हिसार: अब सरकार अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत फसल अवशेषों को खेत में मिलाने या कोई और प्रबंध करने के लिए अनुदान देने जा रही है. अगर कोई किसान खुद उसे करता है तो 50 प्रतिशत और कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करके फसलों का निपटारा करता है तो 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा.
इस बारे में हिसार जिले की उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि जमीन की उर्वरा शक्ति बनाए रखने और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से फसल अवशेषों को खेतों में या फिर खेतों से बाहर मशीनों के जरिए निपाटाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर नौ तरह के कृषि यंत्र और मशीन दिए जाएंगे.
सुपर एसएमएस
- सामान्य जाति- 4
- अनुसूचित जनजाति- 01
हैप्पी सीडर
- सामान्य जाति- 4
- अनुसूचित जनजाति- 01
पैडी स्ट्रा चोपर और मल्चर
- सामान्य जाति- 9
- अनुसूचित जनजाति-2
रोटरी सलेसर शर्ब मास्टर
- सामान्य जाति- 20
- अनुसूचित जनजाति- 5
जीरो टिल कम फर्टिलाइजर ड्रिल
- सामान्य जाति- 31
- अनुसूचित जनजाति- 5
स्ट्रा बेलर और स्ट्रा रेक
- सामान्य जाति- 20
- अनुसूचित जनजाति- 6
क्रोप रिपर ट्रैक्टर चलित, स्वचालित रिपर बाईंडर (4 व्हील)
- सामान्य जाति- 8
- अनुसूचित जनजाति- 1
कस्टम हायरिंग सेंटर
- सामान्य जाति- 25
- अनुसूचित जनजाति- 6
नियम और शर्त
उन्होंने बताया कि कृषि यंत्र और मशीनों में से किसान अधिकतम विभिन्न प्रकार की तीन मशीन ले सकता है. इसके लिए जरूरी है कि किसान ने पिछले 2 साल में मशीन पर किसी भी स्कीम के तहत अनुदान नहीं लिया हो. ट्रैक्टर चलित मशीनों के लिए हरियाणा राज्य में रजिस्टर्ड आरसी और मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण का होना अनिवार्य है. स्कीम के तहत लक्ष्यों से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर चयन ड्रा द्वारा जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा किया जाएगा.
उपायुक्त डॉ. प्रियंका बताया कि किसान अपनी पंसद के निर्माता से कृषि यंत्र और मशीन खरीद सकते हैं जो हरियाणा सरकार की अनुमोदित सूची में हों. योग्य आवेदक आगामी 21 अगस्त तक www.agriharyanacrm.com आवेदन कर सकता है. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक तथा सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं.
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