फतेहाबाद: यहां ईटीवी भारत की टीम ने हैफेड गोदाम में देखा तो कई तरीके की कौताहियां नजर आईं. वो बात अलग है कि जो अनाज खुले में रखा था उसे ढकने के लिए तिरपाल या प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है लेकिन मॉनसून की बारिश के लिए ये इंतजाम नाकाफी नज़र आते हैं. क्योंकि तेज हवाओं के साथ जब बारिश होती है तो अक्सर तिरपाल उड़ जाते हैं. तो चलिए नीचे जरा देखिए फतेहाबाद के वेयर हाउस के हालात क्या हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने लिया जायजा
मॉनसून के चलते गेहूं के भंडारण को सुरक्षित रखने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब इसका जायजा लिया तो बड़े गोदामों में रखी गई गेहूं की बोरियां पॉलिथीन से ढ़की हुई नजर आई. हालांकि कुछ बोरियों को खुला छोड़ा गया था. इस संबंध में जब गोदाम की देखरेख करने वाले कर्मचारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि आज इन गेहूं की बोरियों में दवाई डाली गई है ताकि यह खराब ना हो.
कितना खरीदा गया गेंहू, कैसी है तैयारी ?
अगर इस बार फतेहाबाद में गेहूं खरीद की बात की जाए तो 7,90,032 मीट्रिक टन पूरे जिले से गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों ने की है. जिसके लिए जिले में अलग-अलग गोदाम बनाए गए हैं. खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं की बोरियों को बारिश के पानी से बचाने के लिए उन्हें पॉलिथीन से ढका गया है. इस संबंध में खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक प्रमोद कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग मॉनसून को लेकर पूरी तरह से तैयार है. अगर कोई कर्मचारी इस मामले में लापरवाही बरतेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
चलती रहेगी हमारी ये मुहिम
खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक दावा तो कर रहे हैं कि बारिश से गेहूं को बचाने के लिए तैयारी पूरी की गई है और सभी कर्मचारी भी गंभीर हैं लेकिन ये तो वक्त आने पर ही पता चलेगा की तैयारी कितनी कारगार है. क्योंकि जो अनाज खुले में पड़ा है उसके खराब होने का खतरा लगातार बना रहता है. तो इस बार हमारी टीम ने 'ऑपरेशन गोदाम' की कड़ी में आपको फतेहाबाद के गोदामों की मौजूदा स्थिति से रूबरू कराया. ऐसे ही आपको पूरे हरियाणा के हर गोदाम की हकीकत दिखाएंगे और साथ ही अधिकारियों को भी जगाएंगे ताकि किसानों की मेहनत पर पानी ना फिरे और अन्न का एक भी दाना खराब ना हो.