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किसानों का प्रशासन को दो टूक जवाब, नहीं मिली पराली प्रबंधन की मशीन तो लगाएंगे ‘आग’ - फतेहाबाद न्यूज

फतेहाबाद में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की. किसानों ने लघु सचिवालय के एंट्री गेट पर नारेबाजी भी की. किसानों ने कहा कि वो पिछले 3 साल से कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें पराली प्रबंधन के लिए मशीन मुहैया नहीं करवाई गई.

किसानों की दो टूक, नहीं मिली पराली प्रबंधन की मशीन तो लगेगी ‘आग’
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Published : Oct 23, 2019, 5:33 PM IST

फतेहाबाद: पराली जलाने का सीजन आने वाला है. जिसके आते ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाएगा. जहां एक तरफ तरह-तरह के अभियान चलाकर किसानों को पराली नहीं जलाने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ किसान भी पराली की जगह दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर मजबूर हैं.

फतेहाबाद में उपायुक्त से मिले किसान
फतेहाबाद में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की. किसानों ने लघु सचिवालय के एंट्री गेट पर नारेबाजी भी की. किसानों ने कहा कि वो पिछले 3 साल से कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें पराली प्रबंधन के लिए मशीन मुहैया नहीं करवाई गई.

पराली की समस्या को लेकर उपायुक्त से मिले किसान

ये भी पढ़िए: दीवाली के पहले किसानों को सरकार का तोहफा, बढ़ाया रबी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य

किसानों ने की मशीन की मांग
किसानों ने कहा कि जबतक उन्हें पराली काटने के लिए मशीन नहीं दी जाएगी. तबतक उनके पास पराली को जलाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा. किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन चाहता है कि वो पराली ना जलाएं तो उन्हें मशीन दी जाए.

कृषि विभाग ने दिया किसानों को आश्वासन
वहीं किसानों की चेतावनी के बाद उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया. जिसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने 25 अक्टूबर तक किसानों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया. किसानों की ओर से लिखित में जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया और पराली प्रबंधन को लेकर उपकरण मुहैया करवाने की मांग की गई.

25 अक्टूबर तक समाधान का मिला आश्वासन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप सिंह ने बताया कि प्रशासन ने 25 अक्टूबर तक का वक्त मांगा है. अगर किसानों को प्रशासन ने उपकरण मुहैया नहीं करवाए तो किसान अपनी पराली को आग लगाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों के पास और कोई चारा भी नहीं है. अगर किसान पराली को आग नहीं लगाता तो वो गेहूं की बिजाई नहीं कर सकता.

फतेहाबाद: पराली जलाने का सीजन आने वाला है. जिसके आते ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाएगा. जहां एक तरफ तरह-तरह के अभियान चलाकर किसानों को पराली नहीं जलाने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ किसान भी पराली की जगह दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर मजबूर हैं.

फतेहाबाद में उपायुक्त से मिले किसान
फतेहाबाद में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की. किसानों ने लघु सचिवालय के एंट्री गेट पर नारेबाजी भी की. किसानों ने कहा कि वो पिछले 3 साल से कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें पराली प्रबंधन के लिए मशीन मुहैया नहीं करवाई गई.

पराली की समस्या को लेकर उपायुक्त से मिले किसान

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किसानों ने की मशीन की मांग
किसानों ने कहा कि जबतक उन्हें पराली काटने के लिए मशीन नहीं दी जाएगी. तबतक उनके पास पराली को जलाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा. किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन चाहता है कि वो पराली ना जलाएं तो उन्हें मशीन दी जाए.

कृषि विभाग ने दिया किसानों को आश्वासन
वहीं किसानों की चेतावनी के बाद उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया. जिसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने 25 अक्टूबर तक किसानों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया. किसानों की ओर से लिखित में जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया और पराली प्रबंधन को लेकर उपकरण मुहैया करवाने की मांग की गई.

25 अक्टूबर तक समाधान का मिला आश्वासन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप सिंह ने बताया कि प्रशासन ने 25 अक्टूबर तक का वक्त मांगा है. अगर किसानों को प्रशासन ने उपकरण मुहैया नहीं करवाए तो किसान अपनी पराली को आग लगाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों के पास और कोई चारा भी नहीं है. अगर किसान पराली को आग नहीं लगाता तो वो गेहूं की बिजाई नहीं कर सकता.

Intro:
फतेहाबाद में पराली मामले को लेकर जिला उपायुक्त से मिलने पहुंचे किसान, किसानों ने प्रशासन को साफ तौर पर दिया अल्टीमेटम, कहा प्रशासन ने पराली प्रबंधन को लेकर उपकरण मुहैया नही करवाए नहीं तो किसान पराली को लगाएगा आग, किसानों ने उपकरण मुहैया करवाने को लेकर लिखित में दी मांग, जिला उपायुक्त ने किसानों से मांगा 25 अक्टूबर तक का समय।Body:फतेहाबाद के किसान आज पराली प्रबंधन को लेकर जिला उपायुक्त से मिलने के लिए पहुंचे। किसानों ने लघु सचिवालय के इंट्री गेट पर नारेबाजी भी की। किसानों का कहना था कि वह पिछले 3 वर्षों कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें पराली प्रबंधन को लेकर उपकरण मुहैया नहीं करवाए गए। जिसके बाद फतेहाबाद के उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर 25 अक्टूबर तक किसानों की इस समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है। किसानों की ओर से लिखित में जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया और पराली प्रबंधन को लेकर उपकरण मुहैया करवाने की मांग की गई। मीडिया से बातचीत करते हुए किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप सिंह ने बताया कि प्रशासन ने 25 अक्टूबर तक का समय मांगा है। अगर किसानों को प्रशासन ने उपकरण मुहैया नहीं करवाए तो किसान अपनी पराली को आग लगाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के पास और कोई चारा भी नहीं है। अगर किसान पराली को आग नहीं लगाता तो वह गेहूं की बिजाई नहीं कर सकता। किसानों ने कहा कि अगर वह खुद खर्चा उठा कर प्रणाली का प्रबंधन करता है तो 6 हजार प्रति एकड़ का खर्चा आता है। जो किसान वहन करने में सक्षम नहीं है। किसान नेता ने कहा कि प्रशासन पराली जलाने वाले किसानों पर तो मामला दर्ज कर देता है, लेकिन दिवाली पर जो बेतहाशा पटाखे फोड़े जाएंगे, उससे जो प्रदूषण होगा उसको लेकर सरकारें भी चुप हैं। किसान नेता ने साफ तौर पर प्रशासन को चेतावनी दी 25 अक्टूबर तक नहीं हुआ समाधान तो पराली को लगा देंगे आग।
बाईट- मनदीप सिंह किसान संघर्ष समिति संयोजकConclusion:
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