गुरुग्राम: जिले के पटौदी में शनिवार को अखिल भारतीय संत समिति (All India Sant Samiti Haryana) के राष्ट्रीय अधिवेशन और कार्यकारणी की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में देश भर से 100 से ज्यादा संतों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री भी संतों से आशीर्वाद लेने पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Haryana CM Manohar Lal) खट्टर ने कहा कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं को प्रधानमंत्री न कहते हुए देश का प्रधान सेवक कहा है, उसी प्रकार से हरियाणा प्रदेश में मेरी भूमिका मुख्य सेवक की है.
इस अधिवेशन में धर्म रक्षा, राष्ट्र रक्षा व राष्ट्र निर्माण से सम्बंधित विषयों पर मंथन के लिए देश के विभिन्न राज्यों व 13 अखाड़ा परिषद के साधु संत शामिल ( All India Sant Samiti meeting in Gurugram) रहे. अधिवेशन में शामिल संतो ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पगड़ी व माला भेंट कर उन्हें अपना आशीवार्द दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता के माध्यम से जनसेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म व कर्तव्य है.
प्राचीनकाल में जब राजशाही का समय था तो राजा से कोई गलती होने पर धर्म के पुरोधा राजा के सर पर मयूर पंख रखकर उसे आभास दिलाते थे कि शासन व्यवस्था भले ही उसे दंडित ना करे लेकिन धर्म उसे अवश्य दंड देगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे संत समाज को विश्वास दिलाते हैं कि वे धर्म की मर्यादा का ध्यान रखते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी वजह से समाज में किसी भी व्यक्ति को कोई कष्ट ना हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि माता-पिता केवल शरीर का निर्माण करते हैं लेकिन उस शरीर को एक सभ्य नागरिक का रूप देना व राष्ट्र निर्माण के लिए मार्गदर्शन देने का कार्य संत समाज करता है. ठीक उसी प्रकार शासन व्यवस्था भौतिक विकास तो कर सकती है लेकिन सभ्य समाज का निर्माण केवल संत समाज ही कर सकता है. उन्होंने मंच से संत समाज को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे किसी भी परिस्थितियों में प्रदेश में वातावरण खराब नही होने देंगे.
उन्होंने कहा कि मनोहर लाल के होते हुए हरियाणा में किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं होगा। आज हरियाणा सरकार अंत्योदय के भाव के साथ समाज के वंचित व पीड़ित वर्ग को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां बना रही है व उनकी जीवनशैली में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है.