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'पराली के मुद्दे पर दिल्ली में तैयार होगी आंदोलन की रूपरेखा', सरकार से केस वापस लेने की मांग

किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को किसान संगठनों की बैठक होगी. जिसमें पराली के मुद्दे को उठाया जाएगा.

Farmers organizations protest
पराली के मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया है
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Published : Nov 27, 2019, 10:52 PM IST

फतेहाबाद: जिले में किसान संगठनों ने लघु सचिवालय के बाहर 24 घंटे के लिए प्रदर्शन किया और पराली को लेकर किसानों पर दर्ज किए जा रहे मामले वापस लेने की मांग उठाई. किसान संगठनों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का कहना है कि आगामी आंदोलन को लेकर 28 नवंबर को बैठक कर फैसला लिया जाएगा.

29 और 30 दिसंबर को दिल्ली में बैठक
किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को किसान संगठनों की बैठक होगी. जिसमें पराली के मुद्दे को उठाया जाएगा. फिर भी किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं हुए तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.

पराली के मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया है. देखें वीडियो

मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने ये भी मांग की कि उन्हें पराली को नष्ट करने के लिए यंत्र मुहैया करवाए जाए. किसानों का कहना है कि उनके पास पराली को लेकर कोई दूसरा विकल्प अभी मौजूद नहीं है. इसलिए उन्हें मजबूरन पराली को जलाना पड़ता है. अगर सरकार विकल्प दे देगी तो वो पराली को जलाना छोड़ देंगे.

ये भी पढ़ें- शराबियों का अड्डा बना सुलभ शौचालय! कहीं लटके हैं ताले, तो कहीं पड़ी हैं बोतलें

किसानों ने पराली को लेकर दर्ज मामलों को वापस लेने की बात कही.किसानों ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे. आंदोलन की रूपरेखा दिल्ली में तैयार की जाएगी. दरअसल सरकार के आदेश पर पराली जलाने वाले किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं. इसकी के विरोध में किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं.

फतेहाबाद: जिले में किसान संगठनों ने लघु सचिवालय के बाहर 24 घंटे के लिए प्रदर्शन किया और पराली को लेकर किसानों पर दर्ज किए जा रहे मामले वापस लेने की मांग उठाई. किसान संगठनों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का कहना है कि आगामी आंदोलन को लेकर 28 नवंबर को बैठक कर फैसला लिया जाएगा.

29 और 30 दिसंबर को दिल्ली में बैठक
किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को किसान संगठनों की बैठक होगी. जिसमें पराली के मुद्दे को उठाया जाएगा. फिर भी किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं हुए तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.

पराली के मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया है. देखें वीडियो

मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने ये भी मांग की कि उन्हें पराली को नष्ट करने के लिए यंत्र मुहैया करवाए जाए. किसानों का कहना है कि उनके पास पराली को लेकर कोई दूसरा विकल्प अभी मौजूद नहीं है. इसलिए उन्हें मजबूरन पराली को जलाना पड़ता है. अगर सरकार विकल्प दे देगी तो वो पराली को जलाना छोड़ देंगे.

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किसानों ने पराली को लेकर दर्ज मामलों को वापस लेने की बात कही.किसानों ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो बड़े आंदोलन को मजबूर होंगे. आंदोलन की रूपरेखा दिल्ली में तैयार की जाएगी. दरअसल सरकार के आदेश पर पराली जलाने वाले किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं. इसकी के विरोध में किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:फतेहाबाद में किसान संगठनों ने लघु सचिवालय के बाहर आज 24 घंटे के लिए डाला पडाव, पराली मामले को लेकर किसानों पर दर्ज किए जा रहे मामले वापस लेने की उठाई मांग, सरकार और प्रशासन के खिलाफ किसानों ने जमकर की नारेबाजी, किसानों का कहना आगामी आंदोलन को लेकर 28 नवंबर को बैठक कर लिया जाएगा फैसला, दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को होने वाली किसान संगठनों की कन्वेंशन में उठाया जाएगा पराली के लेकर मुद्दा, प्रशासन ने नहीं लिए केस वापिस तो तेज होगा आंदोलन।Body:फतेहाबाद में आज किसान संगठनों ने लघु सचिवालय के बाहर 24 घंटे के लिए प्रणाम डाला और प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि पराली जलाने के मामले किसानों पर लगातार दर्ज किए जा रहे हैं। जिसका किसान संगठन विरोध करते हैं। किसान संगठनों ने कहा कि अगर प्रशासन ने उन पर दर्ज मामले जल्द वापिस नहीं लिए तो उनका आंदोलन तेज होगा। किसानों ने कहा कि 28 नवंबर को मीटिंग करके आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। आज जिला स्तर के किसान लघु सचिवालय के बाहर एकत्र हुए हैं और पडाव डालकर सरकार को चेतावनी दी है। किसानों ने कहा कि 29 और 30 नवंबर को दिल्ली में होने वाली किसान संगठनों की कन्वेंशन में भी पराली का मुद्दा उठाया जाएगा। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि प्रशासन के द्वारा पराली निपटान के लिए कृषि यंत्र मुहैया नहीं करवाए गए, जब किसान ने पराली जलाई तो, अब उस पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जो कि सरासर गलत है। जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेगा।
बाईट- मनदीप सिंह, संयोजक, किसान संघर्ष समिति फतेहाबादConclusion:
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