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चौड़ी सड़कों पर रफ्तार भरती गाड़ियां, फुटओवर ब्रिज नहीं, कैसे सड़क पार करे आम आदमी ? - गुरुग्राम क्रॉसिंग साइन रोड न्यूज

गुरुग्राम जैसे बड़े शहर में फुट ओवर ब्रिज की कमी होना प्रशासन के अनदेखी को दर्शाता है. ऐसा शहर जिसकी सड़कों पर रोजाना लाखों वाहन दौड़ते हैं, जहां 8-10 लेन की सड़कें भी हैं वहां फुट ओवर ब्रिज होना बहुत जरूरी हो जाता है. साइबर सिटी गुरुग्राम में अक्सर पैदल सड़क पार करने वाले लोगों की रोड एक्सीडेंट से मौत के मामले सामने आते हैं.

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चौड़ी सड़कों पर रफ्तार भरती गाड़ियां
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Published : Feb 10, 2021, 8:08 PM IST

गुरुग्राम: देश की राजधानी दिल्ली से सटा गुरुग्राम जिला जिसे साइबर सिटी के नाम से भी जाना जाता है. ये शहर नौकरी-पेशे वालों का शहर है. देश और दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां यहां काम करती है. हजारों लोग रोजाना घर से काम के लिए सड़कों पर निकलते हैं. यहां की सड़कें कभी नहीं रुकतीं. ऐसे में जरा-सी चूक बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की वजह बन जाती है.

जिले में हर रोज रोड एक्सीडेंट से मौत के मामले सामने आते हैं. कुछ हादसे लोगों की लापरवाही की वजह से होती है तो वहीं कुछ एक्सीडेंट प्रशासन की लापरवाही से भी होते हैं. गुरुग्राम में सड़क पार करने वाले लोगों की मौत भी आम हो चली है. 6 से 8 लेन की सड़कें तो बना दी गई हैं, लेकिन इस सड़क को पार करने के लिए पर्याप्त संख्या में फुटओवर ब्रिज नहीं बनाए गए हैं, जिस वजह से लोग अपनी जान गवां रहे हैं.

चौड़ी सड़कों पर रफ्तार भरती गाड़ियां, फुटओवर ब्रिज नहीं- देखिए वीडियो

ये पढ़ें- आवारा कुत्तों के लिए गुरुग्राम नगर निगम ने चलाया एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम, जानें कितना रहा प्रभावी

ओल्ड गुरुग्राम में नहीं है फुटओवर ब्रिज

गुरुग्राम शहर के ओल्ड गुड़गांव में फुटओवर ब्रिज नहीं बने हुए है. हालांकि सबसे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर ओल्ड गुड़गांव का ही खराब है. ओल्ड गुड़गांव की आबादी भी वह ज्यादा है लेकिन उसके बावजूद यहां पर फुटओवर ब्रिज का निर्माण नहीं किया गया है और एक्सीडेंट का एक मुख्य कारण फुट ओवरब्रिज ना होना है.

ये पढ़ें- बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद बोलीं सोनाली फोगाट, राजनीति-फिल्म दोनों में करेंगी काम

हाईवे पर 2 किलोमीटर के बाद बने है फुटओवर ब्रिज

दिल्ली- जयपुर हाईवे को सबसे व्यस्त हाई वे माना जाता है. ऐसे में हाईवे को पार करने के लिए बेहद जद्दोजहद करनी पड़ती है. वहीं इस हाइवे पर फुट ओवरब्रिज तो बनाए गए हैं लेकिन वह हर 2 किलोमीटर बाद बने हुए हैं. अगर किसी को फुटओवर ब्रिज के जरिए दूसरी ओर जाना होता है. तो उसे पहले 2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.जिससे बचने के लिए लोग शॉर्टकट अपनाते हैं और एक्सीडेंट का शिकार भी हो जाते हैं.

लोगों में जागरुकता का अभाव

जहां कहीं भी फुटओवर ब्रिज बने हुए हैं वहां लोग इसको बेहद कम इस्तेमाल करते हैं. जिसका एक मुख्य कारण है कि लोगों के अंदर फुटओवर ब्रिज को इस्तेमाल ना करना है. जिसको जागरूकता का आभाव माना जाता है क्योंकि लोगों के अंदर जागरूकता नहीं है अगर किसी को रोड क्रॉस करनी होती है तो वह फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल नहीं करते और अपनी जान को जोखिम में डालकर व्यस्त ट्रैफिक के बीच में रोड पार करते हैं.

ये पढ़ं- ईटीवी भारत की खबर का असर: किसानों को Form-J नहीं मिलने का मुद्दा विधानसभा में उठायेंगे विधायक जगबीर मलिक

आबादी के साथ नहीं बढ़ रहा गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर

गुरुग्राम में देश-विदेश से लोग यहां रहने आते हैं, लेकिन जिस तरह से गुरुग्राम की आबादी बढ़ रही है उस तरह से गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बढ़ रहा है. जिला प्रशासन और सरकार गुरुग्राम के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. लोगों का ये भी कहना है कि इन हादसों की मुख्य वजह इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप ना होना और अधिकतर जगह रोड क्रॉस करने के लिए पर्याप्त संसाधन ना होना है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन को यह तय करना होगा कि जिस तरह से गुरुग्राम की आबादी बढ़ रही है उस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाया जाए, ताकि लोगों की जिंदगी यू ही एक्सीडेंट के जरिए ना खत्म हो.

ये पढ़ें- कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में लेक्चरर और कर्मचारियों की कमी, गिर रहा शिक्षा का स्तर

गुरुग्राम: देश की राजधानी दिल्ली से सटा गुरुग्राम जिला जिसे साइबर सिटी के नाम से भी जाना जाता है. ये शहर नौकरी-पेशे वालों का शहर है. देश और दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां यहां काम करती है. हजारों लोग रोजाना घर से काम के लिए सड़कों पर निकलते हैं. यहां की सड़कें कभी नहीं रुकतीं. ऐसे में जरा-सी चूक बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की वजह बन जाती है.

जिले में हर रोज रोड एक्सीडेंट से मौत के मामले सामने आते हैं. कुछ हादसे लोगों की लापरवाही की वजह से होती है तो वहीं कुछ एक्सीडेंट प्रशासन की लापरवाही से भी होते हैं. गुरुग्राम में सड़क पार करने वाले लोगों की मौत भी आम हो चली है. 6 से 8 लेन की सड़कें तो बना दी गई हैं, लेकिन इस सड़क को पार करने के लिए पर्याप्त संख्या में फुटओवर ब्रिज नहीं बनाए गए हैं, जिस वजह से लोग अपनी जान गवां रहे हैं.

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ओल्ड गुरुग्राम में नहीं है फुटओवर ब्रिज

गुरुग्राम शहर के ओल्ड गुड़गांव में फुटओवर ब्रिज नहीं बने हुए है. हालांकि सबसे ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर ओल्ड गुड़गांव का ही खराब है. ओल्ड गुड़गांव की आबादी भी वह ज्यादा है लेकिन उसके बावजूद यहां पर फुटओवर ब्रिज का निर्माण नहीं किया गया है और एक्सीडेंट का एक मुख्य कारण फुट ओवरब्रिज ना होना है.

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हाईवे पर 2 किलोमीटर के बाद बने है फुटओवर ब्रिज

दिल्ली- जयपुर हाईवे को सबसे व्यस्त हाई वे माना जाता है. ऐसे में हाईवे को पार करने के लिए बेहद जद्दोजहद करनी पड़ती है. वहीं इस हाइवे पर फुट ओवरब्रिज तो बनाए गए हैं लेकिन वह हर 2 किलोमीटर बाद बने हुए हैं. अगर किसी को फुटओवर ब्रिज के जरिए दूसरी ओर जाना होता है. तो उसे पहले 2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.जिससे बचने के लिए लोग शॉर्टकट अपनाते हैं और एक्सीडेंट का शिकार भी हो जाते हैं.

लोगों में जागरुकता का अभाव

जहां कहीं भी फुटओवर ब्रिज बने हुए हैं वहां लोग इसको बेहद कम इस्तेमाल करते हैं. जिसका एक मुख्य कारण है कि लोगों के अंदर फुटओवर ब्रिज को इस्तेमाल ना करना है. जिसको जागरूकता का आभाव माना जाता है क्योंकि लोगों के अंदर जागरूकता नहीं है अगर किसी को रोड क्रॉस करनी होती है तो वह फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल नहीं करते और अपनी जान को जोखिम में डालकर व्यस्त ट्रैफिक के बीच में रोड पार करते हैं.

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आबादी के साथ नहीं बढ़ रहा गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर

गुरुग्राम में देश-विदेश से लोग यहां रहने आते हैं, लेकिन जिस तरह से गुरुग्राम की आबादी बढ़ रही है उस तरह से गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बढ़ रहा है. जिला प्रशासन और सरकार गुरुग्राम के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. लोगों का ये भी कहना है कि इन हादसों की मुख्य वजह इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप ना होना और अधिकतर जगह रोड क्रॉस करने के लिए पर्याप्त संसाधन ना होना है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन को यह तय करना होगा कि जिस तरह से गुरुग्राम की आबादी बढ़ रही है उस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाया जाए, ताकि लोगों की जिंदगी यू ही एक्सीडेंट के जरिए ना खत्म हो.

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