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फतेहाबादः पानी की गुणवत्ता को लेकर आमने-सामने दो सरकारी विभाग - स्वास्थ्य विभाग ने पाया पानी का सैंपल फैल

जिस पानी को स्वास्थ्य विभाग ने फेल बताकर उपमंडल अधिकारी को पत्र लिखा था. उसी पानी को जनस्वास्थ्य विभाग ठीक बता रहा है.

जन जनस्वास्थ्य विभाग ने बताया ठीक
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Published : Jun 1, 2019, 8:47 PM IST

फतेहाबाद: जिले में स्वास्थ्य विभाग और जनस्वास्थ्य विभाग की आपस में ठन गई है. हाल में स्वास्थ्य विभाग ने टोहाना की कई कॉलोनियों से पानी के सैंपल लिए थे, स्वास्थ्य विभाग की जांच में पानी के सैंपल फेल पाए गए थे.

जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उपमंडल अधिकारी को पत्र लिखकर किसी भी बीमारी फैलने की सूरत में उनकी जिम्म्मेदारी की बात की थी. अब जनस्वास्थ्य विभाग ने पानी के सैंपल की जांच की है. जनस्वास्थ्य विभाग की जांच में बताया गया है कि पानी ठीक है.

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विभाग के कनिष्ठ अभियंता महावीर ने बताया कि पानी में क्लोरीन की मात्रा उचित है, जिसे किसी भी स्थिति में फेल नहीं कहा जा सकता. वहीं उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए सैम्पल की प्रणाली पर भी सवाल उठाया. उनका कहना था कि जैसे आरोप स्वास्थ्य विभाग ने लगाए हैं ऐसा कुछ भी नहीं है फिर भी वो अपने स्तर पर फील्ड में आकर जांच में जुटे हैं, जो भी कोई कमी होगी उसे दुरस्त किया जाएगा.

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जनस्वास्थ्य विभाग के ये कहने से स्वास्थ्य विभाग पर उल्टा सवाल खड़ा हो गया है. वहीं इस सब के बीच पीने के साफ पानी आमजन में चर्चा का विषय बना हुआ है

फतेहाबाद: जिले में स्वास्थ्य विभाग और जनस्वास्थ्य विभाग की आपस में ठन गई है. हाल में स्वास्थ्य विभाग ने टोहाना की कई कॉलोनियों से पानी के सैंपल लिए थे, स्वास्थ्य विभाग की जांच में पानी के सैंपल फेल पाए गए थे.

जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उपमंडल अधिकारी को पत्र लिखकर किसी भी बीमारी फैलने की सूरत में उनकी जिम्म्मेदारी की बात की थी. अब जनस्वास्थ्य विभाग ने पानी के सैंपल की जांच की है. जनस्वास्थ्य विभाग की जांच में बताया गया है कि पानी ठीक है.

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विभाग के कनिष्ठ अभियंता महावीर ने बताया कि पानी में क्लोरीन की मात्रा उचित है, जिसे किसी भी स्थिति में फेल नहीं कहा जा सकता. वहीं उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए सैम्पल की प्रणाली पर भी सवाल उठाया. उनका कहना था कि जैसे आरोप स्वास्थ्य विभाग ने लगाए हैं ऐसा कुछ भी नहीं है फिर भी वो अपने स्तर पर फील्ड में आकर जांच में जुटे हैं, जो भी कोई कमी होगी उसे दुरस्त किया जाएगा.

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जनस्वास्थ्य विभाग के ये कहने से स्वास्थ्य विभाग पर उल्टा सवाल खड़ा हो गया है. वहीं इस सब के बीच पीने के साफ पानी आमजन में चर्चा का विषय बना हुआ है

Intro:स्वास्थ्य विभाग ने अपनी जांच में जिस कालोनी के सैम्पल को फेल बताया। उसी को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग
बताया की स्वास्थ्य विभाग को नही लेने आए सैम्पल ।
जन स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग घरों में जाकर चेकिंग के बाद कही ये बात। Body:टोहाना शहर में पेय जल की आपूर्ति के दो सैम्पल फेल आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उपमंडल अधिकारी को पत्र लिखकर किसी भी बीमारी फैलने की सूरत में उनकी जिम्म्मेवारी की बात की थी। जिसके बाद जहाँ शहर के निवासी परेशानी महसूस कर रहे थे वही जनस्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए थे। जिसको लेकर आज विभाग ने चिन्हित कॉलोनी में जाकर पानी की जांच की इस दौरान की गई जांच में विभाग के कनिष्ठ अभियंता महावीर का कहना था कि पानी में क्लोरीन की मात्रा उचित है जिसे किसी भी स्थिति में फेल नहीं कहा जा सकता। वही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए सेम्पल की प्रणाली पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि जैसे आरोप स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए है ऐसा कुछ भी नहीं है फिर भी वो अपने स्तर पर फील्ड में आकर जांच में जुटे हैं जो भी कोई कमी होगी उसे दुरस्त किया जाएगा।
जनस्वास्थ्य विभाग के यह कहने से स्वास्थ्य विभाग पर उल्टा सवाल खड़ा हो गया है। पर इस सब के बीच पीने के साफ पानी का विषय आमजन में चर्चा का विषय बना हुआ है। Conclusion:टोहाना से नवल सिंह की रिपोर्ट
9729699115
babanaval@gmail.com
बाइट1 - कनिष्ठ अभियन्ता महावीर जन स्वास्थ्य विभाग टोहाना
विजुलल2 - सैम्पल लेते हुए जनस्वास्थ्य विभाग टोहाना
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