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शहीद मंदीप सिंह के अंतिम संस्कार में उमड़े हजारों लोग, मां बोलीं- 'भारत माता के लिए ही जन्मा था मैंने ये बेटा'

जम्मू कश्मीर के उधमपुर में तैनात हरियाणा के सैनिक मंदीप सिंह (haryana soldier martyr) का पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह गांव बोस्ती पहुंचने पर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

haryana soldier martyr
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Published : Mar 4, 2022, 7:44 PM IST

फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले जवान मंदीप सिंह (soldier mandeep singh) का जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बुधवार को निधन हो गया था. शुक्रवार को सैनिक मंदीप सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बोस्ती पहुंचने पर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की गई. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए बोस्ती गांव के बच्चे, बूढ़े व महिलाएं सड़कों पर उमड़े हुए थे. युवा भारी संख्या में तिरंगा लेकर शव यात्रा के आगे चल रहे थे.

गांव बोस्ती निवासी मनदीप सिंह जम्मू कश्मीर में सेना में तैनात थे. बुधवार को वह ड्यूटी पर थे, लेकिन अचानक उनका पांव फिसल गया और हाथ में ली हुई राइफल से गोली चल गई. जो मनदीप के शरीर में जा घुसी जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई. शुक्रवार को सेना लेफ्टिनेंट मनोज कुमार व सूबेदार रामधारी सैनिक मनदीप सिंह के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया. बड़ी संख्या में क्षेत्र से ग्रामीण उनके घर पहुंचे.

शहीद मंदीप सिंह के अंतिम संस्कार में उमड़े हजारों लोग, मां बोलीं- 'भारत माता के लिए ही जन्मा था मैंने ये बेटा'

अंतिम दर्शन के दौरान ग्रामीणों व गणमान्य लोगों ने गांव पहुंच कर सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की. सैनिक की चिता को मुखाग्नि बड़े भाई संदीप कुमार ने दी. इस दौरान सैनिक मनदीप सिंह की माता उनके शव से लिपटकर रोई तो वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. सिपाही मनदीप सिंह जम्मू कश्मीर के उधमपुर में टीए मुख्यालय इन्फेंट्री बटालियन की 103 यूनिट में ड्यूटी पर तैनात था, लेकिन अचानक उनका पांव फिसलने से राइफल का ट्रिगर दब गया. जिससे उनको गोली लगने के कारण मौके पर मौत हो गई.

ये भी पढ़ें- शोपियां एनकाउंटर में एक आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद; मुठभेड़ जारी

सैनिक की मां कर्मा देवी अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देखकर जोर-जोर से बिलख पड़ी और बोली मेरे लाल कैसे जिऊंगी तेरे बिना. इतना कहते ही वह मनदीप के पार्थिव शरीर से लिपट गई. सैनिक के पिता रामफल सेन का दिसंबर 2015 में बीमारी के चलते निधन हो गया था. तब भी कर्मा देवी के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा था. क्योंकि तीन बेटियां व दो बेटों की परवरिश का बोझ उसके कंधों पर आ गया था. दिहाड़ी मजदूरी करके कर्मा देवी ने तीन बेटियां व दो बेटों को पाला.

वर्ष 2019 में 12वीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद मनदीप सेना में भर्ती हो गया. बेटे के आर्मी में जाने के बाद परिवार आर्थिक रूप से उभरना शुरू हुआ तो बुधवार की रात को टेलीफोन से मिली सूचना ने उनके पूरे परिवार के सपने बिखेर कर रख दिए. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी ट्वीट करके शहीद को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ड्यूटी के दौरान हरियाणा के गांव बोस्ती (टोहाना) निवासी जवान मनदीप सिंह जी के वीरगति को प्राप्त होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. इस मुश्किल की घड़ी में पूरा प्रदेश उनके परिवार के साथ खड़ा है. ईश्वर पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें.

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फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले जवान मंदीप सिंह (soldier mandeep singh) का जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बुधवार को निधन हो गया था. शुक्रवार को सैनिक मंदीप सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बोस्ती पहुंचने पर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की गई. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए बोस्ती गांव के बच्चे, बूढ़े व महिलाएं सड़कों पर उमड़े हुए थे. युवा भारी संख्या में तिरंगा लेकर शव यात्रा के आगे चल रहे थे.

गांव बोस्ती निवासी मनदीप सिंह जम्मू कश्मीर में सेना में तैनात थे. बुधवार को वह ड्यूटी पर थे, लेकिन अचानक उनका पांव फिसल गया और हाथ में ली हुई राइफल से गोली चल गई. जो मनदीप के शरीर में जा घुसी जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई. शुक्रवार को सेना लेफ्टिनेंट मनोज कुमार व सूबेदार रामधारी सैनिक मनदीप सिंह के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया. बड़ी संख्या में क्षेत्र से ग्रामीण उनके घर पहुंचे.

शहीद मंदीप सिंह के अंतिम संस्कार में उमड़े हजारों लोग, मां बोलीं- 'भारत माता के लिए ही जन्मा था मैंने ये बेटा'

अंतिम दर्शन के दौरान ग्रामीणों व गणमान्य लोगों ने गांव पहुंच कर सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की. सैनिक की चिता को मुखाग्नि बड़े भाई संदीप कुमार ने दी. इस दौरान सैनिक मनदीप सिंह की माता उनके शव से लिपटकर रोई तो वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. सिपाही मनदीप सिंह जम्मू कश्मीर के उधमपुर में टीए मुख्यालय इन्फेंट्री बटालियन की 103 यूनिट में ड्यूटी पर तैनात था, लेकिन अचानक उनका पांव फिसलने से राइफल का ट्रिगर दब गया. जिससे उनको गोली लगने के कारण मौके पर मौत हो गई.

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सैनिक की मां कर्मा देवी अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देखकर जोर-जोर से बिलख पड़ी और बोली मेरे लाल कैसे जिऊंगी तेरे बिना. इतना कहते ही वह मनदीप के पार्थिव शरीर से लिपट गई. सैनिक के पिता रामफल सेन का दिसंबर 2015 में बीमारी के चलते निधन हो गया था. तब भी कर्मा देवी के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा था. क्योंकि तीन बेटियां व दो बेटों की परवरिश का बोझ उसके कंधों पर आ गया था. दिहाड़ी मजदूरी करके कर्मा देवी ने तीन बेटियां व दो बेटों को पाला.

वर्ष 2019 में 12वीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद मनदीप सेना में भर्ती हो गया. बेटे के आर्मी में जाने के बाद परिवार आर्थिक रूप से उभरना शुरू हुआ तो बुधवार की रात को टेलीफोन से मिली सूचना ने उनके पूरे परिवार के सपने बिखेर कर रख दिए. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी ट्वीट करके शहीद को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ड्यूटी के दौरान हरियाणा के गांव बोस्ती (टोहाना) निवासी जवान मनदीप सिंह जी के वीरगति को प्राप्त होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. इस मुश्किल की घड़ी में पूरा प्रदेश उनके परिवार के साथ खड़ा है. ईश्वर पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें.

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