फतेहाबाद: हरियाणा में चुनाव आयोग सत्ता दल बीजेपी से डरा हुआ दिखाई पड़ रहा है. रतिया विधानसभा क्षेत्र के गांव अलीका में दुर्गा मंदिर में बीजेपी की उम्मीदवार सुनीता दुग्गल ने चुनावी सभा को संबोधित किया. चुनाव आचार संहिता के मुताबिक धार्मिक स्थान पर चुनावी सभा आयोजित नहीं की जा सकती है.
मीडिया में खबर आने के बाद एसडीएम रतिया ने खाना पूर्ति के लिए बीजेपी के उम्मीदवार सुनीता दुग्गल के नाम नोटिस जारी करने की बजाय आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस दुर्गा मंदिर के नाम से काट दिया. अब कोई ये नहीं समझ पा रहा है कि दुर्गा मंदिर आखिर इस नोटिस का जवाब कैसे देगा. मीडिया ने जब रतिया एसडीएम से इस संबंध में बात करने की कोशिश की तो एसडीएम डॉ. किरण ने कैमरे के सामने आने से ही स्पष्ट मना कर दिया.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर को भी चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का दोषी मानते हुए नोटिस जारी किया गया. फतेहाबाद के एसडीएम सुजीत सिंह नैन की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर ने चुनावी बैठक में बिजली विभाग के एक्सईएन और एससी को सरकार आने पर बर्खास्त और सस्पेंड करने की धमकी दी है.
देखने वाली बात यह है कि बीजेपी की उम्मीदवार जब आचार संहिता का उल्लंघन करती है तो प्रशासन की ओर से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस दुर्गा मंदिर के नाम से दिया गया और मीडिया से भी जानकारी छुपाने का प्रयास किया गया, लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर के नाम से नोटिस जारी किया गया और बाकायदा एसडीएम ने मीडिया के कैमरे के सामने आकर इसकी जानकारी भी दी. चुनाव आयोग की इस भेदभाव पूर्ण कार्रवाई पर मुख्य विपक्षी दल ने सवाल खड़े किए हैं.