गुरुग्राम: मोदी सरकार 2.0 का दूसरा आम बजट शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. सभी वर्गों के जैसे आम बजट से उद्योगपतियों को भी काफी आशा थी, लेकिन बजट में उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में कोई सराहनीय फैसला नहीं देखने को मिला. ईटीवी भारत ने आम बजट 2020 पर गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान जे.एन मंगला से बातचीत की.
जे.एन मंगला बजट से खासे निराश नजर आए. उन्होंने तर्क दिया कि सिर्फ इनकम टैक्स में छूट देकर उद्योगपतियों को राहत देने की कोशिश जरूर की गई है, लेकिन इनकम टैक्स में दी जाने वाली छूट से इंडस्ट्री नहीं चलने वाली है. उन्होंने कहा कि लंबे अरसे से जीएसटी स्लैब में बदलाव के लिए कहा जा रहा था, लेकिन बजट में जीएसटी को छुआ तक भी नहीं गया.
ये भी पढ़िए: केंद्रीय बजट को नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने बताया आंकडों का खेल
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई नई योजनाओं का ऐलान तो किया लेकिन उससे उद्योग को बढ़ावा नहीं निलने वाला है. गुरुग्राम उद्योग बाजार में मंदी का दौर चल रहा है. अगर जल्द इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो काफी देर हो सकती है.
मंदी के दौरे से गुजर रहा है उद्योग क्षेत्र
दरअसल, बीते काफी समय से ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल सेक्टर भारी मंदी के दौर से गुजर रहा है. बजट 2020 से उद्योगिक क्षेत्र को काफी उम्मीदें थी. व्यापारियों को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री मंदी के इस दौर से उभारने के लिए कुछ बड़े कदम बजट के जरिए उठाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उद्योगिक क्षेत्र के लिए कुछ खास बदलाव बजट में नहीं देखने को नहीं मिला. जिससे व्यापारी नाखुश हैं.
कई उम्मीदें लगाए बैठे थे व्यापारी
व्यापारियों की मानें तो मंदी के दौर से उभारने के लिए सरकार को बैंक के ब्याज दरों में छूट देनी चाहिए थी, साथ ही उद्योगिक क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को और सुधारने की बात बजट में होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ भी बजट में नहीं हुआ.