फतेहाबाद: देशभर में नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर हजारों रेलवे कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया. रेलवे कर्मचारियों का कहना था कि कोरोना काल में भी सरकार कर्मचारी विरोधी नीतियां बनाने और मजदूर कानूनों में बदलाव कर रही है.
नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के ब्रांच शाखा प्रधान हरिभजन लूना ने बताया कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस यूनियन के आह्वान पर देश के कर्मचारी काला बिल्ला लगा कर रोष जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों का डीए फ्रीज किया है, जिसका सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि रेलवे कर्मचारियों की मांग है कि डीए को तुरंत प्रभाव से डीफ्रीज किया जाए, इसके आलावा जो बदलाव लेबर कानून में किए गए हैं उसे भी वापस लिया जाए और उन पर भी तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए. उन्होंने ये भी कहा कि रेलवे ने कोरोना काल में काम ठप नहीं किया है, क्योंकि ऐसा करने से जनता को नुकसान होगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हालात ठीक होने पर रेलवे कर्मचारी सड़क पर उतरने से पीछे नहीं हटेंगे.
ये भी पढ़िए: धार्मिक पूजा स्थल, होटल और रेस्टोरेंट खोलने को लेकर सरकार ने जारी की गाइडलाइंस
उन्होनें ये भी आरोप लगाया कि रेलवे ने कोरोना काल में सप्लाई लाईन को चलाया है. ऐसे में रेलवे कर्मचारियों की भी कोरोना से मौत हो सकती है, इसके बावजूद भी रेलवे कर्मचारियों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपये के सहायता राशि नहीं दी जा ही है.