गुरुग्राम: कोरोना महामारी के बीच एक फरवरी को देश का आम बजट पेश होने जा रहा है. इस बजट से उद्योगों, बड़े कारोबारियों और खुदरा व्यापारियों से लेकर आम जनता तक को बड़ी उम्मीदें हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद कहा है कि यह बजट 100 वर्षों का सबसे अच्छा बजट होगा. वित्त मंत्री की घोषणा के बाद बजट को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.
ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने शिक्षा एक्सपर्ट ओपी सहरावत से खास बात की और जाना कि इस बार सरकार को शिक्षा के क्षेत्र के लिए क्या घोषणाएं करनी चाहिए?
क्या कहना है शिक्षा विशेषज्ञ का?
शिक्षा विशेषज्ञ ओपी शेहरावत की मानें तो इस बजट में सरकारी स्कूल की हालत सुधारने पर जोर देना होगा. ऐसा बजट लाना होगा कि हर जिले के सरकारी स्कूल में बेहतर सुविधा मिल सके और ऐसी सुविधा मिल सके जो बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में दी जाती है, क्योंकि जो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं उन्हें भी अच्छी शिक्षा मिल सके.
'बढ़ना चाहिए शिक्षा का बजट'
उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूल की हालत खस्ता है. ना तो वहां पर मूलभूत सुविधाएं हैं और ना ही शिक्षा का स्तर बेहतर है. ऐसे में सरकार को बजट में सरकारी स्कूलों को ध्यान में रखना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को संस्कृत से हटकर इंग्लिश पर फोकस करना चाहिए, क्योंकि अगर बच्चों को इंग्लिश नहीं आएगी तो बच्चों को आगे चलकर रोजगार पाने में दिक्कत होगी.
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ओपी शेहरावत ने कहा कि स्कूलों में सरकार को नैतिक शिक्षा के पाठ को जरूर शामिल करना चाहिए, ताकि बच्चों में नैतिकता आ सके. साथ ही सरकार को टेक्निकल एजुकेशन और जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज पर भी ध्यान देने की जरूरत है.