फतेहाबाद: हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन पर छोटी जोत वाले किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल देने का प्रावधान किया है. सरकार ने ये फैसला पराली जलाने के मामलों में कमी लाने के लिए किया है. इसके अलावा किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर पराली जलाने के मामलों में कमी लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब ये मांग उठ रही है कि किसानों पर दर्ज किए गए केसों को सरकार वापस ले.
‘केस वापस लेना का कैबिनेट का फैसला’
बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल से जब किसानों पर दर्ज पराली के मामलों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनकी कैबिनेट का है. किसानों पर दर्ज केस वापस लेने का फैसला मंत्रियों और विपक्षी पार्टियों से सलाह लेकर ही लिया जाएगा.
पराली के समाधान पर सरकार गंभीर-दुग्गल
बता दें कि सिरसा लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल कार्यकर्ताओं की बैठक लेने टोहाना पहुंची थी. जहां उन्होंने ये बात कही. इसके साथ ही दुग्गल ने कहा कि उनकी पराली के बारे में हरियाणा भवन में मुखयमंत्री से विस्तार से चर्चा हुई है. पराली के स्थाई समाधान को लेकर सरकार गंभीर है और इस बारे विचार भी किया जा रहा है.
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किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी हरियाणा सरकार
गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को फटकार लगाई थी. साथ कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसानों को पराली के निस्तारण के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से इंसेन्टिव या प्रोत्साहन राशि का भुगतान सरकार की ओर से किया जाए. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया. बता दें कि ये आदेश बासमती चावल की खेती से पैदा होने वाली पराली पर लागू नहीं होगा.