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BUDGET 2021: कोरोना के बाद कैसे पटरी पर लौट सकता है शिक्षा का क्षेत्र? जानें एक्सपर्ट की राय - शिक्षा बजट 2021 उम्मीद

कोरोना काल का सबसे ज्यादा असर शिक्षा के क्षेत्र पर भी देखने को मिला है. कई महीनों तक स्कूल बंद रहने की वजह से ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई, बल्कि शिक्षण संस्थानों पर भी काफी असर पड़ा है. ऐसे में केंद्रीय बजट के जरिए सरकार को शिक्षा के क्षेत्र को क्या राहत देनी चाहिए ये बता रहे हैं शिक्षा विशेषज्ञ ओपी शेहरावत-

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कोरोना के बाद कैसे पटरी पर लौट सकता है शिक्षा का क्षेत्र?
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Published : Jan 30, 2021, 1:28 PM IST

गुरुग्राम: कोरोना महामारी के बीच एक फरवरी को देश का आम बजट पेश होने जा रहा है. इस बजट से उद्योगों, बड़े कारोबारियों और खुदरा व्यापारियों से लेकर आम जनता तक को बड़ी उम्मीदें हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद कहा है कि यह बजट 100 वर्षों का सबसे अच्छा बजट होगा. वित्त मंत्री की घोषणा के बाद बजट को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.

ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा एक्सपर्ट ओपी सहरावत से खास बात की और जाना कि इस बार सरकार को शिक्षा के क्षेत्र के लिए क्या घोषणाएं करनी चाहिए?

कोरोना के बाद कैसे पटरी पर लौट सकता है शिक्षा का क्षेत्र?

क्या कहना है शिक्षा विशेषज्ञ का?

शिक्षा विशेषज्ञ ओपी शेहरावत की मानें तो इस बजट में सरकारी स्कूल की हालत सुधारने पर जोर देना होगा. ऐसा बजट लाना होगा कि हर जिले के सरकारी स्कूल में बेहतर सुविधा मिल सके और ऐसी सुविधा मिल सके जो बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में दी जाती है, क्योंकि जो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं उन्हें भी अच्छी शिक्षा मिल सके.

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ऐसे शिक्षा के क्षेत्र को मिल सकता है बढ़ावा

'बढ़ना चाहिए शिक्षा का बजट'

उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूल की हालत खस्ता है. ना तो वहां पर मूलभूत सुविधाएं हैं और ना ही शिक्षा का स्तर बेहतर है. ऐसे में सरकार को बजट में सरकारी स्कूलों को ध्यान में रखना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को संस्कृत से हटकर इंग्लिश पर फोकस करना चाहिए, क्योंकि अगर बच्चों को इंग्लिश नहीं आएगी तो बच्चों को आगे चलकर रोजगार पाने में दिक्कत होगी.

ये भी पढ़िए: बजट 2021-22: वित्त मंत्री से चंडीगढ़ की छात्राओं ने मांगा सस्ता लोन और नौकरियों में तरजीह

ओपी शेहरावत ने कहा कि स्कूलों में सरकार को नैतिक शिक्षा के पाठ को जरूर शामिल करना चाहिए, ताकि बच्चों में नैतिकता आ सके. साथ ही सरकार को टेक्निकल एजुकेशन और जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

गुरुग्राम: कोरोना महामारी के बीच एक फरवरी को देश का आम बजट पेश होने जा रहा है. इस बजट से उद्योगों, बड़े कारोबारियों और खुदरा व्यापारियों से लेकर आम जनता तक को बड़ी उम्मीदें हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद कहा है कि यह बजट 100 वर्षों का सबसे अच्छा बजट होगा. वित्त मंत्री की घोषणा के बाद बजट को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.

ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा एक्सपर्ट ओपी सहरावत से खास बात की और जाना कि इस बार सरकार को शिक्षा के क्षेत्र के लिए क्या घोषणाएं करनी चाहिए?

कोरोना के बाद कैसे पटरी पर लौट सकता है शिक्षा का क्षेत्र?

क्या कहना है शिक्षा विशेषज्ञ का?

शिक्षा विशेषज्ञ ओपी शेहरावत की मानें तो इस बजट में सरकारी स्कूल की हालत सुधारने पर जोर देना होगा. ऐसा बजट लाना होगा कि हर जिले के सरकारी स्कूल में बेहतर सुविधा मिल सके और ऐसी सुविधा मिल सके जो बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में दी जाती है, क्योंकि जो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं उन्हें भी अच्छी शिक्षा मिल सके.

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ऐसे शिक्षा के क्षेत्र को मिल सकता है बढ़ावा

'बढ़ना चाहिए शिक्षा का बजट'

उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूल की हालत खस्ता है. ना तो वहां पर मूलभूत सुविधाएं हैं और ना ही शिक्षा का स्तर बेहतर है. ऐसे में सरकार को बजट में सरकारी स्कूलों को ध्यान में रखना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को संस्कृत से हटकर इंग्लिश पर फोकस करना चाहिए, क्योंकि अगर बच्चों को इंग्लिश नहीं आएगी तो बच्चों को आगे चलकर रोजगार पाने में दिक्कत होगी.

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ओपी शेहरावत ने कहा कि स्कूलों में सरकार को नैतिक शिक्षा के पाठ को जरूर शामिल करना चाहिए, ताकि बच्चों में नैतिकता आ सके. साथ ही सरकार को टेक्निकल एजुकेशन और जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

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