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नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी, मरीजों को उठानी पड़ रही परेशानी

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Published : Feb 10, 2020, 4:36 PM IST

फार्मासिस्ट की कमी के चलते टोहाना नागरिक अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों ने प्रदेश सरकार से फार्मासिस्ट भेजकर समस्या के स्थाई हल की मांग की है.

shortage of pharmacists in tohana civil hospital
नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी

फतेहाबाद: डाक्टरों की कमी झेल रहे नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी समस्या मरीजों के लिए परेशानियों का सबब बनती जा रही है. फार्मासिस्ट की कमी के चलते मरीजों को घंटों लंबी कतारों में लगकर दवाईयों का इंतजार करना पड़ रहा है. कई बार नागरिक अस्पताल की डिस्पेंसरी में फार्मासिस्ट के न होने से एंबुलेंस चालक व अन्य चतुर्थ श्रेणी के कर्मी दवाई देते हैं. जिससे मरीजों को नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है.

सरकार से की समस्या के समाधान की मांग
वहीं मरीजों ने प्रदेश सरकार से फार्मासिस्ट भेजकर समस्या के स्थाई हल की मांग की है. जानकारी अनुसार नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट के तीन पद है. जिनमें से एक कर्मी का तबादला तथा दूसरा रिटायर हो चुका है. जिसके चलते अकेले कर्मी को स्टोर व डिस्पेंसरी दोंनो का कार्य देखना पड़ रहा है.

नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी

घंटों लाइन में खड़े रहते हैं मरीज
इस अस्पताल में रोजाना 600 से 700 के बीच लोग दवाई लेने के लिए आते हैं. लेकिन फार्मासिस्ट की कमी होने के चलते कई बार ड्राईवर, स्टाफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मी दवाई देते हुए मिलते है. अस्पताल में मरीज ठीक होने के लिए आते हैं लेकिन घंटों लाइन में लगने के बाद कई मरीज चक्कर खाकर भी गिर जाते हैं.

कर्मचारियों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
इस दौरान दवाई लेने के लिए आई महिला कविता ने बताया कि दवाई लेने के लिए एक घंटे से लाईन में खड़ी है. लेकिन एक कर्मचारी होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उसने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की कमी को दूर करना चाहिए.

जल्द होगा समस्या का समाधान
वहीं जब इस बारे में एसएमओ हरविंद्र सागु ने बताया कि तीन फार्मासिस्ट अस्पताल में तैनात थे लेकिन एक का तबादला हो गया जबकि दूसरा सेवानिवृत्त हो गया है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में 600 से अधिक ओपीडी होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एसएमओ ने बताया जल्द समस्या का हल होने की संभावना है.

ये भी पढ़ेंः- रादौर: नशे के खिलाफ सरकार के साथ कई NGO, स्कूलों में चलाएंगे नशा मुक्ति सेमिनार

फतेहाबाद: डाक्टरों की कमी झेल रहे नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी समस्या मरीजों के लिए परेशानियों का सबब बनती जा रही है. फार्मासिस्ट की कमी के चलते मरीजों को घंटों लंबी कतारों में लगकर दवाईयों का इंतजार करना पड़ रहा है. कई बार नागरिक अस्पताल की डिस्पेंसरी में फार्मासिस्ट के न होने से एंबुलेंस चालक व अन्य चतुर्थ श्रेणी के कर्मी दवाई देते हैं. जिससे मरीजों को नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है.

सरकार से की समस्या के समाधान की मांग
वहीं मरीजों ने प्रदेश सरकार से फार्मासिस्ट भेजकर समस्या के स्थाई हल की मांग की है. जानकारी अनुसार नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट के तीन पद है. जिनमें से एक कर्मी का तबादला तथा दूसरा रिटायर हो चुका है. जिसके चलते अकेले कर्मी को स्टोर व डिस्पेंसरी दोंनो का कार्य देखना पड़ रहा है.

नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी

घंटों लाइन में खड़े रहते हैं मरीज
इस अस्पताल में रोजाना 600 से 700 के बीच लोग दवाई लेने के लिए आते हैं. लेकिन फार्मासिस्ट की कमी होने के चलते कई बार ड्राईवर, स्टाफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मी दवाई देते हुए मिलते है. अस्पताल में मरीज ठीक होने के लिए आते हैं लेकिन घंटों लाइन में लगने के बाद कई मरीज चक्कर खाकर भी गिर जाते हैं.

कर्मचारियों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
इस दौरान दवाई लेने के लिए आई महिला कविता ने बताया कि दवाई लेने के लिए एक घंटे से लाईन में खड़ी है. लेकिन एक कर्मचारी होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उसने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की कमी को दूर करना चाहिए.

जल्द होगा समस्या का समाधान
वहीं जब इस बारे में एसएमओ हरविंद्र सागु ने बताया कि तीन फार्मासिस्ट अस्पताल में तैनात थे लेकिन एक का तबादला हो गया जबकि दूसरा सेवानिवृत्त हो गया है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में 600 से अधिक ओपीडी होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एसएमओ ने बताया जल्द समस्या का हल होने की संभावना है.

ये भी पढ़ेंः- रादौर: नशे के खिलाफ सरकार के साथ कई NGO, स्कूलों में चलाएंगे नशा मुक्ति सेमिनार

Intro:जिला फतेहाबाद टोहाना के नागरिक अस्पताल में तीन फार्मासिस्ट में से एक कर्मी के तबादले व दूसरे के सेवानिर्वत हो जाने से दवा बाटने का काम समस्या बना हुआ है। जिसके चलते अस्पताल के एंबुलेंस चालक व अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी दवा वितरण करते देखे जा सकते है। इस कर्मी को एसएमओं स्वीकार करते हुए कहते है उच्चअधिकारियों को लिखा जा चुका है, जल्द ही समस्या का समाधान होगा।Body:डाक्टरों की कमी झेल रहे नागरिक अस्पताल में बनी फार्मासिस्ट की कमी समस्या मरीजों के लिए परेशानियों का सबब बनती जा रही है। फार्मासिस्टोंं की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाईनों में लगकर दवाईयों का इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार नागरिक अस्पताल की डिस्पेंंसरी में फार्मासिस्ट के न होने से एंबुलेंस चालक व अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मी दवाई देते है जिससे मरीजों को नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। वही मरीजों ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से फार्मासिस्ट भेजकर समस्या के स्थाई हल की मांग की है।

         जानकारी अनुसार नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट के तीन पद है जिनमें से एक कर्मी का तबादला तथा दूसरा रिटायर हो चुका है जिसके चलते अकेले कर्मी को स्टोर व डिस्पेंसरी दोंनो का कार्य देखना पड़ रहा है। इस अस्पताल में रोजाना 600 से 700 के बीच लोग दवाई लेने के लिए आते है लेकिन फार्मासिस्ट की कमी होने के चलते अनेक बार एंबुलेंंस ड्राईवर, स्टाफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मी दवाई देते हुए मिलते है। अस्पताल में मरीज ठीक होने के लिए आते है लेकिन घंटों लाईन में लगने के बाद अनेक मरीज चक्कर खाकर भी गिर जाते है।

दवाई लेने आई एक घंटे से परेशान हो चुकी हूं - कविता
इस दौरान दवाई लेने के लिए आई महिला कविता ने बताया कि दवाई लेने के लिए एक घंटे से लाईन में खडी है लेकिन एक कर्मचारी होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उसने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की कमी को दूर करना चाहिए।

सरकार बेरोजगारों को क्यों नही देती रोजागर- मोहनलाल
इस बारे में बुजुर्ग मोहनलाल ने कहा कि यहां कर्मचारियों की कमी बनी हुई है सड़कों पर बेरोजागर युवक घूम रहे है। यहां मरीजों को दवाई नही मिल रही है जिसके चलते बाहर से दवाई लेने जाना पडता है।

क्या कहते है एसएमओ।
इस बारें में एसएमओ डा हरविंद्र सागु ने बताया कि तीन फार्मासिस्ट अस्पताल में तैनात थे लेकिन एक का तबादला हो गया जबकि दूसरा सेवानिवृत्त हो गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 600 से अधिक ओपीडी होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड रहा है। एसएमओ ने बताया कि समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को ख्लिखा गया है जल्द समस्या का हल होने की संभावना है।
Conclusion:बाईट- एसएमओ डा हरविंद्र सागु।
बाईट- मरीज मोहनलाल व कविता।
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