हासिल की है. परिवार की मुश्किल स्थितियों के बावजूद ये युवा न्यूक्लीयर साइंटिस्ट बन गया है. गांव के अशोक का चयन भामा एटोमिक रिसर्च सेंटर के लिए हुआ है. अशोक ने मार्च में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर रिक्रूटमेंट की परीक्षा दी थी.

परीक्षा के बाद दिसंबर में इंटरव्यू के बाद ओवरऑल रिजल्ट जारी किया गया. इसमें अशोक कुमार की ऑल इंडिया सेकेंड रैंक आई है. 5 जनवरी को भामा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से नतीजे घोषित किए गए थे.

ऑल इंडिया स्तर पर मिली दूसरी रैंक

अशोक ने बताया कि पूरे देश से करीब 30 छात्रों का चयन हुआ है और इसमें उनका भी नाम है. अशोक के पिता मांगेराम के पास एक एकड़ जमीन है और वो आटा चक्की चलाकर परिवार का पेट पालते हैं. अशोक की उपलब्धि पर माता-पिता को गर्व है.

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बेटे की उपलब्धि पर पिता को गर्व

पिता मांगेराम ने बताया कि अशोक शुरू से ही पढ़ाई में होनहार था. पैसे के अभाव में गांव के ही सरकारी स्कूल में उसे पढ़ाया और अपनी प्रतिभा की बदौलत अशोक आगे बढ़ा है. अशोक ने अपनी उपलब्धि का श्रय माता कलावती और पिता मांगेराम को दिया है. अशोक तीन भाई- बहनों में सबसे बड़ा है. उसका एक छोटा भाई विनोद और छोटी बहन ऋतु हैं. अशोक का सपना डॉ. अब्दुल कलाम जैसा वैज्ञानिक बनने का है.

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