ETV Bharat / state

#Lockdown गुरुग्राम के श्मशान घाटों पर बढ़ सकती है लकड़ियों की कमी!

लॉकडाउन के चलते गुरुग्राम में मौत का ग्राफ गिरकर आधा हो चुका है. जिसके चलते शमशान घाटों पर अंतिम संस्कार में भी कमी आई है. हालांकि पंडितों का कहना है कि अगर लॉकडाउन जारी रहा तो श्मशान घाटों पर लकड़ियों की कमी देखी जा सकती है.

Shortage of wood at Gurugram cremation ghats during lockdown
#Lockdown गुरुग्राम के श्मशान घाटों पर बढ़ सकती है लकड़ियों की कमी!
author img

By

Published : Apr 12, 2020, 7:03 PM IST

गुरुग्रामः कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से देश भर में लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. इस दौरान एक राहत की खबर ये भी है कि साइबर सिटी गुरुग्राम में लॉकडाउन के दौरान होने वाली मौतों के ग्राफ में काफी गिरावट आई है. लेकिन अब श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की दिक्कत सामने आ रही है.

#Lockdown गुरुग्राम के श्मशान घाटों पर बढ़ सकती है लकड़ियों की कमी!

कम हुआ मौत का आंकड़ा

साइबर सिटी गुरुग्राम में पहले जहां औसतन श्मशान घाटों पर 6-7 अंतिम संस्कार एक दिन में होते थी तो वहीं लॉकडाउन के दौरान ये आंकड़ा घटकर 3 से 4 पर आ पहुंचा है. गुरुग्राम के मदन पुरी में सबसे बड़ी शमशान घाट के पंडित ने बताया कि लॉकडाउन से पहले अंतिम संस्कार ज्यादा होते थे, लेकिन लॉक डाउन के बाद शवों की संख्या कम हो गई है. क्योंकि ना तो रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं और ना ही क्राइम ऐसे में केवल नेचुरल डेथ ही हो रही है.

अस्थियां विसर्जन में नहीं कोई दिक्कत

दूसरी तरफ जहां हरियाणा के अन्य जिलों में अस्थियां विसर्जन में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था तो वहीं गुरुग्राम में ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. गुरुग्राम में अस्थि विसर्जन के लिए श्मशान घाट से एक पर्ची बनाकर दी जाती है और सिर्फ दो लोग अस्थियां लेकर हरिद्वार के लिए वो पर्ची दिखाकर जा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः आजीविका मिशन की महिलाओं ने दूर की हिसार में पीपीई किट की किल्लत

कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार

बता दें गुरूग्राम में 6 श्मशान घाटों को कोरोना वायरस से हुई मौत के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए चयनित किया गया है. जिसमें मदन पुरी का शमशान घाट भी शामिल है. यहां पर इलेक्ट्रिक यानी एलपीजी के माध्यम से शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं श्मशान घाट के सभी कर्मचारियों को ये दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं कि जब भी कोरोना का शव आएगा तो उसे कोई भी हाथ नहीं लगाएगा.

श्मशान घाटों पर लकड़ियों की कमी!

जारी निर्देशों के मुताबिक जिला प्रशासन और डॉक्टर जो पीपीई किट के साथ रहेंगे वो ही अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. साथ ही श्मशान घाट के पंडित ने बताया कि फिलहाल तो श्मशान घाट में लकड़ियां हैं लेकिन अगर ये लॉकडाउन दो हफ्तों तक बढ़ता है तो यहां भी लकड़ियों का संकट आ सकता है. उन्होंने बताया कि पहले एक महीने में 10 से 15 बार लकड़ी की ट्रॉलियां श्मशान घाट आ रही थी, लेकिन अब 2 से 3 बार ही लकड़ियां यहां पहुंच रही है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में शुरू होगा शराब का उत्पादन, प्रदेश सरकार ने दिए आदेश

गुरुग्रामः कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से देश भर में लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. इस दौरान एक राहत की खबर ये भी है कि साइबर सिटी गुरुग्राम में लॉकडाउन के दौरान होने वाली मौतों के ग्राफ में काफी गिरावट आई है. लेकिन अब श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की दिक्कत सामने आ रही है.

#Lockdown गुरुग्राम के श्मशान घाटों पर बढ़ सकती है लकड़ियों की कमी!

कम हुआ मौत का आंकड़ा

साइबर सिटी गुरुग्राम में पहले जहां औसतन श्मशान घाटों पर 6-7 अंतिम संस्कार एक दिन में होते थी तो वहीं लॉकडाउन के दौरान ये आंकड़ा घटकर 3 से 4 पर आ पहुंचा है. गुरुग्राम के मदन पुरी में सबसे बड़ी शमशान घाट के पंडित ने बताया कि लॉकडाउन से पहले अंतिम संस्कार ज्यादा होते थे, लेकिन लॉक डाउन के बाद शवों की संख्या कम हो गई है. क्योंकि ना तो रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं और ना ही क्राइम ऐसे में केवल नेचुरल डेथ ही हो रही है.

अस्थियां विसर्जन में नहीं कोई दिक्कत

दूसरी तरफ जहां हरियाणा के अन्य जिलों में अस्थियां विसर्जन में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था तो वहीं गुरुग्राम में ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. गुरुग्राम में अस्थि विसर्जन के लिए श्मशान घाट से एक पर्ची बनाकर दी जाती है और सिर्फ दो लोग अस्थियां लेकर हरिद्वार के लिए वो पर्ची दिखाकर जा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः आजीविका मिशन की महिलाओं ने दूर की हिसार में पीपीई किट की किल्लत

कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार

बता दें गुरूग्राम में 6 श्मशान घाटों को कोरोना वायरस से हुई मौत के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए चयनित किया गया है. जिसमें मदन पुरी का शमशान घाट भी शामिल है. यहां पर इलेक्ट्रिक यानी एलपीजी के माध्यम से शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं श्मशान घाट के सभी कर्मचारियों को ये दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं कि जब भी कोरोना का शव आएगा तो उसे कोई भी हाथ नहीं लगाएगा.

श्मशान घाटों पर लकड़ियों की कमी!

जारी निर्देशों के मुताबिक जिला प्रशासन और डॉक्टर जो पीपीई किट के साथ रहेंगे वो ही अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. साथ ही श्मशान घाट के पंडित ने बताया कि फिलहाल तो श्मशान घाट में लकड़ियां हैं लेकिन अगर ये लॉकडाउन दो हफ्तों तक बढ़ता है तो यहां भी लकड़ियों का संकट आ सकता है. उन्होंने बताया कि पहले एक महीने में 10 से 15 बार लकड़ी की ट्रॉलियां श्मशान घाट आ रही थी, लेकिन अब 2 से 3 बार ही लकड़ियां यहां पहुंच रही है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में शुरू होगा शराब का उत्पादन, प्रदेश सरकार ने दिए आदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.