हिसार: हिसार में फोर्ड एजेंसी में कर्मचारी रहे गुरुग्राम के दिनेश ने आत्महत्या कर ली. जिसके बाद मृतक दिनेश की पत्नी ने फोर्ड एजेंसी के मालिक प्रदीप नेहरा और सतेंद्र नामक व्यक्ति के खिलाफ दिनेश को परेशान करने के आरोप लगाकर एचटीएम थाने में शिकायत (Case against owner of Hisar Ford Agency) दी थी. इस पूरे मामले में जबरदस्त मोड़ तब आया, जब फोर्ड एजेंसी के मालिक प्रदीप नेहरा ने DIG बलवान सिंह राणा पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए. हालांकि DIG ने बयान जारी कर सभी प्रकार के आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
मृतक कर्मचारी दिनेश की पत्नी सुनीता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी वर्ष 2009 में गुरुग्राम के गांव गढ़ी हरसरु निवासी दिनेश के साथ हुई थी, लेकिन काम के लिए वे करीब चार वर्ष पहले मिलगेट में शिव नगर में आ गए थे. सुनीता ने बताया कि उसका पति दिनेश तारा फोर्ड कंपनी में मैकेनिक का काम करता था. करीब एक वर्ष पहले तारा फोर्ड कंपनी के मालिक प्रदीप नेहरा ने उसके पति दिनेश पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर जेल में बंद करवा दिया था. उसने अपने पति दिनेश की जमानत करवा ली थी.
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इसके बाद दिनेश जमानत पर बाहर आने पर मानसिक तौर पर परेशान रहने लगा था. सुनीता ने बताया कि दिनेश उसे बार-बार कहता था कि प्रदीप नेहरा ने उसे झूठे केस में फंसाया है और उसकी जिंदगी खराब कर दी है. इसके बाद दिनेश ने सातरोड के पास एक दुकान किराए पर लेकर अपनी वर्कशाप कर ली थी. जहां लॉकडाउन की वजह से वहां कोई काम नहीं चला और वहां दुकान का मालिक सतेंद्र किराया लेने के लिए बार-बार दिनेश को परेशान करने लगा. उसका पति इस वजह से भी मानसिक तौर पर काफी परेशान रहने लगा था और 7 फरवरी की सुबह नौ बजे उसके पति दिनेश ने जहरीला पदार्थ निगल लिया और सपरा अस्पताल में उपचार के दौरान दिनेश की मौत हो गई.
फोर्ड एजेंसी के मालिक प्रदीप नेहरा ने बताया था कि दो साल पहले मेरे यहां कुछ कंपनियों में स्पेयर पार्ट से जुड़ी धांधली पकड़ी गई थी. जिसमें कुछ कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ था. इसमें जहर खाने वाला कर्मचारी दिनेश भी था. मामला कोर्ट तक भी पहुंचा. प्रदीप नेहरा ने बताया कि इस कर्मचारी से कार्य के दौरान या नौकरी से निकाले जाने के बाद भी मैंने कभी कोई संपर्क नहीं रखा. प्रदीप ने बताया कि करीब आठ महीने पहले मैंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए एक शिकायत दी थी. इस मामले में FIR ना दर्ज करते हुए शिकायत को कई महीनों तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में घुमाया गया.
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प्रदीप नेहरा ने हिसार DIG पर लगाए रिश्वत मांगने के आरोप: इस पूरे मामले में मोड़ तब आ गया, जब एजेंसी संचालक प्रदीप नेहरा ने अपने ऊपर दर्ज FIR को डीआईजी के रिश्वत मामले से जोड़ा है. उनका कहना है कि कुछ महीने पहले मैंने पुलिस को एक मामले में शिकायत दी थी, मगर शिकायत को कई महीने तक लटकाया. इतना ही नहीं एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से डीआईजी बलवान सिंह राणा ने 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी. जिसमें रुपये नहीं देने का बदला अब लिया जा रहा है. प्रदीप नेहरा ने कहा कि वह दबने व डरने वालों में से नहीं है. उनके खिलाफ जो सुबूत हैं वह सबके सामने रखेंगे. पुलिस जानबूझकर उसे फंसा रही है.
रिश्वत मामले में हिसार DIG का बयान: अपने ऊपर आरोपों को लेकर डीआईजी बलवान सिंह राणा ने कहा की प्रदीप नेहरा ने जो मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं वह बेबुनियाद हैं. अगर प्रदीप नेहरा के पास कोई सुबूत है तो वह सार्वजनिक करें. वह कह रहा है कि मैंने रिश्वत मांगी और केस दर्ज नहीं किया तो उसने इसकी कहां शिकायत की. अब तक वह चुप क्यों था और अब केस दर्ज हो गया है, तो वह गलत तरह के आरोप लगा रहे हैं. DIG ने कहा कि प्रदीप नेहरा की शिकायत कुछ महीने पहले हमारे पास आई थी. वह फोक्सवैगन के अधिकारी के खिलाफ झूठा पर्चा दर्ज करवाना चाहता था. हमने पूरे मामले की जांच करवाई तो वह मामला झूठा निकला. उसने खुद ही गबन किया हुआ है और कंपनी से हेराफेरी की हुई है. अब खुद फंसता देख अनाप शनाप बयानबाजी कर रहा है.
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