गुरूग्राम: साइबर सिटी गुरूग्राम के सेक्टर 86 में अंसल हाइट्स के प्रोजेक्ट को समय पर पूरा न करने और बायर्स के पैसे को न लौटाने के मामले में हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Haryana Real Estate Regulatory Authority) ने अंसल बिल्डर्स के डायरेक्टर्स के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. अंसल बिल्डर के डायरेक्टर कुशागर अंसल, करुण अंसल, एसएल कपूर और अशोक खन्ना के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए गए है.
क्या है मामला- दरअसल गुरुग्राम के सेक्टर 86 में अंसल हाइट्स के प्रोजेक्ट की नींव रखी गई. जिसमें 700 से ज्यादा यूनिट बनाई जानी थी. साल 2010 में इस प्रोजेक्ट को लांच किया गया था. साल 2014 तक इस प्रोजेक्ट में इन्वेस्टर्स को पजेशन देनी थी लेकिन समय पर प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया गया. इसके बाद अंसल हाउसिंग कॉरपोरेशन के खिलाफ सत्तर शिकायतें दर्ज हुई थी. ये याचिका हरेरा एक्ट-2016 की धारा 31 (रूल-29 हरेरा-2017) के तहत दायर की गई थी. इस प्रोजेक्ट में करीब 70 शिकायतें मिली थी. हरेरा ने इन शिकायतों पर सुनवाई की और बिल्डर को 5 करोड़ रूपये बायर्स को वापस करने के आदेश दिए.
हरेरा की ओर से कई बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अंसल हाउसिंग ने आवंटियों के पैसे नहीं लौटाए. ना ही निर्धारित समय में कोई अपील दायर की गई. इसके बाद निवेशकों ने हरेरा के सामने आदेश का पालन कराए जाने के लिए अपील की. इसके बाद मामले में हरेरा की तरफ से इस पूरे मामले में बिल्डर से बैंक की डिटेल मांगी गई. बिल्डर की तरफ से इस मामले हरेरा में कोई बैंक डिटेल नहीं दी गई और न ही बिल्डर के डायरेक्टर कोर्ट में पेश हुए. जिसके बाद हरेरा कोर्ट की तरफ से अंसल डायरेक्टर्स के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया.
हालांकि पहले यह चर्चा थी कि हरेरा ने अंसल के डायरेक्टर्स के खिलाफ जारी किया गया वारंट वापस ले लिया है लेकिन अब हरेरा के चेयरमैन केके खंडेलवाल ने साफ किया है कि डायरेक्टर्स के खिलाफ वांरट जारी हुआ है. खंडेलवाल ने कहा कि बिल्डर की मनमानी बिल्कुल नहीं चलेगी. कोर्ट ने जो आदेश दिए हैं यदि उसकी कोई अवहेलना करेगा तो उसके खिलाफ सख्ती से पेश आया जाएगा. इसी कड़ी में अंसल बिल्डर के सभी डायरेक्टर्स के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए गए हैं.
केके खंडेलवाल ने बताया कि कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि बिल्डर ने जो समय सीमा तय की थी उस समय के बीच अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया. लोगों ने लाखों करोड़ों रुपये इस प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट किए थे. अगर कोई बिल्डर अपना प्रोजेक्ट पूरा नहीं करता है और पजेशन नहीं दे पाता है तो उसे बायर्स के द्वारा दी गई राशि को ब्याज समेत वापस करना होगा. अंसल के इस मामले में भी यही फैसला सुनाया गया लेकिन बिल्डर ने कोर्ट की अवहेलना की जिसके बाद अब यह अरेस्ट वारंट जारी किए हैं.
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