गुरुग्रामः सीआईडी को प्रदेश सरकार में मची खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. खबरें आ रही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सीआईडी को अपने पास रखना चाहते हैं, सीएमओ की वेबसाइट पर भी सीआईडी विभाग मुख्यमंत्री के पास होने की जानकारी मिल रही थी.
कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग - गृह मंत्री
वहीं गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग है. अनिल विज ने कहा कि वेबसाइट से नाम हटाने और लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन जिस व्यक्ति ने भी इस वेबसाइट से छेड़छाड़ की है उसकी जांच होनी चाहिए और उसपर कार्रवाई भी होनी चाहिए.
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मुख्यमंत्री चाहे तो ले सकते हैं विभाग - गृह मंत्री
अनिल विज ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की पावर है कि वो किस विभाग को किसे देते है या नहीं देता हैं. लेकिन इस के लिए एक प्रक्रिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री को पहले कैबिनेट से मंजूरी लेनी होती है और उसके बाद विधानसभा में इसे पास कराना होता है. लेकिन ऐसे वेब साइट पर हटाने और लगाने से विभाग अलग नहीं होते है.
मामले में बोलने से बच रहे मुख्यमंत्री
वहीं सीआईडी पर मचे घमासान के बीच अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सीधे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. सीएम से जब ये पूछा गया कि पहले विधानसभा की वेबसाइट पर मंत्रियों के नाम और पोर्टफोलियों आ रहे थे. लेकिन अब अपडेसन लिखकर आ रहा है. तो उन्होंने कह दिया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है.
मामले में गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रुख को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री सवालों से बच रहे हैं, वहीं गृह मंत्री अनिल विज अपने मिजाज के मुताबिक खुलकर बैंटिंग कर रहे हैं.
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