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गुरुग्राम के सभी संस्थानों में यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून लागू करना अनिवार्य - गुरुग्राम यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम

गुरुग्राम के सभी कार्यस्थलों में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम-2013 जरूरी कर दिया गया है.

Mandatory to implement Sexual Harassment of Prevention Act 2013 in all institutions of Gurugram
Mandatory to implement Sexual Harassment of Prevention Act 2013 in all institutions of Gurugram
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Published : Nov 21, 2020, 9:55 AM IST

गुरुग्राम: साइबर सिटी में कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी प्रत्येक संस्थान में यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम-2013 के अनुरूप आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है.

इसी को लेकर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम-2013 के तहत संस्थानों में आंतरिक शिकायत कमेटी गठित करने पर बल दिया जा रहा है और उनकी कार्यप्रणाली व अधिकारों के बारे में कर्मचारियों को अवगत करवाया जा रहा है.

गुरुग्राम के सभी संस्थानों में यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून लागू करना अनिवार्य

गुरुग्राम में पोश एनजीओ की उपाध्यक्ष मोनालिसा ने कहा की कोई भी संस्थान, जहां पर 10 या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वहां पर इस प्रकार की कमेटी का गठन अनिवार्य है. इतना ही नही, संस्थान में महिला कर्मचारी हो या ना हो, वहां पर भी इस प्रकार की कमेटी होनी चाहिए और जिन संस्थानों में 10 से कम कर्मचारी हैं. उनकी शिकायतें विकास सदन में स्थित जिला स्तरीय लोकल कंप्लेंट कमेटी में दर्ज करवाई जा सकती है.

उन्होंने कहा कि महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल देना संस्थान की प्राथमिकता होनी चाहिए. आईसीसी के सभी सदस्यों को अपने दायित्वों और भूमिका की पूर्ण जानकारी हो ताकि वे शिकायतों का न्यायसंगत तरीके से निपटारा कर सकें. किसी भी शिकायत की पूरी तरीके से जांच होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाए, बिना जांच के कोई फैसला ना लिया जाए.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर: सेक्टर 13 के पास बदमाशों ने की व्यक्ति की हत्या

मोनालिसा की माने तो कोई भी महिला कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का शिकार होती है तो वे अपनी शिकायत इस कमेटी में दर्ज करवा सकती है. इसके अलावा, यदि महिला कर्मचारी अपने कार्यालय के काम से किसी दूसरे स्थान पर जाती है और वहां उसका उत्पीड़न होता है तो भी वह अपनी शिकायत समिति में दर्ज करवा सकती है.

गुरुग्राम: साइबर सिटी में कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी प्रत्येक संस्थान में यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम-2013 के अनुरूप आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है.

इसी को लेकर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम-2013 के तहत संस्थानों में आंतरिक शिकायत कमेटी गठित करने पर बल दिया जा रहा है और उनकी कार्यप्रणाली व अधिकारों के बारे में कर्मचारियों को अवगत करवाया जा रहा है.

गुरुग्राम के सभी संस्थानों में यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून लागू करना अनिवार्य

गुरुग्राम में पोश एनजीओ की उपाध्यक्ष मोनालिसा ने कहा की कोई भी संस्थान, जहां पर 10 या इससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वहां पर इस प्रकार की कमेटी का गठन अनिवार्य है. इतना ही नही, संस्थान में महिला कर्मचारी हो या ना हो, वहां पर भी इस प्रकार की कमेटी होनी चाहिए और जिन संस्थानों में 10 से कम कर्मचारी हैं. उनकी शिकायतें विकास सदन में स्थित जिला स्तरीय लोकल कंप्लेंट कमेटी में दर्ज करवाई जा सकती है.

उन्होंने कहा कि महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल देना संस्थान की प्राथमिकता होनी चाहिए. आईसीसी के सभी सदस्यों को अपने दायित्वों और भूमिका की पूर्ण जानकारी हो ताकि वे शिकायतों का न्यायसंगत तरीके से निपटारा कर सकें. किसी भी शिकायत की पूरी तरीके से जांच होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाए, बिना जांच के कोई फैसला ना लिया जाए.

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मोनालिसा की माने तो कोई भी महिला कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का शिकार होती है तो वे अपनी शिकायत इस कमेटी में दर्ज करवा सकती है. इसके अलावा, यदि महिला कर्मचारी अपने कार्यालय के काम से किसी दूसरे स्थान पर जाती है और वहां उसका उत्पीड़न होता है तो भी वह अपनी शिकायत समिति में दर्ज करवा सकती है.

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