फतेहाबाद: किसान हर साल अपनी फसलों को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सहारा ले रहे हैं. किसानों को इसका फायदा भी मिल रहा है. लेकिन पिछले दिनों बारिश और गुलाबी सूंडी से किसानों की फसल खराब (Crop damage in Haryana) हो गई थी. ऐसे में जिन किसानों ने बीमा करवाया था. उन्होंने मुआवजे के लिए क्लेम कर दिया.
आरोप है कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने खराब हुई फसलों (Girdawari of bad crop in fatehabad) को जानबूझकर कम दिखाया, ताकि किसानों को ज्यादा मुआवजा ना देना पड़े. इस संबंध में ग्रामीणों ने डीसी के खिलाफ शिकायत दर्ज की. जिसके बाद डीसी ने अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया. फतेहाबाद पुलिस ने भूना खंड के 4 कृषि अधिकारी और बजाज आलियांज बीमा कंपनी के 3 अधिकारियों के खिलाफ धारा 120 बी, 167, 465, 468 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
जानकारी के अनुसार पिछले साल खरीफ सीजन के दौरान भारी बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ था. जिसके बाद कृषि विभाग की टीम ने खराब हुई फसल पर सर्वे रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी. फतेहाबाद के गांव जांडली कलां के दयानंद एवं ग्रामीणों ने डीसी कार्यालय में शिकायत दी थी कि फसल खराबे के लिए कृषि विभाग द्वारा ने सर्वे के लिए फार्म भरवाया. जिसके बाद बीमा कंपनी ने गांव का निरक्षण किया.
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किसानों ने कृषि अधिकारियों को पर आरोप लगते हुए कहा कि कृषि विभाग द्वारा जाली रिपोर्ट तैयार की गई है, जिससे किसानों को कम मुआवजा मिले और बीमा कंपनी को ज्यादा फायदा मिल सकें. इसके बाद डीसी ने एसडीएम, तहसीलदार व कृषि विभाग उपनिदेशक की कमेटी गठित कर दी गई और जांच के आदेश दिए गए. जांच में पाया गया कि क्षतिग्रस्त हुई फसलों का सर्वे मानदंडों और निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहीं हुआ और यह नियमों के विपरीत था. जिसके बाद डीसी ने एक्शन लेते हुए 4 कृषि अधिकारियों और बजाज आलियांज बीमा कंपनी के 3 अधिकारियों खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए.
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