गुरुग्राम: साइबर सिटी में तेजी से बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या स्वास्थाय विभाग के लिए चिंता का विषय बनी है. गुरुवार को गुरुग्राम में रिकॉर्ड 215 कोरोना पॉजिटिव सामने आए. हालत ये हो चुकी है कि सरकारी आइसोलेशन और क्वॉरंटाइन सेंटर में बेड कम पड़ रहे हैं. गुरुग्राम जिले में बीते 4 दिनों में 500 से ज्यादा मरीज कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. अगर इसी रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ती रही तो स्वास्थ्य विभाग के लिए सभी को भर्ती कर इलाज करना मुश्किल हो जाएगा.
गुरुग्राम में तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन के पास पुख्ता इंतजाम है. अस्पतालों में बेड और वेंटिलेंटर की क्या व्यवस्था है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक गुरुग्राम में 900 बेड के क्वारंटाइन की व्यवस्था है. गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर रामप्रकाश के मुताबिक गुरुग्राम ज़िले में कुल 900 क्वारंटाइन बेड की व्यवस्था है. गुरुग्राम के सेक्टर 9 गर्ल्स कॉलेज, एसजीटी यूनिवर्सिटी, पटौदी के भोड़कला, केआर मंगलम कॉलेज में कुल मिलाकर 900 बेड की व्यवस्था है.
बढ़ाई जा रही बेड की संख्या
गुरुग्राम के होटल/गेस्ट हाउस में 500 से अधिक पेड क्वारंटाइन की भी व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक जिला प्रशासन ने पेड क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था भी की है. इस पेड क्वारंटाइन में 500 से अधिक बेड गुरुग्राम के अलग-अलग होटल और गेस्ट हाउस में हैं. जिसमें लोग पैसे देकर क्वॉरेंटाइन हो सकते हैं.
गुरुग्राम में 61 कम्युनिटी सेंटर में क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर बनाने की तैयारी है. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुग्राम जिले के 61 कम्युनिटी सेंटर को भी चिन्हित किया है. बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग कम्युनिटी सेंटर को आइसोलेशन और क्वारंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर बेड कम ना पड़े.
गुरुग्राम में आइसोलेशन के कुल 220 बेड हैं. गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर 9 ईएसआई हॉस्पिटल को कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटल घोषित किया हुआ है. वहीं मानेसर के मेडिओर हॉस्पिटल को भी कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटल बना दिया गया है. इन दोनों में मिलाकर गुरुग्राम में करीब 220 आइसोलेशन बेड हैं. साथ ही उसके जिला प्रशासन ने प्राइवेट हॉस्पिटल को भी आइसोलेशन बेड आरक्षित करने के लिए निर्देश दिए हैं.
कर्मचारियों की कमी
एनएचएम गुरुग्राम के अध्यक्ष हरीसिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में 14 से 15 कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, लेकिन गुरुग्राम में 1 क्वारंटीन सेंटर में मात्र 4 से 5 कर्मचारी ही शिफ्ट में काम कर रहे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि पहले स्वास्थ्य विभाग 14 दिन कर्मचारियों को काम कराने के बाद 14 दिन को क्वारेंटाइन किया जाता था. लेकिन बीते 2 महीने से क़वारंटाइन सेंटर में कार्यरत कर्मचारी 6,8 और 12 घंटे की शिफ्ट में लगातार काम कर रहे हैं. वहीं डॉक्टर रामप्रकाश की मानें तो क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर में मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ मिलाकर कुल 400 कर्मचारी काम कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत से कोविड-19 में लगी एंबुलेंस में कार्यरत कर्मचारी प्रमोद ने बताया की कोरोना संक्रमण के संकट की घड़ी में वो एंबुलेंस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और वो अप्रैल से कोविड-19 स्पेशल एंबुलेंस में काम कर रहे हैं. प्रमोद झज्जर के रहने वाले हैं. वो बीते 2 महीने से रोजाना 12 घण्टे अपनी सेवाए दे रहे हैं. अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वो घर जाने की बजाय जिला प्रशासन द्वारा क्वॉरंटाइन सेंटर में उनके रहने की व्यवस्था की है. ये सेंटर गेस्ट हाउस में है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं.
गुरुग्राम में लगातार बढ़ता कोरोना के आंकड़े की सबसे बड़ी वजह लॉक डाउन 4 में दी गई छूट को माना जा रहा है. गुरुग्राम में अब तक 1307 कोरोना संक्रमित मामले हैं. ऐसे में जिला प्रशासन के लिए कोरोना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. एक्टिव केसों का आंकड़ा भी एक हजार को पार कर 1015 पहुंच चुका है.