गुरुग्राम: फिल्म उद्योग सभी वर्ग के लोगों के लिए मनोरंजन का प्रमुख साधन है. कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से फिल्म इंडस्ट्री भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कई फिल्में बनकर तैयार हैं, लेकिन रिलीज के लिए अभी और कितना इंतजार करना पड़ेगा ये कहना थोड़ा मुश्किल है. लॉकडाउन की शुरुआत से ही सिनेमा थीयेटर बंद पड़े हैं.
मिराज सिनेमा के मैनेजिंग एडिटर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि सालाना करीब 12 हजार करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन होता है और हर महीने लगभग 13 सौ करोड़ का नुकसान फिल्म एक्जीबिटर्स को लॉकडाउन के कारण हो रहा है अमित शर्मा ने कहा कि अगर जल्द ही थियेटरों को नहीं खोला गया तो आने वाले दिनों मे हालात और मुश्किल हो सकते हैं.
सिंगल थिएटरों के लिए ये वक्त किसी सूनामी की तरह है. जिससे बचना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है. अगर थिएटर बंद होते हैं और वहां से लोगों की छटनी होती है तो भारी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने सरकार से राहत की मांग की है. फिल्म एक्जीबिटर भी सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम बचाव के काम करने के लिए तैयार हैं.
फिल्म एक्जीबिटर ने सरकार से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और सैनिटाइजेशन प्रक्रिया के साथ तमाम सुझाव सरकार को दिए हैं. जिसका फिल्म थिएटर में पालन किया जाएगा. ऐसे में अब सिनेमाहॉल में बैठने के कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. फैमली ग्रुप को एक साथ बिठाया जाएगा. दूसरे लोगों को बिठाने के लिए कुछ दूरी रखी जाएगी.
फिल्म एक्जीबिटर्स को लॉक डाउन के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. अमित शर्मा के मुताबिक करीब 2 लाख परिवार की रोजी-रोटी भी इस इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि हमने इस मुश्किल वक्त में अभी तक किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला है. अभी तक सभी कर्मचारियों की सैलरी टाइम पर दी जा रही है. अगल लंबे वक्त थियेटर बंद रहे तो ये लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.
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जहां सरकार ने उद्योग जगत को पटरी पर लाने के लिए एमएसएमई सेक्टर को बड़ी राहत दी है. ऐसे ही फिल्म एक्जीबिटर भी सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. फिल्म एक्जीबिटर्स का कहना है कि सरकार एमएसएमई की तरह कुछ रियायत इस इंडस्ट्री को भी दे. साथ ही जीएसटी में भी छूट दे ताकि ये इंडस्ट्री फिर खड़ी हो सके और लाखों लोगों के रोजगार बचाया जा सके.