हिसार: देश में अब जन्म और मृत्यु का पंजीकरण कराना कानूनन अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में पहले लोगों को पंजीकरण कराने के लिए विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से जनवरी महीने से इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है. हालांकि हरियाणा में सरल पोर्टल के जरिए पंजीकरण प्रक्रिया पहले से ही ऑनलाइन चल रही है और अब आए नए आदेशों के मुताबिक कहीं भी मैन्युअल रजिस्ट्रेशन और प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है.
हिसार नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी अमन ढांडा ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया केंद्र सरकार ने जनवरी से अनिवार्य की है. इससे पहले नगरीय निकाय या पंचायत जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कर जानकारी सांख्यिकी विभाग को भेजते थे. मैनुअल रिकॉर्ड होने के कारण उसे वेरीफाई करने में समय लगता था, क्योंकि सभी रजिस्टर चेक करने में वक्त लगता था.
सांख्यिकी विभाग का काम हुआ आसान
उन्होंने बताया कि पहले डाटा चेक करने के लिए 3 साल पुराने रिकॉर्ड तक खंगालने पड़ते थे जिसमें समय लगता था, लेकिन अब ऑनलाइन कंप्यूटर पर डाटा होने से उसमें समय नहीं लगता और काम जल्दी हो जाता है. प्रक्रिया ऑनलाइन होने से वर्क लोड भी कम हो गया है और लोगों को भी परेशानी नहीं होती.
अब प्रमाण पत्र में लगे होंगे QR कोड
अब जो जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, उसमें क्यूआर कोड लगा है. इसकी वैधता मोबाइल से स्कैन कर चेक की जा सकती है. साथ ही समय पर विभागों को इसकी जानकारी भी मिल जाएगी. इससे जन्म और मृत्यु के डुप्लीकेट पंजीकरण की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. राष्ट्रीय स्तर पर इस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकेगा.
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने राजस्थान के चूरू जिले से आए पवन ने कहा कि काम ऑन लाइन होने से काफी आराम है. अब उन्हें छोटे-छाटे काम के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं.
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पहले ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय जन्म और मृत्यु की जानकारी भेजने में देरी करते थे. इसकी वजह से समय पर सांख्यिकी विभाग को आंकड़े नहीं मिल पाते थे और प्रमाण पत्र जारी करने में देरी होती थी, लेकिन अब चीजे ऑनलाइन कर दी गई हैं.
साथ ही सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को भी ऑनलाइन जोड़ा गया है. जिससे सीधी जन्म या मृत्यु की जानकारी सांख्यकी विभाग की वेबसाइट पर दर्ज हो जाती है. प्रमाण पत्र ऑनलाइन होने के बाद इसमें कोई छेड़छाड़ भी नहीं हो सकती, जिससे प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर होने वाला भ्रष्टाचार भी ना के बराबर हो गया है.