फतेहाबाद: पराली जलाने का सीजन आने वाला है. जिसके आते ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाएगा. जहां एक तरफ तरह-तरह के अभियान चलाकर किसानों को पराली नहीं जलाने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ किसान भी पराली की जगह दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर मजबूर हैं.
फतेहाबाद में उपायुक्त से मिले किसान
फतेहाबाद में पराली प्रबंधन को लेकर किसानों ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की. किसानों ने लघु सचिवालय के एंट्री गेट पर नारेबाजी भी की. किसानों ने कहा कि वो पिछले 3 साल से कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें पराली प्रबंधन के लिए मशीन मुहैया नहीं करवाई गई.
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किसानों ने की मशीन की मांग
किसानों ने कहा कि जबतक उन्हें पराली काटने के लिए मशीन नहीं दी जाएगी. तबतक उनके पास पराली को जलाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा. किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन चाहता है कि वो पराली ना जलाएं तो उन्हें मशीन दी जाए.
कृषि विभाग ने दिया किसानों को आश्वासन
वहीं किसानों की चेतावनी के बाद उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया. जिसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने 25 अक्टूबर तक किसानों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया. किसानों की ओर से लिखित में जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया और पराली प्रबंधन को लेकर उपकरण मुहैया करवाने की मांग की गई.
25 अक्टूबर तक समाधान का मिला आश्वासन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप सिंह ने बताया कि प्रशासन ने 25 अक्टूबर तक का वक्त मांगा है. अगर किसानों को प्रशासन ने उपकरण मुहैया नहीं करवाए तो किसान अपनी पराली को आग लगाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों के पास और कोई चारा भी नहीं है. अगर किसान पराली को आग नहीं लगाता तो वो गेहूं की बिजाई नहीं कर सकता.