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हरेरा ने तीन फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ दी शिकायत, पढ़िए क्या है मामला ?

हरियाणा रियल एस्टेच रेगुलेटरी अथॉरिटी ने गुरुग्राम पुलिस को तीन अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए शिकायत दी है.

हरेरा ने तीन फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ दी शिकायत
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Published : Apr 25, 2019, 3:43 AM IST

गुरुग्राम: हरेरा ने बुधवार के दिन पुलिस को तीन अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत दी है. हरेरा के मुताबिक इन तीनों फाइनेंस कंपनी ने एक बिल्डर के द्वारा लिए लोन की रिकवरी उसके पांच प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से पैसे निकाल कर की है. जबकि प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से दो अन्य खातों में पैसे का ट्रांसफर किया जाना था.

दरअसल हरेरा एक्ट के मुताबिक किसी भी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट के लिए बैंक में तीन खाते खोलने होते है. पहले खाते में एलॉटियों को दिए गए 100 प्रतिशत का 30 प्रतिशत दूसरे खाते में रखना होता है. जबकी बाकी के 70 प्रतिशत हिस्से को तीसरे खाते में. इस तीसरे खाते को हरेरा खाता कहा जाता है. जिसमें से पूरा पैसा सिर्फ प्रोजेक्ट के निर्माण में ही इस्तमाल किया जा सकता है.

हरेरा के चेयरमैन केके खंडेलवाल ने दी मामले की जानकारी

हरेरा के अधिकारियों के मुताबिक फाइनेंस कंपनियों ने हरेरा खाते में पैसा ट्रांसफर होने से पहले ही प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से अपने लोन की रिकवरी के नाम पर पूरा पैसा निकाल लिया. हरेरा एक्ट आने के बाद कोई भी बिल्डर अपने प्रोजेक्ट पर लोन लेकर उसे बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास गिरवी नहीं रख सकता.

हरेरा की तरफ से इस मामले में बिल्डर को भी शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. फाइनेंस कंपनियों ने जिन 4 प्रोजेक्ट के एस्क्रौ खाते से पैसे निकाले है. उन प्रोजेक्ट से करीब 4 से 5 हजार एलॉटी जुड़े हुए हैं. फिलहाल हरेरा गुरुग्राम ने इस मामले में पुलिस को शिकायत देने के साथ-साथ सभी 4 प्रोजेक्ट के बैंक खातों को सील करा दिया है. ताकि भविष्य में एलॉटियों को मिलने वाली रकम को सुरक्षित किया जा सके.

गुरुग्राम: हरेरा ने बुधवार के दिन पुलिस को तीन अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की शिकायत दी है. हरेरा के मुताबिक इन तीनों फाइनेंस कंपनी ने एक बिल्डर के द्वारा लिए लोन की रिकवरी उसके पांच प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से पैसे निकाल कर की है. जबकि प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से दो अन्य खातों में पैसे का ट्रांसफर किया जाना था.

दरअसल हरेरा एक्ट के मुताबिक किसी भी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट के लिए बैंक में तीन खाते खोलने होते है. पहले खाते में एलॉटियों को दिए गए 100 प्रतिशत का 30 प्रतिशत दूसरे खाते में रखना होता है. जबकी बाकी के 70 प्रतिशत हिस्से को तीसरे खाते में. इस तीसरे खाते को हरेरा खाता कहा जाता है. जिसमें से पूरा पैसा सिर्फ प्रोजेक्ट के निर्माण में ही इस्तमाल किया जा सकता है.

हरेरा के चेयरमैन केके खंडेलवाल ने दी मामले की जानकारी

हरेरा के अधिकारियों के मुताबिक फाइनेंस कंपनियों ने हरेरा खाते में पैसा ट्रांसफर होने से पहले ही प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से अपने लोन की रिकवरी के नाम पर पूरा पैसा निकाल लिया. हरेरा एक्ट आने के बाद कोई भी बिल्डर अपने प्रोजेक्ट पर लोन लेकर उसे बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास गिरवी नहीं रख सकता.

हरेरा की तरफ से इस मामले में बिल्डर को भी शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. फाइनेंस कंपनियों ने जिन 4 प्रोजेक्ट के एस्क्रौ खाते से पैसे निकाले है. उन प्रोजेक्ट से करीब 4 से 5 हजार एलॉटी जुड़े हुए हैं. फिलहाल हरेरा गुरुग्राम ने इस मामले में पुलिस को शिकायत देने के साथ-साथ सभी 4 प्रोजेक्ट के बैंक खातों को सील करा दिया है. ताकि भविष्य में एलॉटियों को मिलने वाली रकम को सुरक्षित किया जा सके.

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गुरुग्राम - हरेरा ने तीन फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ दी शिकायत
पुलिस कमिश्नर को दी मामला दर्ज करने की शिकायत
पांच प्रोजेक्ट के पैसे गलत तरीके से निकालने का है आरोप
बिल्डर प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से पैसे निकालने का है मामला


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हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने गुरुग्राम पुलिस को तीन अलग अलग फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए शिकायत दी है । हरेरा गुरुग्राम के मुताबिक इन तीनों फाइनेंस कंपनी ने एक बिल्डर के द्वारा लिए लोन की रिकवरी उसके पांच प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से पैसे निकाल कर की है । जबकि प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से दो अन्य खातों में पैसे का ट्रांसफर किया जाना था । दरअसल रेरा एक्ट के मुताबिक किसी भी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट के लिए बैंक में तीन खाते खोलने होते है । पहले खाते में एलॉटियों के द्वारा दिए 100 प्रतिशत का 30 प्रतिशत दूसरे खाते में रखना होता है जबकी बाकी के 70 प्रतिशत हिस्से को तीसरे खाते में । इस तीसरे खाते को रेरा खाता कहा जाता है जिसमें से पूरा पैसा सिर्फ प्रोजेक्ट के निर्माण में ही इस्तमाल किया जा सकता है । 

बाइट - के के खंडेलवाल - चेयरमैन, हरेरा

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हरेरा के अधिकारियों के मुताबिक फाइनेंस कंपनियों ने रेरा खाते में पैसा ट्रांसफर होने से पहले ही प्रोजेक्ट के एस्क्रौ एकाउंट से अपने लोन की रिकवरी के नाम पर पूरा पैसा निकाल लिया ।  रेरा एक्ट आने के बाद कोई भी बिल्डर अपने प्रोजेक्ट पर लोन लेकर उसे बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास गिरवी नही रख सकता । इतना ही नही बैंक बिल्डर के द्वारा लोन ना चुकाने के बाद उसकी रिकवरी प्रोजेक्ट से या उसके बैंक खाते से भी नही कर सकता है । लेकिन इस मामले मेें तीनों फाइनेंस कंपनियों ने बिल्डर के रेरा खाते में पैसे ट्रांसफर होने से पहले ही एस्क्रौ एकाउंट से पैसा निकाल गैर कानूनी तरीके से अपने लोन की रिकवरी कर ली ।

बाइट - के के खंडेलवाल - चेयरमैन, हरेरा 

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हरेरा की तरफ से इस मामले में बिल्डर को भी सोकॉज नोटिस जारी किया गया है । फाइनेंस कंपनियों ने जिन 4 प्रोजे्कट के एस्क्रौ खाते से पैसे निकाले है उन प्रोजेक्ट से करीब 4 से 5 हजार एलॉटी जुडे हुए है । फाइनेस कंपनी के द्वारा गलत तरीके से लोन की रिकवरी करने से ये सभी प्रोजेक्ट का निर्माण अधर में लटक गया है । हरेरा गुुरुग्राम के द्वारा इस मामले में पुलिस को शिकायत देने के साथ साथ सभी 4 प्रोजेक्ट के बैंक खातों को सील करा दिया गया है ताकि भविष्य में एलॉटियों के द्वारा आने वाली रकम को सुरक्षित किया जा सके ।
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