हिसार: हरियाणा सरकार द्वारा पीड़ित लोगों को तुरंत पुलिस सहायता मुहैया करवाने के लिए शुरू किया गया डायल 112 प्रोजेक्ट काफी मददगार साबित हो रहा है. किसी भी घटना की सूचना मिलते ही कुछ ही समय बाद पुलिस के मौके पर पहुंचने से लोगों को काफी राहत मिल रही है. ऐसा ही एक मामला हिसार के लाडवा गांव से सामने आया है. जहां पर डायल 112 के तहत इमरजेंसी रेस्पांस व्हीकल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एक व्यक्ति की जान बचा (dial 112 Team Saved Man Life In Hisar) ली.
डायल-112 की एमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ERV) 318 पर तैनात ESI योगेंद्र सिंह ने बताया कि ERV 318 की पुलिस टीम को सूचना मिली कि गांव लाडवा में एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ निगल लिया हैं. जिस पर ERV 318 पुलिस टीम बिना समय गंवाए जल्द से जल्द मौके पर पहुंची. युवक को गाड़ी में डालकर 18 मिनट के अंदर सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया गया. जिससे उसकी जान बच गई. मिली जानकारी के अनुसार युवक ने घरेलू विवाद के कारण जहरीला पदार्थ खा लिया था.
गौरतलब है कि इससे पहले भी ERV पुलिस टीम ने कुछ दिन पूर्व हिसार आदमपुर रेलवे लाइन पर सुसाइड करने पहुंची एक युवती की जान बचाई थी. इसके अलावा गांव बाड्या ब्राह्मण में एक युवक फांसी लगाकर सुसाइड करने का प्रयास कर रहा था उसे भी डायल 112 की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जान बचा ली थी.
कैसे काम करता है डायल 112- डायल 112 हरियाणा में एक एकीकृत आपातकालीन नंबर है. पूरे हरियाणा में किसी भी समय और कहीं भी संकटग्रस्त लोगों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने ये सिस्टम बनाया है. यह चौबीसों घंटे एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERS) पंचकूला में स्थापित किया गया है. जो राज्य एमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (SERC) से काम करता है. लगातार चार दिन बिजली आपूर्ति न होने पर भी ये अत्याधुनिक सेंटर काम कर सकता है.
SERC को जिला स्तर पर पुलिस कंट्रोल रूम और सभी नजदीकी आपातकालीन रिस्पांस वाहनों से डिजिटल रूप से जोड़ा गया है. डायल 112 शुरू होने से लोगों को कई नंबर याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती. ERS एक डायल 112 के माध्यम से इमरजेंसी सेवाएं प्रदान करने के लिए पुलिस (100), फायर (101) और एंबुलेंस (108) हेल्पलाइन नंबरों को एक साथ जोड़ देता है. इस परियोजना को केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देश पर लागू किया गया है.
आधुनिक तकनीकों से लैस यह एमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ERV) जीपीएस के आधार पर काम करती है. जो भी जरूरतमंद मदद के लिए 112 नंबर पर कॉल करता है तो वहां से उसकी लोकेशन ट्रेस कर सबसे नजदीकी गाड़ी को तुरंत सूचना दी जाती है. सूचना के बाद तुरंत गाड़ी घटनास्थल पर रवाना हो जाती है. कई बार पुलिस महज 5-10 मिटन में पहुंचकर पीड़ित की जान बचा चुकी है.