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फतेहाबाद: 48 घंटों में गैस कनेक्शन का दावा झूठा! चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर महिलाएं - fatehabad news

9 अगस्त को सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फतेहाबाद की महिलाओं से जो 48 घंटों में गैस कनेक्शन का वादा किया था वो धराशायी होता नजर आ रहा है. आज भी फतेहाबाद की महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं.

48 घंटों में गैस कनेक्शन का दावा झूठा!
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Published : Aug 17, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 5:39 PM IST

फतेहाबादः मुख्यमंत्री के वादे और आश्वासन के बाद भी आज तक फतेहाबाद की महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं. महिलाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वादा तो जरूर किया लेकिन अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं. महिलाओं का आरोप है कि उन्हें रैली में भीड़ जुटाने के लिए गैस सिलेंडर का झूठा आश्वासन देकर बुलाया गया.

चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर फतेहाबाद की महिलाएं (देखें वीडियो)

'सीएम के वादे झूठे'
ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री के इस वादे की जब जमीनी स्तर पर पड़ताल की तो पता चला कि वंचित परिवार अभी भी चूल्हे पर ही रोटियां बनाकर खा रहे हैं. परिवार की महिलाएं और लोग सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस वादे को झूठा और खोखला बता रहे हैं. उनका कहना है कि एक साल से वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें ये सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई.

महिलाओं का कहना
सालों के गैस सिलेंडर के इंतजार में बैठीं हरदो देवी और कमला देवी ने सरकारी अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही की मार उन्हें झेलनी पड़ रही है. यही कारण है कि आज भी फतेहाबाद की महिलाएं चूल्हे पर खाना बना रही हैं.

अधिकारियों का दावा
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में वे संबंधित गैस कंपनी और गैस एजेंसी को विभाग की ओर से रिमाइंडर आदेश जारी कर देंगे. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द महिलाओं को सुविधाएं मुहैया करवा दी जाएंगी.

मुख्यमंत्री का वादा
दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि महिलाओं को गोस्से और लकड़ियां जलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि अब सबको गैस सिलेंडर मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने फतेहाबाद में आयोजित एक रैली के दौरान जिले की महिलाओं से पूछा कि आपको गैस सिलेंडर मिला है तो 10-12 महिलाओं ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उन्हें उपभोक्ता गैस सिलेंडर नहीं मिला.

'डीसी के घर से उठा ले जाना सिलेंडर'
इसके बाद मुख्यंमत्री मनोहर लाल खट्टर ने जनसभा में ही फतेहाबाद के डीसी को आदेश दे दिए कि इन महिलाओं को 48 घंटे के अंदर यानी दो दिन के अंदर गैस उपभोक्ता सिलेंडर मिल जाना चाहिए. इसी दौरान सीएम ने ग्रामीणों से कहा कि अगर आपको गैस सिलेंडर 48 घंटे में न मिले तो तुम सब लोग डीसी के घर से गैस सिलेंडर उठाकर ले जाना.

ये है जमीनी हकीकत!
इस पूरे मामले पर सवाल ये है कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के मंच से जिस दमदार तरीके से वंचित परिवारों को योजना का लाभ देने का दम भरा. असल में जमीनी स्तर पर अधिकारी केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहे. 48 घंटे तो छोड़िए, वंचित परिवारों तक गैस सिलेंडर पहुंचाने की ये प्रक्रिया 17 अगस्त को 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई और वंचित परिवार आज भी चूल्हे पर ही लकड़ियां जलाकर धुएं में खाना पकाने को मजबूर हैं.

फतेहाबादः मुख्यमंत्री के वादे और आश्वासन के बाद भी आज तक फतेहाबाद की महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं. महिलाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वादा तो जरूर किया लेकिन अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं. महिलाओं का आरोप है कि उन्हें रैली में भीड़ जुटाने के लिए गैस सिलेंडर का झूठा आश्वासन देकर बुलाया गया.

चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर फतेहाबाद की महिलाएं (देखें वीडियो)

'सीएम के वादे झूठे'
ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री के इस वादे की जब जमीनी स्तर पर पड़ताल की तो पता चला कि वंचित परिवार अभी भी चूल्हे पर ही रोटियां बनाकर खा रहे हैं. परिवार की महिलाएं और लोग सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस वादे को झूठा और खोखला बता रहे हैं. उनका कहना है कि एक साल से वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें ये सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई.

महिलाओं का कहना
सालों के गैस सिलेंडर के इंतजार में बैठीं हरदो देवी और कमला देवी ने सरकारी अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही की मार उन्हें झेलनी पड़ रही है. यही कारण है कि आज भी फतेहाबाद की महिलाएं चूल्हे पर खाना बना रही हैं.

अधिकारियों का दावा
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में वे संबंधित गैस कंपनी और गैस एजेंसी को विभाग की ओर से रिमाइंडर आदेश जारी कर देंगे. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द महिलाओं को सुविधाएं मुहैया करवा दी जाएंगी.

मुख्यमंत्री का वादा
दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि महिलाओं को गोस्से और लकड़ियां जलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि अब सबको गैस सिलेंडर मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने फतेहाबाद में आयोजित एक रैली के दौरान जिले की महिलाओं से पूछा कि आपको गैस सिलेंडर मिला है तो 10-12 महिलाओं ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उन्हें उपभोक्ता गैस सिलेंडर नहीं मिला.

'डीसी के घर से उठा ले जाना सिलेंडर'
इसके बाद मुख्यंमत्री मनोहर लाल खट्टर ने जनसभा में ही फतेहाबाद के डीसी को आदेश दे दिए कि इन महिलाओं को 48 घंटे के अंदर यानी दो दिन के अंदर गैस उपभोक्ता सिलेंडर मिल जाना चाहिए. इसी दौरान सीएम ने ग्रामीणों से कहा कि अगर आपको गैस सिलेंडर 48 घंटे में न मिले तो तुम सब लोग डीसी के घर से गैस सिलेंडर उठाकर ले जाना.

ये है जमीनी हकीकत!
इस पूरे मामले पर सवाल ये है कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के मंच से जिस दमदार तरीके से वंचित परिवारों को योजना का लाभ देने का दम भरा. असल में जमीनी स्तर पर अधिकारी केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहे. 48 घंटे तो छोड़िए, वंचित परिवारों तक गैस सिलेंडर पहुंचाने की ये प्रक्रिया 17 अगस्त को 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई और वंचित परिवार आज भी चूल्हे पर ही लकड़ियां जलाकर धुएं में खाना पकाने को मजबूर हैं.

Intro:फ़तेहाबाद में रसोई गैस से वंचित परिवारों को 48 घण्टे में गैस कनेक्शन देने का दावा निकला झूठा, 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी एक भी परिवार तक नहीं पहुंचा गैस सिलेंडर, जरूरतमन्द परिवार बोले- मुख्यमंत्री ने 9 अगस्त को रैली में 48 घण्टे में घर पर सिलेंडर पहुंचाने का दावा किया था, अफसरों ने लिस्ट में नाम लिखे, फिर गांव में फार्म भरने के लिए कहा- लेकिन अब तक नहीं मिला सिलेंडर, 1 साल से भटक रहे हैं सरकार की योजना का लाभ लेने के लिए, वहीं खाद्य एवं पूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर बोले- सीएम साहब के आदेश के बाद 49 लोगों की सूची तैयार हुई, इनमें 27 लोग फ़तेहाबाद के गांव बीघड़ के थे, हमने फार्म भरवाकर गैस एजेंसी व गैस कंपनी को भेजे हैं, 48 घण्टे से ज्यादा समय बीत जाने पर भी सिलेंडर नहीं मिल पाने के पीछे एजेंसी को बताया जिम्मेदार, इंस्पेक्टर बोले- दोबारा रिमांडर आदेश करेंगे जारी।Body:9 अगस्त को फतेहाबाद में महर्षि भागीरथ जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गैस सिलेंडर से वंचित परिवारों को 48 घंटे में गैस कनेक्शन मुहैया करवा कर सिलेंडर घर तक पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन यह वादा सरकार के प्रशासनिक अधिकारी पूरा नहीं करवा पाए हैं। रैली में मुख्यमंत्री के इस वादे पर खूब तालियां बजी थीं लेकिन जमीनी स्तर पर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि वंचित परिवार अभी भी चूल्हे पर ही रोटियां बना कर खा रहे हैं। वंचित परिवार की महिलाएं और लोग सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस वादे को झूठा और खोखला बता रहे हैं। सीएम खट्टर की इस रैली में मुख्यमंत्री के आदेश के बाद लिस्ट में अपना नाम लिखवाने वाली कमला देवी और हरदो देवी ने बताया कि सीएम ने रैली में उन्हें 48 घंटे में गैस सिलेंडर मुहैया करवाने का वादा मंच से किया था लेकिन 16 अगस्त का दिन आ गया, अभी तक उनके घर पर सिलेंडर नहीं पहुंचा है। अलग बात है कि प्रशासन ने अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली, लेकिन सीएम खट्टर का वादा पूरा अभी तक नहीं किया गया है। कमला देवी और हरदो देवी की तरह ही गांव बीघड़ के ही सुभाष कुमार और सुनील कुमार कहते हैं कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 9 अगस्त की ओर समाज की ओर से आयोजित रैली में गैस सिलेंडर से वंचित परिवारों के हाथ खड़े करवाए थे और मंच से ऐलान किया था कि 48 घंटे में वंचित सभी परिवारों को गैस सिलेंडर उनके घर पहुंचा दिया जाएगा और अगर प्रशासनिक अधिकारी ऐसा नहीं कर पाए तो अधिकारियों, पार्टी के नेताओं यहां तक कि खुद मेरे (सीएम खट्टर) घर से सिलेंडर परिवारिक तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। हालात इन परिवारों के जैसे थे वैसे ही हैं। 1 साल से वंचित लोग सिलेंडर के लिए चक्कर काट रहे हैं, आज भी इसी तरह ही सिर्फ आश्वासन ही सुन रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले पर जब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो जिला फतेहाबाद के खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह सामने आए और उन्होंने बताया कि सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा 9 अगस्त की रैली में जिन परिवारों को 48 घंटे में सिलेंडर मुहैया करवाने का आदेश दिया था उस आदेश पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया था। आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद फतेहाबाद जिले के गांव बीघड़ के कुल 27 लोगों को गैस सिलेंडर दिया जाना था। कागजी कार्यवाही में 9 लोग योग्य पाए गए जिनके यहां सिलेंडर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू करते हुए गैस एजेंसी और कंपनियों को आदेश भेज दिए गए हैं। विभाग के अधिकारी वीरेंद्र सिंह से जब सवाल किया गया कि विभाग की लिस्ट के मुताबिक योग्य 9 लोगों के पास भी सिलेंडर नहीं पहुंचा है जबकि 48 घंटे में सिलेंडर पहुंचाने का वादा मुख्यमंत्री ने किया था तो इस सवाल पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस संबंध में वे संबंधित गैस कंपनी और गैस एजेंसी को विभाग की ओर से रिमाइंडर आदेश जारी कर देंगे। इस पूरे मामले पर सवाल यह है कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के मंच से जिस दमदार तरीके से वंचित परिवारों को योजना का लाभ देने का दम भरा, असल में जमीनी स्तर पर अधिकारी केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहे। 48 घंटे तो छोड़िए, वंचित परिवारों तक गेस सिलेंडर पहुंचाने कि यह प्रक्रिया 16 अगस्त को 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई और वंचित परिवार आज भी चूल्हे पर ही लकड़ियां जलाकर धुएं में खाना पकाने को मजबूर हैं।

विजुअल :

फ़ाइल 01 : सीएम की रैली में गैस कनेक्शन के लिए हाथ खड़े करने वाले बीघड़ गांव के परिवारों के शॉट्स, चूल्हे पर खाना बनाती कमला देवी, अपना राशन कार्ड दिखाती महिलाएं व अन्य लोग।

फ़ाइल 02 : गैस के बिना चूल्हे पर खाना बनाती गरीब महिला, चूल्हे पर बना खाना खाती महिला व उसके बच्चे, सरकार द्वारा जारी राशनकार्ड दिखाते परिवार, घरों के शॉट्स, गांव बीघड़ के शॉट्स, विभाग की ओर से तैयार की गई वंचित परिवारों की लिस्ट।

फ़ाइल 03 : स्पीच : सीएम मनोहरलाल खट्टर की स्पीच जिसमें 48 घण्टे में सिलेंडर मुहैया करवाने का आदेश एडीसी को दिया गया।
बाईट : कमला, जरूरतमंद महिला।
बाईट : हरदो देवी, जरूरतमंद महिला।
बाईट : वीरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर, खाद्य एवं पूर्ति विभाग, फ़तेहाबाद।Conclusion:
Last Updated : Aug 17, 2019, 5:39 PM IST
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