फतेहाबाद: उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा में राइट टू रिकॉल बिल लाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज में ये बिल अहम रोल निभाएगा. वहीं राइट टू रिकॉल बिल को लेकर अब हरियाणा में राजनीति तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं. हुड्डा ने कहा था कि सिर्फ सरपंचों पर ही क्यों ये बिल विधायकों और सांसदों पर भी लागू होना चाहिए.
राइट टू रिकॉल पर सुनीता दुग्गल का बयान
सांसद सुनीता दुग्गल इस विषय पर कुछ खास नहीं कह पाईं. उन्होने कहा कि अभी राइट टू रिकॉल बिल चर्चा का विषय है. उन्होंने कहा कि ये निर्णय एक या दो दिन में नहीं लिए जाते. विधायक और मंत्रियों के बीच रायशुमारी होती है. उसके बाद ही निर्णय लिए जाते हैं. अगर इसको लेकर प्लस और माइनस देखने की जरूरत है.
'राइट टू रिकॉल हो या ना हो'
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि किससे शुरूवात हो इससे पहले तो ये तय करना चाहिए कि राइट टू रिकॉल हो या ना हो. उन्होंने कहा कि इस विषय पर गहन मंथन होना चाहिए, क्योकि ये महत्पुर्ण विषय है. उसके बाद ही तय होगा कि किससे इसकी शुरुआत होगी.
'जनता के पास अधिकार होने चाहिए'
टोहाना से जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने इस बिल का पूरा समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने वादे पूरे नहीं करता तो जनता के पास अधिकार होने चाहिए. उन्होंने कहा कि राइट टू रिकॉल बिल बेहद महत्वपूर्ण बिल है.
'सरकार लाएगी राइट टू रिकॉल बिल'
गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रेस वार्ता कर राइट टू रिकॉल बिल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही राइट टू रिकॉल बिल लाएगी. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ये बिल पंचायती चुनाव पर लागू होगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई सरपंच अपने एक साल के कार्यकाल के भीतर जनता का मत खो देता है तो जनता के पास उस सरपंच को हटाने का अधिकार होगा.
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