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अनाज की खरीदः सरकार और व्यापारी आमने-सामने

बजरंग गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के 100% सरसों खरीद की घोषणा की थी. जबकि सरसों की पैदावार का 15% भी सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही हैं. सरसों की खरीद आढ़तियों से कराने के बजाय हर मंडी में सिर्फ चार-पांच हैंडलिंग एजेंट बनाकर कराई जा रही है.

बजरंग गर्ग की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
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Published : Apr 9, 2019, 8:45 AM IST

Updated : Apr 9, 2019, 9:28 AM IST

हिसारः प्रदेश में अनाज की खरीद को लेकर सरकार और व्यापारी एक बार फिर से आमने-सामने आते दिखाई दे रहे हैं. हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और हरियाणा कान्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार पर कई आरोप लगाए. बजरंग गर्ग ने कहा कि फसल खरीद के सीजन में सरकार व्यापारी और किसानों को बर्बाद करने के लिए नए-नए फरमान जारी कर नाजायज तंग करने में लगी हुई है.

ऑनलाइन खरीद होने से व्यापारियों में नाराजगी.

सरसों की खरीद को लेकर बजरंग गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के 100% सरसों खरीद की घोषणा की थी. जबकि सरसों की पैदावार का 15% भी सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही हैं. सरसों की खरीद आढ़तियों से कराने के बजाय हर मंडी में सिर्फ चार-पांच हैंडलिंग एजेंट बनाकर कराई जा रही है. सरकारी रेट 4200 रुपए होने के बावजूद किसान अपनी सरसों को 3200 से लेकर 3600 तक में बेचने को मजबूर है. सरकारी एजेंसियों के अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए किसानों की सरसों खरीदने की बजाय उन्हें धक्खे खिला रहे है.

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अगर सरकार ने गेहूं खरीद कि व्यवस्था पहले कि तरह नहीं की और गेहूं की खरीद ऑनलाइन की गई तो हरियाणा का व्यापारी एक भी गेहूं के दाने की खरीद नहीं करेगा और मंडियां बंद करके हड़ताल करेगा.

हिसारः प्रदेश में अनाज की खरीद को लेकर सरकार और व्यापारी एक बार फिर से आमने-सामने आते दिखाई दे रहे हैं. हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और हरियाणा कान्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार पर कई आरोप लगाए. बजरंग गर्ग ने कहा कि फसल खरीद के सीजन में सरकार व्यापारी और किसानों को बर्बाद करने के लिए नए-नए फरमान जारी कर नाजायज तंग करने में लगी हुई है.

ऑनलाइन खरीद होने से व्यापारियों में नाराजगी.

सरसों की खरीद को लेकर बजरंग गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के 100% सरसों खरीद की घोषणा की थी. जबकि सरसों की पैदावार का 15% भी सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही हैं. सरसों की खरीद आढ़तियों से कराने के बजाय हर मंडी में सिर्फ चार-पांच हैंडलिंग एजेंट बनाकर कराई जा रही है. सरकारी रेट 4200 रुपए होने के बावजूद किसान अपनी सरसों को 3200 से लेकर 3600 तक में बेचने को मजबूर है. सरकारी एजेंसियों के अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए किसानों की सरसों खरीदने की बजाय उन्हें धक्खे खिला रहे है.

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अगर सरकार ने गेहूं खरीद कि व्यवस्था पहले कि तरह नहीं की और गेहूं की खरीद ऑनलाइन की गई तो हरियाणा का व्यापारी एक भी गेहूं के दाने की खरीद नहीं करेगा और मंडियां बंद करके हड़ताल करेगा.

Intro:अनाज की फसल के सीजन में सरकार व्यापारी व किसानों को खराब करने के लिए नए-नए फरमान जारी करके किसान व व्यापारियों को नाजायज तंग करने में लगी हुई है।अगर सरकार ने गेहूं खरीद कि व्यवस्था पहले कि तरह नहीं कि व गेेंहू खरीद ऑनलाइन की गई तो हरियाणा का व्यापारी एक भी गेहूं का दाने की खरीद नहीं करेगा और मंडियां बंद करके हड़ताल करके सड़कों पर आ जाएगाBody:हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग व्यापारी प्रतिनिधियों कि बैठक लेने के उपरान्त प्रैसवार्ता में कहा कि हर अनाज की फसल के सीजन में सरकार व्यापारी व किसानों को खराब करने के लिए नए-नए फरमान जारी करके किसान व व्यापारियों को नाजायज तंग करने में लगी हुई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व सरकारी अधिकारी बार बार अनाज की खरीद ऑनलाइन ना होने व अनाज की खरीद पहले की तरह होने के बयान मीडिया में दे रहे है। मगर सरकारी अधिकारी मंडी के गेटो पर कंप्यूटर लगाकर किसान की गेहूं गेट पर कंप्यूटर में दर्ज कराने और उसका पूरा बायोडाटा व्यापारियों का कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए कहा जा रहा है। जबकि सरकारी विभागों में अधिकारी व कर्मचारियों कि भारी भरकम कमी होने के कारण किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए मण्डियों में कई-कई दिनों तक धक्खे खाने पड़ते है।Conclusion:प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि जबकि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अनाज की खरीद पहले की तरह होगी। मगर मुख्यमंत्री बार-बार अपने वायदे से मुकर कर किसान व आढ़तियों को परेशान करने में लगे हुए है। जबकि मुख्यमंत्री ने किसान की 100 प्रतिशत सरसों खरीदने की घोषणा की थी। जो झुठ का पुलिंदा है। जबकि सरसों की पैदावार का 15 प्रतिशत भी सरसों की खरीद सरकारी एजेंसियॉ नहीं कर रही है। जबकि सरसों की खरीद हर आढ़तियों से खरीदने की बजाय हर मंडियों में सिर्फ चार-पांच हैंडलिंग एजेंट सरसों खरीद के लिए बनाए गए हैं जो उचित नहीं है। किसान अपनी सरसो को सरकारी रेट 4200 रूपए होने के बाबजूद भी अपनी सरसो को 3200 से लेकर 3600 तक बेच रहे हैं। सरकारी एजेंसी के अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए किसानों की सरसों खरीदने की बजाय किसानों को धक्खे खिला रहे है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अगर सरकार ने गेहूं खरीद कि व्यवस्था पहले कि तरह नहीं कि व गेेंहू खरीद ऑनलाइन की गई तो हरियाणा का व्यापारी एक भी गेहूं का दाने की खरीद नहीं करेगा और मंडियां बंद करके हड़ताल करके सड़कों पर आ जाएगा।
Last Updated : Apr 9, 2019, 9:28 AM IST
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