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सोहना: धान और कपास बेचने आए किसान नाखुश, व्यापारी औने-पौने दामों पर खरीद रहे फसल

सोहना अनाज मंडी में धान और कपास बेचने आए किसान नाखुश होकर घर लौट रहे हैं. किसानों को अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है. किसानों का आरोप है कि व्यापारी औने-पौने दाम पर धान और कपास खरीद रहे हैं.

सोहना अनाज मंडी
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Published : Nov 8, 2019, 5:17 PM IST

गुरुग्राम: लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में जहां केंद्र सरकार द्वारा साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की बात कही जा रही थी. वहीं केंद्र सरकार के घोषणा पत्र की जमीनी हकीकत हरियाणा के सोहना की अनाज मंडी में देखने को मिली है. जहां पर किसानों की धान की फसल पिछले साल की तुलना में आधे दामों पर खरीदी जा रही है.

किसानों के कपास के दाम भी पिछले साल की अपेक्षा कम दिए जा रहे हैं. ऐसे में ये समझा जा सकता है कि क्या हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के घोषणा पत्र के स्वरूप काम कर रही है या फिर घोषणा पत्र के विपरित.

सरकारी खरीद ना होने से व्यापारियों की बल्ले-बल्ले, देखें वीडियो

गौरतलब है कि अबकी बार हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की धान और कपास की खरीद नहीं की जा रही है. जिसके चलते व्यापारी मनमर्जी से औने-पौने दामों पर किसान की धान और कपास की फसल को खरीद रहे हैं.

ये भी पढ़ें- चरखी दादरी: बारिश में भीगने से हजारों क्विंटल बाजरा हुआ खराब, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

औने-पौने दाम में व्यापारी खरीद रहे धान और कपास- किसान
जहां पिछले साल किसान का धान 35-36 सौ रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया था. वहीं अबकी बार व्यापारी धान 1800 से 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं. किसान की कपास की फसल पिछले साल 55-56 सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी गई थी, लेकिन अबकी बार पांच हजार से ऊपर नहीं खरीदी जा रही.

किसानों को कब मिलेगा उचित दाम ?
किसान अब अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है. एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने की बात कह रही है तो हरियाणा सरकार किसानों की आय को कम कर रही है. अब ऐसे में देखना ये होगा कि क्या केंद्र सरकार किसानों की गिरती आय के मसले को लेकर हरियाणा सरकार से बात करती है या फिर यूं ही किसानों की फसल को औने-पौने दामों पर व्यापारी खरीदते रहेंगे.

गुरुग्राम: लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में जहां केंद्र सरकार द्वारा साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की बात कही जा रही थी. वहीं केंद्र सरकार के घोषणा पत्र की जमीनी हकीकत हरियाणा के सोहना की अनाज मंडी में देखने को मिली है. जहां पर किसानों की धान की फसल पिछले साल की तुलना में आधे दामों पर खरीदी जा रही है.

किसानों के कपास के दाम भी पिछले साल की अपेक्षा कम दिए जा रहे हैं. ऐसे में ये समझा जा सकता है कि क्या हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के घोषणा पत्र के स्वरूप काम कर रही है या फिर घोषणा पत्र के विपरित.

सरकारी खरीद ना होने से व्यापारियों की बल्ले-बल्ले, देखें वीडियो

गौरतलब है कि अबकी बार हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की धान और कपास की खरीद नहीं की जा रही है. जिसके चलते व्यापारी मनमर्जी से औने-पौने दामों पर किसान की धान और कपास की फसल को खरीद रहे हैं.

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औने-पौने दाम में व्यापारी खरीद रहे धान और कपास- किसान
जहां पिछले साल किसान का धान 35-36 सौ रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया था. वहीं अबकी बार व्यापारी धान 1800 से 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं. किसान की कपास की फसल पिछले साल 55-56 सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी गई थी, लेकिन अबकी बार पांच हजार से ऊपर नहीं खरीदी जा रही.

किसानों को कब मिलेगा उचित दाम ?
किसान अब अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है. एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने की बात कह रही है तो हरियाणा सरकार किसानों की आय को कम कर रही है. अब ऐसे में देखना ये होगा कि क्या केंद्र सरकार किसानों की गिरती आय के मसले को लेकर हरियाणा सरकार से बात करती है या फिर यूं ही किसानों की फसल को औने-पौने दामों पर व्यापारी खरीदते रहेंगे.

Intro:सरकारी खरीद नही होने से व्यपारियो की बल्ले बल्ले

किसानों की कपास की फसल को खरीद रहे ओने पोने दामो पर

पिछले साल की अपेक्षा अबकी बार कपास के मिल रहे कम रेट

अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा धरतीपुत्र

Body:वीओ..लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में जहां केंद्र सरकार द्वारा साल 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने की बात कही जा रही थी..वही केंद्र सरकार के घोषणा पत्र की जमीनी हकीकत हरियाणा के सोहना की अनाजमंडी में देखने को मिली है..जहाँ पर किसानों की धान की फसल पिछले साल की अपेक्षा अबकी बात आधे दामो पर खरीदी जा रही है..वही किसान की कपास की दाम भी पिछली साल की अपेक्षा कम दिए जा रहे है..ऐसे में आप खुद समझ सकते है कि क्या हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के घोषणा पत्र के स्वरूप काम कर रही है या फिर घोषणा पत्र के विपरित....

बाइट:-किसान

Conclusion:वीओ..गौरतलब है कि अबकी बार हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की धान व कपास की खरीद नही की जा रही है..जिसके चलते वयापारी मनमर्जी तरीके से ओने पोने दामो में किसान की धान व कपास की फसल को खरीद रहे है..जहाँ पिछले साल किसान का धान 35-36 सौ रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया था..वही धान अबकी बार वयापारी 18सौ दो हजार रुपये क्विटल के हिसाब से खरीद रहे है..वही किसान की कपास की फसल पिछले साल 55-56 सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी गई थी..लेकिन अबकी बार पाँच हजार से ऊपर नही खरीदी जा रही..जिसे लेकर किसान अपने आपको ठग्गा हुआ महसूस कर रहा है..जहाँ एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आय को 2022 तक दो गुना करने की बात कह रही है ..तो हरियाणा सरकार किसानों की आय को कम कर रही है.अब ऐसे में देखना यह होगा कि क्या केंद्र सरकार किसानों की गिरती आय के मसले को लेकर हरियाणा सरकार से बात करती है या फिर यू ही किसानो की फसल को ओने पोने दामो पर वयापारी खरीदते रहेंगे।

बाइट:-किसान।

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