हिसार: कहते हैं कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं. कुछ ऐसा ही उदाहरण हिसार में देखने को मिला. यहां बाल भवन अनाथालय में रहने वाली दो साल की एक छोटी सी बच्ची को आखिर मां-बाप मिल गए. दरअसल एक साल पहले इस बच्ची के असली मां-बाप ने पालने में असमर्थता दिखाते हुए इसे अनाथालय में छोड़ दिया था. एक साल से ये बच्ची हिसार के अनाथालय में रह रही थी, और अब इस बच्ची को कनाडा के रहने वाले एक दंपत्ति ने गोद (Canadian couple adopted girl) लिया है.
इस बच्ची को नए मां-बाप मिल गए हैं, जो कनाडा में काम करते हैं. बच्ची की नई मां फिजियोथेरेपिस्ट है और पिता एक आईटी कंपनी में काम करते हैं. अब इस बच्ची का नया घर कनाडा में होगा. जिसके लिए पूरे प्रक्रिया के तहत हिसार स्थित बाल कल्याण विभाग की चाइल्ड एडॉप्शन एजेंसी ने पासपोर्ट और कोर्ट ऑर्डर लिए हैं. मंगलवार को बाल भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन कर इस बच्ची को कनाडा की पीटर फैमिली को सौंप दिया गया.
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बच्ची के नए पिता पीटर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के बारे में हम थोड़ा बहुत जानते हैं. उनके कुछ दोस्त इंडियन हैं और उन्हीं के जरिए उन्हें भारतीय संस्कृति से जुड़ने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं जो उन्हें इस बच्ची को गोद लेने का मौका मिला. हम कोशिश करेंगे कि बच्ची को भारतीय संस्कृति के बारे में जरूर बताएं.
वहीं बाल कल्याण परिषद के महासचिव प्रवीण अत्री ने बताया कि कल्याण विभाग पूरे हरियाणा से 553 बच्चों को गोद दे चुका है और जिनमें से 134 बच्चों के माता-पिता विदेशी हैं. हमारा विभाग तीन साल तक गोद लिए बच्चे और माता-पिता के संपर्क में रहता है और समय-समय पर वेरीफाई करता है कि बच्चे का पालन पोषण सही तरीके से हो रहा है या नहीं. हमने कनाडियन दंपति से अनुरोध किया है कि इस बच्ची को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखें.
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