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बाबा रामदेव के खिलाफ हिसार कोर्ट में हुई सुनवाई, 19 अप्रैल को होगी अगली बहस - baba ramdev news

मंगलवार को हिसार के जिला न्यायालय में बाबा रामदेव के एक मामले को लेकर केस की सुनवाई हुई. मामला 24 अप्रैल 2014 का है, जब बाबा रामदेव पर आरोप लगा कि राहुल गांधी पर टिप्पणी करते समय बाबा ने दलितों के लिए आपत्तिजनक बात कह दी थी.

जिला न्यायालय, हिसार
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Published : Apr 9, 2019, 10:18 PM IST

हिसार: बाबा रामदेव के अप्रैल 2014 के केस को लेकर मंगलवार को हिसार न्यायालय में सुनवाई हुई. बता दें कि बाबा रामदेव पर आरोप लगा था कि उन्होंने लखनऊ में राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए दलितों पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसके बाद अधिवक्ता रजत काल्सन ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी थी. जब पुलिस ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की तो काल्सन ने हांसी के फौजदारी कोर्ट में बाबा के खिलाफ क्रिमिनल मुकदमा दर्ज करवाया था.

जिस बारे में क्रिमिनल रिवीजन पिटिशन अब आरके जैन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में लंबित है. जिसको ट्रांसफर कराने के लिए एक ट्रांसफर पिटीशन दायर की गई थी.

लाल बहादुर खोवाल, बाबा रामदेव के वकील
बाबा रामदेव के वकील लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि एडवोकेट रजत कल्सन ने बाबा रामदेव के खिलाफ 153ए, 153ए ए और 354 एससीएसटी एक्ट के तहत थाना में शिकायत दी थी. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में मुकदमा डाला. कोर्ट में शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया जिसके बाद शिकायतकर्ता ने हिसार कोर्ट में याचिका डालकर मामले में एससी-एसटी एक्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है.

बाबा रामदेव के वकील लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि जिन धाराओं के तहत दावा किया गया है. उनमें धारा 196 के तहत सरकार से अनुमति लेनी होती है जो इस मामले में नहीं ली गई है. उन्होंने कहा कि यह केस एससी एसटी की स्पेशल कोर्ट का भी नहीं बनता है क्योंकि मामला लखनऊ का है. साथ ही बताया कि स्पेशल कोर्ट में मामले को ट्रांसफर करने की अपील को लेकर 19 अप्रैल को बहस की जाएगी.

हिसार: बाबा रामदेव के अप्रैल 2014 के केस को लेकर मंगलवार को हिसार न्यायालय में सुनवाई हुई. बता दें कि बाबा रामदेव पर आरोप लगा था कि उन्होंने लखनऊ में राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए दलितों पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसके बाद अधिवक्ता रजत काल्सन ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी थी. जब पुलिस ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की तो काल्सन ने हांसी के फौजदारी कोर्ट में बाबा के खिलाफ क्रिमिनल मुकदमा दर्ज करवाया था.

जिस बारे में क्रिमिनल रिवीजन पिटिशन अब आरके जैन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में लंबित है. जिसको ट्रांसफर कराने के लिए एक ट्रांसफर पिटीशन दायर की गई थी.

लाल बहादुर खोवाल, बाबा रामदेव के वकील
बाबा रामदेव के वकील लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि एडवोकेट रजत कल्सन ने बाबा रामदेव के खिलाफ 153ए, 153ए ए और 354 एससीएसटी एक्ट के तहत थाना में शिकायत दी थी. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में मुकदमा डाला. कोर्ट में शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया जिसके बाद शिकायतकर्ता ने हिसार कोर्ट में याचिका डालकर मामले में एससी-एसटी एक्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है.

बाबा रामदेव के वकील लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि जिन धाराओं के तहत दावा किया गया है. उनमें धारा 196 के तहत सरकार से अनुमति लेनी होती है जो इस मामले में नहीं ली गई है. उन्होंने कहा कि यह केस एससी एसटी की स्पेशल कोर्ट का भी नहीं बनता है क्योंकि मामला लखनऊ का है. साथ ही बताया कि स्पेशल कोर्ट में मामले को ट्रांसफर करने की अपील को लेकर 19 अप्रैल को बहस की जाएगी.

Intro:बाबा रामदेव के मामले में एक केस को लेकर हिसार के जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। मामले के अनुसार बाबा रामदेव की तरफ से 25 अप्रैल 2014 को लखनऊ में राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए दलितों के खिलाफ अपमानजनक बातें कह दी थी। जिसके बाद अधिवक्ता रजत कल्सन ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी थी तथा पुलिस के कार्यवाही ना करने पर हांसी की फौजदारी अदालत में उसके खिलाफ क्रिमिनल मुकदमा दायर किया था। जिस बारे क्रिमिनल रिवीजन पिटिशन अब आरके जैन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में लंबित है। जिसके ट्रांसफर कराने के लिए एक ट्रांसफर पिटीशन दायर की गई थी।

वीओ - बाबा रामदेव के वकील लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि एडवोकेट रजत कल्सन बाबा रामदेव के खिलाफ 153ए, 153ए ए और 354 एससीएसटी एक्ट के तहत थाना में शिकायत दी थी। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में मुकदमा डाला, कोर्ट में शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया जिसके बाद शिकायतकर्ता ने हिसार कोर्ट में याचिका डालकर मामले में एससी एसटी एक्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।




Body:बाबा रामदेव के वकील लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि जिन धाराओं के तहत दावा किया गया है उनमें धारा 196 के तहत सरकार से अनुमति लेनी होती है जो इस मामले में नहीं ली गई है। उन्होंने कहा कि यह एससीएसटी की स्पेशल कोर्ट का भी नहीं बनता है क्योंकि मामला लखनऊ का है।

लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि स्पेशल कोर्ट में मामले को ट्रांसफर करने की अपील को लेकर 19 अप्रैल को बहस की जाएगी।

बाइट --- लाल बहादुर खोवाल,अधिवक्ता बाबा रामदेव पक्ष।


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