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हिसार: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर से किया ऑनलाइन प्रदर्शन, ईमेल से सीएम को भेजा ज्ञापन

शनिवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन प्रतिवाद दिवस मनाया. वहीं ईमेल जरिए सीएम को ज्ञापन भी सौंपा

Anganwadi workers making Saturday as online protest day
हिसार: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर से किया ऑनलाइन प्रदर्शन
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Published : Jun 27, 2020, 10:02 PM IST

हिसार: शनिवार को सैंकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने अपने घर से ऑनलाइन प्रतिवाद दिवस मनाते हुए अपना विरोध जताया. वहीं ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन में मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं की मांगों को सिलसिलेवार प्रमुखता के साथ उठाया गया.

इस डिजिटल विरोध प्रदर्शन में मिड-डे-मील कार्यकर्ता यूनियन के जिलाध्यक्ष जमीला ने बताया कि मिड डे मील के प्रदेश भर में हजारों कार्यकर्ता है, जो दिन रात अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन उनकी मांगों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही. उन्होंने बताया कि प्रतिवाद दिवस के रूप में अपना विरोध जताते हुए अपनी मांगों को उठाया गया.

क्या है मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं की मांग?

  • कार्यकर्ताओं को श्रमिक का दर्जा मिले.
  • श्रमिकों के लिए घोषित न्यूनतम वेतन 12,000 रुपये महीना वेतन.
  • किसी को भी काम से नहीं हटाने.
  • स्कूलों में 15 विद्यार्थियों पर एक मिड-डे-मील कार्यकर्ता नियुक्त करना.
  • मिड-डे-मील कुक को छुट्टियों का वेतन देना.

इस प्रदर्शन के दौरान ऑनलाइन कैंपेन चलाने वाले सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार अगर उनकी जानबूझ कर अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी उक्त मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो मिड डे मील कार्यकर्ता अपना आंदोलन तेज करने पर मजबूर हो जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः अन्नदाता पर कोरोना के बाद महंगाई की मार, देखिए ये रिपोर्ट

हिसार: शनिवार को सैंकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने अपने घर से ऑनलाइन प्रतिवाद दिवस मनाते हुए अपना विरोध जताया. वहीं ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन में मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं की मांगों को सिलसिलेवार प्रमुखता के साथ उठाया गया.

इस डिजिटल विरोध प्रदर्शन में मिड-डे-मील कार्यकर्ता यूनियन के जिलाध्यक्ष जमीला ने बताया कि मिड डे मील के प्रदेश भर में हजारों कार्यकर्ता है, जो दिन रात अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन उनकी मांगों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही. उन्होंने बताया कि प्रतिवाद दिवस के रूप में अपना विरोध जताते हुए अपनी मांगों को उठाया गया.

क्या है मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं की मांग?

  • कार्यकर्ताओं को श्रमिक का दर्जा मिले.
  • श्रमिकों के लिए घोषित न्यूनतम वेतन 12,000 रुपये महीना वेतन.
  • किसी को भी काम से नहीं हटाने.
  • स्कूलों में 15 विद्यार्थियों पर एक मिड-डे-मील कार्यकर्ता नियुक्त करना.
  • मिड-डे-मील कुक को छुट्टियों का वेतन देना.

इस प्रदर्शन के दौरान ऑनलाइन कैंपेन चलाने वाले सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार अगर उनकी जानबूझ कर अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी उक्त मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो मिड डे मील कार्यकर्ता अपना आंदोलन तेज करने पर मजबूर हो जाएंगे.

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