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बीजेपी विधायक को बंधक बनाने का मामला, किसान बोले 'जानबूझकर किसानों पर लाठी चलवाने आए थे विधायक' - हिसार विधायक किसान विरोध

हरियाणा में किसानों ने हिसार से बीजेपी विधायक कमल गुप्ता (kamal gupta farmers protest) को बंधक बनाया और उनके कपड़े भी फाड़े. वहीं अब इस मामले में विधायक और किसान, दोनों तरफ से सफाई दी गई है.

kamal gupta farmers protest
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Published : Oct 4, 2021, 8:53 PM IST

हिसार: किसानों के द्वारा लगातार बीजेपी नेताओं का विरोध किया जा रहा है. लंबे समय से जारी आंदोलन के बीच सीधे टकराव की तस्वीरें भी सामने आई थी. वहीं इस बार किसानों के विरोध का सामना हरियाणा के हिसार में बीजेपी विधायक कमल गुप्ता (kamal gupta farmers protest) को करना पड़ा है. हिसार में किसानों के द्वारा विधायक कमल गुप्ता को बंधक बनाया गया और किसानों ने कमल गुप्ता के कपड़े भी फाड़े हैं.

इस दौरान किसानों ने विधायक के माफी मांगने की मांग रखकर दो घंटे के लिए हिसार के चारों नेशनल हाइवे, टोल प्लाजा जाम कर दिए. किसानों का कहना है कि विधायक जानबूझकर किसानों की बैठक में आए थे. उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. किसान नेता रणबीर सिंह मलिक ने कहा कि कमल गुप्ता वहां आए थे ये उनकी बेवकूफी थी और सब प्रीप्लान था. उनकी चाल थी किसानों की मीटिंग में मैं जाऊंगा और वहां मारपीट करेंगे और किसानों पर लाठीचार्ज किया जाएगा, उनका सिर फूडवाया जाएगा, लेकिन उनका यह प्लान फेल हो गया.

बीजेपी विधायक को बंधक बनाने का मामला, किसान बोले 'जानबूझकर किसानों पर लाठी चलवाने आए थे विधायक'

ये भी पढ़ें- हरियाणा में किसानों ने बीजेपी विधायक को बनाया बंधक, कपड़े भी फाड़े

वहीं कपड़े फाड़े जाने के सवाल को लेकर किसान नेता ने कहा कि हमने विधायक कमल गुप्ता को हाथ तक नहीं लगाया. वहां पर पुलिस आ गई थी और वह उन्हें निकाल कर ले गई. उन्होंने कहा कि विधायक ने अपनी इस हरकत के लिए अगर मंगलवार तक टोल प्लाजा पर आकर माफी नहीं मांगी तो बुधवार को हम सब उनके आवास का घेराव करेंगे.

घटना के बाद विधायक कमल गुप्ता ने कहा कि उन्हें किसानों की मीटिंग की कोई जानकारी नहीं थी और वह इत्तेफाक से रेस्ट हाउस पहुंचे थे. इसी दौरान वहां मौजूद किसानों ने नारेबाजी और काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए. उनमें से कुछ लोग मुझे पकड़कर हॉल में ले जाने लगे और एक दो लोगों ने पीछे से खींचकर मेरे कपड़े फाड़ दिए. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इस तरह किसी अकेले व्यक्ति को घेर कर उसके कपड़े फाड़ना कहां तक जायज है. किसान बदतमीजी करेंगे क्या, ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते, ये साबित करता है कि ये कोई किसान आंदोलन नहीं बल्कि गुंडागर्दी है.

ये भी पढ़ें- विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा

बता दें कि, सोमवार को हिसार रेस्ट हाउस में किसानों की बैठक चल रही थी. विधायक के अनुसार बैठक की जानकारी ना होने के चलते वे रेस्ट हाउस पहुंचे. वहीं बीजेपी विधायक को देखते ही गुस्साए किसानों ने विरोध शुरू कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया. इस दौरान किसानों ने विधायक के साथ हाथापाई भी की. हाथापाई में आंदोलनकारियों ने विधायक कमल गुप्ता के कपड़े फाड़ दिए. करीब 20 मिनट तक बंधक रहने के बाद पुलिस ने रेस्ट हाउस पहुंचकर वहां से विधायक को निकलवाया.

हिसार: किसानों के द्वारा लगातार बीजेपी नेताओं का विरोध किया जा रहा है. लंबे समय से जारी आंदोलन के बीच सीधे टकराव की तस्वीरें भी सामने आई थी. वहीं इस बार किसानों के विरोध का सामना हरियाणा के हिसार में बीजेपी विधायक कमल गुप्ता (kamal gupta farmers protest) को करना पड़ा है. हिसार में किसानों के द्वारा विधायक कमल गुप्ता को बंधक बनाया गया और किसानों ने कमल गुप्ता के कपड़े भी फाड़े हैं.

इस दौरान किसानों ने विधायक के माफी मांगने की मांग रखकर दो घंटे के लिए हिसार के चारों नेशनल हाइवे, टोल प्लाजा जाम कर दिए. किसानों का कहना है कि विधायक जानबूझकर किसानों की बैठक में आए थे. उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. किसान नेता रणबीर सिंह मलिक ने कहा कि कमल गुप्ता वहां आए थे ये उनकी बेवकूफी थी और सब प्रीप्लान था. उनकी चाल थी किसानों की मीटिंग में मैं जाऊंगा और वहां मारपीट करेंगे और किसानों पर लाठीचार्ज किया जाएगा, उनका सिर फूडवाया जाएगा, लेकिन उनका यह प्लान फेल हो गया.

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वहीं कपड़े फाड़े जाने के सवाल को लेकर किसान नेता ने कहा कि हमने विधायक कमल गुप्ता को हाथ तक नहीं लगाया. वहां पर पुलिस आ गई थी और वह उन्हें निकाल कर ले गई. उन्होंने कहा कि विधायक ने अपनी इस हरकत के लिए अगर मंगलवार तक टोल प्लाजा पर आकर माफी नहीं मांगी तो बुधवार को हम सब उनके आवास का घेराव करेंगे.

घटना के बाद विधायक कमल गुप्ता ने कहा कि उन्हें किसानों की मीटिंग की कोई जानकारी नहीं थी और वह इत्तेफाक से रेस्ट हाउस पहुंचे थे. इसी दौरान वहां मौजूद किसानों ने नारेबाजी और काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए. उनमें से कुछ लोग मुझे पकड़कर हॉल में ले जाने लगे और एक दो लोगों ने पीछे से खींचकर मेरे कपड़े फाड़ दिए. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इस तरह किसी अकेले व्यक्ति को घेर कर उसके कपड़े फाड़ना कहां तक जायज है. किसान बदतमीजी करेंगे क्या, ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते, ये साबित करता है कि ये कोई किसान आंदोलन नहीं बल्कि गुंडागर्दी है.

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बता दें कि, सोमवार को हिसार रेस्ट हाउस में किसानों की बैठक चल रही थी. विधायक के अनुसार बैठक की जानकारी ना होने के चलते वे रेस्ट हाउस पहुंचे. वहीं बीजेपी विधायक को देखते ही गुस्साए किसानों ने विरोध शुरू कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया. इस दौरान किसानों ने विधायक के साथ हाथापाई भी की. हाथापाई में आंदोलनकारियों ने विधायक कमल गुप्ता के कपड़े फाड़ दिए. करीब 20 मिनट तक बंधक रहने के बाद पुलिस ने रेस्ट हाउस पहुंचकर वहां से विधायक को निकलवाया.

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