हिसार: असम राज्य के गोहपुर निवासी पूर्णा कांत 20 मार्च को अपने परिवार के सात सदस्यों के साथ हिसार के गांव सुलखनी गांव में अपनी बेटी के यहां पहुंचे थे. तब से यहीं फंसे हुए हैं. अब उनको भी अपने घर की याद आने लगी है. अब ये लोग भी अपने घर वापस जाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
सुलखनी में असम से आए परिवार ने 5 मई को घर वापसी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था. 7 दिन बाद हेल्पलाइन सेंटर से आई फोन कॉल पर कहा गया कि सामान पैक कर लें. बुधवार शाम तक आपको असम जाने के लिए बस दिल्ली छोड़ कर आएगी. दोबारा कॉल की गई तो हेल्प डेस्क ने कहा शनिवार को हिसार से ही ट्रेन असम के लिए जाएगी.
मंगलवार रात 10:30 बजे हेल्प डेस्क से कॉल आई हेल्प डेस्क के कर्मचारी ने कहा आपके यहां असम के लोग हैं. क्या वे जाना चाहते हैं. साथ ही फोन कॉल कर रहे कर्मचारी ने कहा कि उनका सामान पैक करवा दीजिए. बुधवार शाम तक उन्हें लेने के लिए आ जाएंगे. इसके बाद से असम राज्य से आए परिवार के सात सदस्यों में खुशी छा गई, लेकिन ये बुधवार भी निकल गया, ऐसे ही अबतक घुमाते-घुमाते करीब दो सप्ताह का समय निकल गया है, लेकिन उनके जाने का अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
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परिवार के लोग इतने लंबे समय से यहां होने के बाद अब असम अपने घर जाना चाहता है. असम में उनका खेती बाड़ी का काम है. आजीविका चलाने के लिए अब उन्हें खेती-बाड़ी भी संभालनी है, लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है.