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CID पर आमने-सामने विज और सीएम,खुलकर बैटिंग कर रहे गृह मंत्री तो सवालों से कन्नी काट रहे सीएम - सीआईडी मामले में खुलकर बैटिंग कर रहे अनिल विज

गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग है. अनिल विज ने कहा कि वेबसाइट से नाम हटाने और लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

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Published : Jan 9, 2020, 9:48 PM IST

गुरुग्रामः सीआईडी को प्रदेश सरकार में मची खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. खबरें आ रही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सीआईडी को अपने पास रखना चाहते हैं, सीएमओ की वेबसाइट पर भी सीआईडी विभाग मुख्यमंत्री के पास होने की जानकारी मिल रही थी.

कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग - गृह मंत्री
वहीं गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग है. अनिल विज ने कहा कि वेबसाइट से नाम हटाने और लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन जिस व्यक्ति ने भी इस वेबसाइट से छेड़छाड़ की है उसकी जांच होनी चाहिए और उसपर कार्रवाई भी होनी चाहिए.

सीआईडी मामले में खुलकर बैटिंग कर रहे अनिल विज, सवालों से कन्नी काट रहे सीएम.

ये भी पढ़ेंः- डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सिर्फ 250 रुपये बुढ़ापा पेंशन बढ़ोतरी पर तोड़ी चुप्पी

मुख्यमंत्री चाहे तो ले सकते हैं विभाग - गृह मंत्री
अनिल विज ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की पावर है कि वो किस विभाग को किसे देते है या नहीं देता हैं. लेकिन इस के लिए एक प्रक्रिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री को पहले कैबिनेट से मंजूरी लेनी होती है और उसके बाद विधानसभा में इसे पास कराना होता है. लेकिन ऐसे वेब साइट पर हटाने और लगाने से विभाग अलग नहीं होते है.

मामले में बोलने से बच रहे मुख्यमंत्री
वहीं सीआईडी पर मचे घमासान के बीच अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सीधे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. सीएम से जब ये पूछा गया कि पहले विधानसभा की वेबसाइट पर मंत्रियों के नाम और पोर्टफोलियों आ रहे थे. लेकिन अब अपडेसन लिखकर आ रहा है. तो उन्होंने कह दिया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है.

मामले में गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रुख को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री सवालों से बच रहे हैं, वहीं गृह मंत्री अनिल विज अपने मिजाज के मुताबिक खुलकर बैंटिंग कर रहे हैं.

ये भी पढेंः- IAS जगदीप सिंह पर अशोक खेमका ने लगाए गंभीर आरोप, विज ने कहा मामले की होगी जांच

गुरुग्रामः सीआईडी को प्रदेश सरकार में मची खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. खबरें आ रही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सीआईडी को अपने पास रखना चाहते हैं, सीएमओ की वेबसाइट पर भी सीआईडी विभाग मुख्यमंत्री के पास होने की जानकारी मिल रही थी.

कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग - गृह मंत्री
वहीं गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कानून के हिसाब से सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग है. अनिल विज ने कहा कि वेबसाइट से नाम हटाने और लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन जिस व्यक्ति ने भी इस वेबसाइट से छेड़छाड़ की है उसकी जांच होनी चाहिए और उसपर कार्रवाई भी होनी चाहिए.

सीआईडी मामले में खुलकर बैटिंग कर रहे अनिल विज, सवालों से कन्नी काट रहे सीएम.

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मुख्यमंत्री चाहे तो ले सकते हैं विभाग - गृह मंत्री
अनिल विज ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की पावर है कि वो किस विभाग को किसे देते है या नहीं देता हैं. लेकिन इस के लिए एक प्रक्रिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री को पहले कैबिनेट से मंजूरी लेनी होती है और उसके बाद विधानसभा में इसे पास कराना होता है. लेकिन ऐसे वेब साइट पर हटाने और लगाने से विभाग अलग नहीं होते है.

मामले में बोलने से बच रहे मुख्यमंत्री
वहीं सीआईडी पर मचे घमासान के बीच अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सीधे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. सीएम से जब ये पूछा गया कि पहले विधानसभा की वेबसाइट पर मंत्रियों के नाम और पोर्टफोलियों आ रहे थे. लेकिन अब अपडेसन लिखकर आ रहा है. तो उन्होंने कह दिया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है.

मामले में गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रुख को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री सवालों से बच रहे हैं, वहीं गृह मंत्री अनिल विज अपने मिजाज के मुताबिक खुलकर बैंटिंग कर रहे हैं.

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Intro:सीआईडी विभाग पर अनिल विज का बयान 

सीआईडी विभाग गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग 

वेब साइट पर पोर्टफोलियों जिसने छेड़छाड़ की उसके खिलाफ कार्रवाई 

मुख्यमंत्री का विभागों के लेने का अधिकारी लेकिन उसकी एक कानून प्रक्रिया 

Body:एंकर 

सीआईडी विभाग मामले पर पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अनिल विज के बीच चल रहे विवाद पर अनिल विज ने कहा कि सीआईडी गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग है...वही वेब साइट पर मंत्रालयों के पोर्टफोलियों पर छेड़छाड करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए..

Conclusion:वीओ-1

सीआईडी विभाग को लेकर अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच जो विवाद नजर आ रहा है  उसपर मुख्यमंत्री ने अपनी दलील दी है कि वेबसाइट पर पोर्टफोलियो किसने हटाया उन्हे इस बात की जानकारी नहीं है....लेकिन वो चंड़ीगढ़ जायेंगे तो इस बारे में जानकारी लेकर बता पायेंगे....वही इस पर गृह मंत्री ने अनिल विज ने साफ कर दिया है कि कानून के हिसाब से सीआईडी विभाग गृह मंत्रालय का अभिन्न अंग है....वेब साइट से नाम हटाने और लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है...लेकिन जिस व्यक्ति ने भी इस वेबसाइट से छेड़छाड़ की है उसकी जांच होनी चाहिए और उसपर कार्रवाई भी होनी चाहिए....


बाइट, मनोहर लाल, सीएम 

बाइट, अनिल विज, गृहमंत्री हरियाणा सरकार 


वीओ-2

अनिल विज ने ये भी कहा कि किसी विभाग को अलग करना मुख्यमंत्री का अधिकार है लेकिन इसी करने के लिए मुख्यमंत्री को पहले कैबिनेट से मंजूरी लेनी होती है और उसके बाद विधानसभा में इसे पास कराना होता है....लेकिन ऐसे वेब साइट पर हटाने और लगाने से विभाग अलग नहीं होते है.....सीआईडी विभाग पर मचे घमासान के बीच अब सीधे तौर पर कह सकते है कि मुख्यमंत्री इस मामले पर कुछ नहीं बोल रहे है लेकिन अनिल विज सीआईडी विभाग को गृहमंत्रालय का अभिन्न अंग बता कर ये साफ कर रहे है कि ये विभाग को तो उनका ही है.....

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