गुरुग्राम: पूरा देश अब डिजिटल मोड ऑफ पेमेंट का जरिया अपना रहा है. लोग अब कैश रखने की बजाए डेबिट कार्ड या पेमेंट वॉलेट से भुगतान करना पसंद कर रहे है. जो नए इंडिया को कैशलेस बनाने के लिए बहुत अच्छा और जरूरी भी है, लेकिन अपराधी इस कैशलेस प्रक्रिया पर सेंध लगा रहे हैं. क्योंकि गुरुग्राम में बढ़ते साइबर अपराध के मामले ये बयां कर रहे है कि अभी भी लोगों को जगरूक होने की आवश्यकता है.
'90 फ्रॉड केस दर्ज हो चुके हैं'
दरअसल गुरुग्राम में बीते साल के मुकाबले इस साल लगभग दोगुने मामले गुरुग्राम के साइबर थाने में दर्ज किए गए हैं. साल 2018 में साइबर थाने में 50 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2019 के अभी तक लगभग 90 मामले दर्ज हो चुके है. जिसमे से गुरुग्राम पुलिस मात्र 32 मामले ही सुलझा पाई है और बाकी 58 मामलों की जांच अभी तक चल ही रही है.
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'डिजिटल इंडिया की शुरुआत'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को कैशलेस बनाने का सपना देख रहे हैं. जिसके लिए उन्होंने डिजिटल इंडिया की भी शुरुआत की है. ऐसे में साइबर अपराध के बढ़ते मामले कैशलेस भारत के सपने में रुकावट ला सकते हैं. वहीं गुरुग्राम पुलिस की मानें तो लोगों को अभी भी जागरूक होने की आवश्यकता है और गुरुग्राम पुलिस भी समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करती रहती है.