ETV Bharat / state

फतेहाबाद: नशे के खिलाफ लोगों ने उठाई आवाज... तो देखिए डीसी ने कैसे की बदसलूकी - तीन महीने की बच्ची

जिले में नशे के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया. संत गोपालदास 3 महीने की बच्ची को लेकर डीसी कार्यालय पहुंचे. जहां डीसी ने लोगों से बदसलूकी की.

नशे के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया
author img

By

Published : Jun 25, 2019, 12:24 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 1:25 PM IST

फतेहाबाद: पंजाब में नशे के बढ़ते जाल पर बनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' का हरियाणा में भी असर देखने को मिल रहा है. नशे को रोकने के लिए पुलिस जितने दावे कर रही है उतना ही अधिक नशा फतेहाबाद जिले में बिक रहा है. जिसके बाद लोगों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

क्लिक कर देखें वीडियो

शख्स को खा गई नशे की लत
वहीं 3 महीने की जिस बच्ची को गोद में लेकर संत गोपालदास पहुंचे, उसके पिता को नशे की लत ने खा लिया. उन्होंने कहा कि ये सोच कर भी डर लगता है कि आखिर इस बच्ची का भविष्य क्या होगा.

डीसी साहब ने लोगों से की बदसलूकी
दूसरी तरफ 3 महीने की बच्ची को गोद में देखकर डीसी साहब सकपका गए और जब लोगों ने नशे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तो उन्होंने कहा कि 3 महीने की बच्ची को लाकर यहां ड्रामा मत किजिए.

नशे को लेकर हालात चिंताजनक
बहरहाल जो भी हो क्षेत्र में नशे को लेकर हालात चिंताजनक बनते जा रहे हैं. प्रशासन और पुलिस नशे पर रोकथाम को लेकर जितने दावे कर रहा हो,लेकिन स्थिति उतनी ही खराब होती जा रही है.

एक नजर आंकड़ों पर

  • साल 2017 में हेरोइन, स्मैक, अफीम आदि का सेवन करने वाले 339 केस उपचार के लिए आए
  • 2018 में जून तक इसकी संख्या 469 पार कर चुकी है
  • 2012 में ऐसा नशा करने वालों की संख्या 190, 2013 में 163 हो गई

2013 के बाद लगातार बढ़े आंकड़े

  • 2014 में 209, 2015 में 326 और 2016 में 397 और 2017 में 339 केस सामने आए
  • विभाग की मानें तो स्नेक बाइट, म्याऊं म्याऊं और छिपकली का नशा करने वाले केस भी सामने आए हैं
  • जोकि मेट्रो सिटी की रेव पार्टी में ही देखने को मिलते हैं

केमिकल से तैयार होती है म्याऊं-म्याऊं

  • इन दिनों नैचुरल नशीली ड्रग्स के बजाय लैबोरेट्री में तैयार होने वाली सिंथेटिक ड्रग्स का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है.
  • कोकेन, अफीम, इससे बनाई जाने वाली हेरोइन और चरस प्राकृतिक तौर पर पैदा होती हैं.
  • इन्हें पौधों से हासिल किया जाता है
  • दूसरी ओर, म्याऊं-म्याऊं लैबोरेट्री में केमिकल से तैयार होती है.
  • 10-10 ग्राम के पाउच बनाता है और मिडिल क्लास और स्लम एरिया में बेचता है.

फतेहाबाद: पंजाब में नशे के बढ़ते जाल पर बनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' का हरियाणा में भी असर देखने को मिल रहा है. नशे को रोकने के लिए पुलिस जितने दावे कर रही है उतना ही अधिक नशा फतेहाबाद जिले में बिक रहा है. जिसके बाद लोगों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

क्लिक कर देखें वीडियो

शख्स को खा गई नशे की लत
वहीं 3 महीने की जिस बच्ची को गोद में लेकर संत गोपालदास पहुंचे, उसके पिता को नशे की लत ने खा लिया. उन्होंने कहा कि ये सोच कर भी डर लगता है कि आखिर इस बच्ची का भविष्य क्या होगा.

डीसी साहब ने लोगों से की बदसलूकी
दूसरी तरफ 3 महीने की बच्ची को गोद में देखकर डीसी साहब सकपका गए और जब लोगों ने नशे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तो उन्होंने कहा कि 3 महीने की बच्ची को लाकर यहां ड्रामा मत किजिए.

नशे को लेकर हालात चिंताजनक
बहरहाल जो भी हो क्षेत्र में नशे को लेकर हालात चिंताजनक बनते जा रहे हैं. प्रशासन और पुलिस नशे पर रोकथाम को लेकर जितने दावे कर रहा हो,लेकिन स्थिति उतनी ही खराब होती जा रही है.

एक नजर आंकड़ों पर

  • साल 2017 में हेरोइन, स्मैक, अफीम आदि का सेवन करने वाले 339 केस उपचार के लिए आए
  • 2018 में जून तक इसकी संख्या 469 पार कर चुकी है
  • 2012 में ऐसा नशा करने वालों की संख्या 190, 2013 में 163 हो गई

2013 के बाद लगातार बढ़े आंकड़े

  • 2014 में 209, 2015 में 326 और 2016 में 397 और 2017 में 339 केस सामने आए
  • विभाग की मानें तो स्नेक बाइट, म्याऊं म्याऊं और छिपकली का नशा करने वाले केस भी सामने आए हैं
  • जोकि मेट्रो सिटी की रेव पार्टी में ही देखने को मिलते हैं

केमिकल से तैयार होती है म्याऊं-म्याऊं

  • इन दिनों नैचुरल नशीली ड्रग्स के बजाय लैबोरेट्री में तैयार होने वाली सिंथेटिक ड्रग्स का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है.
  • कोकेन, अफीम, इससे बनाई जाने वाली हेरोइन और चरस प्राकृतिक तौर पर पैदा होती हैं.
  • इन्हें पौधों से हासिल किया जाता है
  • दूसरी ओर, म्याऊं-म्याऊं लैबोरेट्री में केमिकल से तैयार होती है.
  • 10-10 ग्राम के पाउच बनाता है और मिडिल क्लास और स्लम एरिया में बेचता है.

फतेहाबाद (हरियाणा) : 

हैडलाइन : 3 महीने की बच्ची को गोद में लेकर सन्त गोपालदास गांव वालों के साथ डीसी दफ्तर पहुंचे, नशे के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग पर ग्रामीणों को डीसी ने दिया जवाब- ये ड्रामा यहां मत करो


एंकर : 3 महीने की बच्ची को गोद में लेकर सन्त गोपालदास गांव ढिंगसरा की महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के साथ डीसी दफ्तर पहुंचे, ग्रामीणों की नशे के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग पर डीसी ने दिया जवाब- ये ड्रामा यहां मत करो, काफी देर तक डीसी से हुई ग्रामीणों की बहस, पीएम मोदी के नाम डीसी को सौंपा ज्ञापन, डीसी से बोले लोग- 3 माह की बच्ची का पिता नशे की भेंट चढ़कर मौत के मुहं में गया, ऐसे कितने परिवार हर रोज उजड़ रहे, ग्रामीणों ने 4 जुलाई तक का दिया अल्टीमेटम, ठोस कार्रवाई नहीं होने पर 4 से आमरण अनशन करेंगे शुरू।

वॉइस : फतेहाबाद सहित पंजाब राज्य की सीमा से लगते जिलों में पिछले कुछ समय से बढ़ रहे नशे के प्रकोप को लेकर संत गोपालदास ने गांव ढिंगसरा के ग्रामीणों के साथ मिलकर डीसी धीरेंद्र खड़गता को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि नशे के खिलाफ प्रशासन प्रभावी कदम उठाए और अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो 4 जुलाई से आमरण अनशन शुरू कर के नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा। डीसी को ज्ञापन सौंपने पहुंचे संत गोपाल दास इस दौरान 3 महीने की एक बच्ची को अपनी गोद में लेकर पहुंचे और 3 महीने की बच्ची को देखकर डीसी भी सकपका गए। डीसी के साथ मौके पर ग्रामीणों की नशे पर रोकथाम को लेकर काफी तीखी बहस हुई और डीसी ने झल्लाहट में ज्ञापन सौंपने आए लोगों के इस तरह की मांग को ड्रामा कह डाला। डीसी ने कहा कि 3 महीने की बच्ची को यहां लाकर आप ये ड्रामा मत कीजिये। मौके पर काफी तीखी बहस के बाद डीसी ने ज्ञापन कॉपी की रिसीविंग भी खुद नहीं की और साफ तौर पर ग्रामीणों की मांगों को एक तरह से अनसुना करने का प्रयास किया। डीसी को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए संत गोपालदास के साथ आए ग्रामीण और ढिंगसरा गांव की योगेश्वर गौशाला के सदस्य प्रवीण काशी ने बताया कि 3 महीने की जिस बच्ची को गोद में लेकर पहुंचे हैं उसके पिता नशे की चपेट में आकर अपनी जान गवा चुके हैं। 3 महीने की इस फूल सी बच्ची का क्या भविष्य होगा इसको सोच कर भी डर लगता है, इसलिए काफी संख्या में ग्रामीण आज संत गोपालदास के साथ नशे के खिलाफ रोकथाम की मांग को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे। प्रवीण काशी ने कहा कि नशे के खिलाफ केवल फतेहाबाद ही नहीं बल्कि पंजाब सीमा से लगते सभी जिलों और यहां तक कि प्रदेश भर में एक बड़े अभियान की जरूरत है और सरकार से मांग है कि प्रदेश में गुजरात, बिहार, नागालैंड मिजोरम की तर्ज पर शराब बंदी और नशा बंदी लागू की जाए। हमने जिला प्रशासन के माध्यम से पीएम मोदी को ज्ञापन भेजा है और उम्मीद करते हैं कि 4 जुलाई तक प्रशासन की ओर से नशे के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। प्रवीण काशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि 4 जुलाई तक यदि प्रभावी कदम प्रशासन नहीं उठाता है तो नशे के खिलाफ हम लोग आमरण अनशन शुरू करेंगे और नशे के खिलाफ अभियान शुरू करने का बिगुल बजाएंगे।

विजुअल :

फ़ाइल 01 व 02 : डीसी दफ्तर पर जमा ग्रामीणों की भीड़, 3 महीने की बच्ची की गोद मे लेकर डीसी के सामने उनके दफ्तर में खडे सन्त गोपालदास, साथ में आये ग्रामीण से डीसी की मामले पर हुई बहस के शॉट्स, ज्ञापन देने के बाद मीडिया से बात करते ग्रामीण।

फ़ाइल 03 : बाईट : प्रवीण काशी, ग्रामीण, गांव ढिंगसरा, फतेहाबाद।
फतेहाबाद से जितेंद्र मोंगा
9416543066
Last Updated : Jun 25, 2019, 1:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.