हिसार: मशहूर सारंगी वादक मामन खान (sarangi player maman khan) इन दिनों काफी बीमार हैं. हालात ये हैं कि उन्हें इलाज के लिए कहीं से मदद भी नहीं मिल पा रही है. एक ट्वीटर यूजर ने मामन खान की फोटो के साथ उनकी बीमारी और आर्थिक स्थिति का जानकारी शेयर की. ट्वीटर यूजर ने लिखा कि मशहूर सारंगी वादक मामन ख़ान आज मरणासन्न अवस्था में हैं और मदद कहीं से नहीं मिल पा रही, हरियाणा के हिसार ज़िले के खरक पुनिया गांव से हैं!
ट्वीटर यूजर ने लिखा कि ख़ान साहब निविया, मोरक्को, सीरिया, दुबई, चंडीगढ़, दिल्ली आदि जगहों पर अदभुत सारंगी वादन कर चुके हैं! राष्ट्रपति पदक, हरियाणा सरकार से ताम्रपत्र प्राप्त. मंगलवार को इंद्रजीत बर्क के ट्वीट को अभिनेता सोनू सूद (bollywood actor sonu sood) ने रिट्वीट कर मदद (sonu sood help sarangi player maman khan) का हाथ आगे बढ़ाया है. सोनू सूद ने रिट्वीट में लिखा कि ख़ान साहिब चलिए पहले आपको स्वस्थ करें, फिर आपकी सारंगी सुनेंगे.
कौन हैं सारंगी वादक मामन खान? सारंगी वादक मामन खान देश विदेश में सारंगी वादन की प्रस्तुति दे चुके हैं. जींद के महाराजा के दरबार में सारंगी वादक मामन खान के पितामह और पिता सारंगी वादक रहे हैं. राष्ट्रपति पदक विजेता मामन खां अब 83 साल के हो चुके हैं और हिसार के खरक पूनिया गांव (Kharak Poonia Village Hisar) में अपने छोटे से घर में इलाज के लिए प्रशासन और सरकार की मदद की राह ताक रहे हैं.
मामन खान बचपन से ही सारंगी वादक बनना चाहते थे, क्योंकि उनके पितामह जींद के दरबार में सारंगी वादक रहे और उनकी सात पीढ़ियां राजा के दरबार में सारंगी वादक रहीं. उनकी मां भी सारंगी बजा लेती थीं. मामन खान की अब आठवीं पीढ़ी सारंगी वादन करती है. अब तो उनका सारा परिवार ही संगीत के साथ जुड़ा है. मामन को हरियाणा लोक संपर्क विभाग चंडीगढ़ में नौकरी मिल गई थी.
जिसके बाद वो नीविया, सीरिया, दुबई, दिल्ली, चंडीगढ़ और मोरक्को तक सारंगी वादन कर पाए. मामन खान (haryana sarangi player maman khan) को राष्ट्रपति पदक और पच्चीस हजार रुपये की राशि. हरियाणा सरकार से ताम्रपत्र और इक्कीस हजार की राशि के अलावा और भी कई पुरस्कार मिले हैं. उन्होंने बताया कि ट्रेन टू पाकिस्तान फिल्म में उनकी ही सारंगी की धुन है.