फतेहाबादः हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर पैरोल पर आए इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का अपनी सजा को लेकर दर्द छलका है. ओपी चौटाला ने कहा कि जिन लोगों को मैंने नौकरी दी, वो लोग तो तरक्की पा गए, लेकिन मैं आज भी जेल की सजा काट रहा हूं.
'इस उम्र में भी काट रहा हूं सजा'
ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि उपहार सिनेमा कांड में जिन अंसल बंधुओं के सिनेमा में सैकड़ों लोग जलकर मर गए, उन्हें उम्र का हवाला देकर सरकार ने उनकी सजा माफ कर दी. वहीं मैं 83 साल का बुजुर्ग अभी भी जेल में हूं और मुझे पैरोल तक नहीं दी जाती. वहीं जेबीटी घोटाले में मिली नौकरी को लेकर ओपी चौटाला ने कहा कि जिन लोगों को मैंने नौकरी दी आज वही लोग तरक्की पा गए, लेकिन मुझे आज भी उसकी सजा काटनी पड़ रही है.
'गद्दारों को नहीं मिलेगी जगह'
हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फतेहाबाद की जाट धर्मशाला में आज पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पहुंचे और उन्होंने कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली. इस दौरान उन्होंने दल बदलू नेताओं को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो लोग इनेलो छोड़कर गए हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा. ओपी चौटाला ने कहा कि गद्दारों के लिए इनेलो में कोई जगह नहीं है.
2013 में हुई थी सजा
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे और हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की असल मुश्किलें साल 2013 की शुरुआत में शुरू हुई. जब ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा सुना दी गई. 2013 में ओमप्रकाश चौटाला को जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा हुई थी. 6 साल बाद ना सिर्फ ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी बिखर चुकी है, बल्कि उनका परिवार भी दो हिस्सों में बंट गया है.
2014 में INLD को मिली थी 19 सीटें
ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी 2014 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. लेकिन आज पार्टी के पास सिर्फ तीन एमएलए बचे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला का राजनीतिक सफर भी शुरू हो गया. दुष्यंत चौटाला अपने पहले लोकसभा चुनाव में हिसार से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.
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अपने अस्तित्व के लिए लड़ेंगे ओपी चौटाला!
2019 का विधानसभा चुनाव 84 साल के ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के लिए अपने अस्तित्व को बचाए रखने की लड़ाई है. पार्टी पूरी तरह टूट चुकी है और उनके ज्यादातर साथी दूसरी पार्टियों का हिस्सा बन चुके हैं. लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल को सिर्फ 2 फीसदी वोट मिले, जबकि जेजेपी 7 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रही.
क्या था घोटाला और कैसे कसा शिकंजा
- वर्ष 1999-2000 में हरियाणा सरकार ने जूनियर बेसिक ट्रेंड टीचर्स यानी जेबीटी की नौकरियां निकालीं.
- 1 दिसंबर 1999 को भर्ती के लिए साक्षात्कार हुआ.
- 12 अक्टूबर, 2000 को चुने गए उम्मीदवारों को जेबीटी का नियुक्ति पत्र दे दिया गया. हरियाणा के 18 जिलों के विभिन्न स्कूलों में 3206 जेबीटी नियुक्त कर दिए गए. भर्ती में अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल.
- 25 नवंबर 2003 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी.
- 12 दिसंबर 2003 को सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की.
- 25 मई 2004 को सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में उस वक्त के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के ओएसडी व आईएएस अधिकारी को दोषी पाते हुए मामला दर्ज किया.
- 6 जून, 2008 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की.
- 4 अगस्त, 2012 को बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें व साक्ष्य पूरे किए.
- 2013 में ओमप्रकाश चौटाला को जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा हुई थी.
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