हिसारः लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए.
भजनलाल का गढ़ कहे जाने वाले आदमपुर हल्के में भी भव्य बिश्नोई को सिर्फ 23227 वोट मिल पाए. इसके साथ ही हिसार लोकसभा सीट के सभी नौ हल्को में भव्य बिश्नोई को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
कब जब्त होती है जमानत?
जब कोई प्रत्याशी किसी भी चुनाव क्षेत्र में पड़े कुल वैध वोट का छठा हिस्सा हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत राशि जब्त मानी जाती है और नामांकन के दौरान दी गई राशि उन्हें वापस नहीं मिलती है. जैसे अगर किसी सीट पर 1 लाख लोगों ने वोट दिया है और उम्मीदवार को 16666 से कम वोट हासिल हुए हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी.