फतेहाबाद: कृषि कानून बनने के बाद किसानों ने अब सरकार का विरोध करने का अलग तरीका अपना लिया है. अब ग्रामीणों ने गांवों में बीजेपी-जेजेपी नेताओं की एंट्री पर बैन लगा दिया है. फतेहाबाद के दर्जन भर गांवों में किसानों ने बीजेपी और जेजेपी के बहिष्कार के बैनर और पोस्टर लगाए हैं.
बीजेपी-जेजेपी की एंट्री पर बैन
बता दें कि किसान सभा से जुड़े लोगों ने गांव में जेजेपी और बीजेपी के नेताओं के गांव में ना घुसने को लेकर पोस्टर लगा दिए हैं. किसानों ने इस बात को लेकर बैनर के माध्यम से नेताओं को सख्त चेतावनी दी है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक बीजेपी और जेजेपी नेताओं का गांव में प्रवेश निषेध है.
इन 6 गांवों में होगा बहिष्कार
किसानों ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी नेताओं का लगातार विरोध बहिष्कार के माध्यम से जारी रहेगा और इनको गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा. किसानों ने कहा कि इन पार्टियों से जुड़ा कोई भी नेता, फतेहाबाद के गांव कमाना, अहरंवा, भूंदडवास, भानीखेडा, महमडा, बाडा सहित कई गांवों में नहीं आ पाएगा.
अगर नेता घुसे तो ग्रामीण ये कदम उठा सकते हैं
किसानों ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि बीजेपी और जेजेपी का नेता इन गांवों में घुसता है तो वो अपनी जान माल का खुद जिम्मेदार होगा. बता दें कि कृषि कानून को लेकर जहां एक तरफ सिरसा में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है, वहीं अब फतेहाबाद के गांव में भी किसान सभा ने गांव में बड़े-बड़े बैनर लगाकर जेजेपी और बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गांव में ना घुसने की चेतावनी दे रहे हैं.
गांव के चौक पर ही लगा दिया बहिष्कार का बैनर
फतेहाबाद के दर्जनभर गांव में किसानों ने ये मुहिम शुरू कर दी है. इससे पहले गांव अहरंवा और कमाना ग्रामीणों ने पहले गांव के बस स्टैंड पर एकत्रित होकर नारेबाजी की और उसके बाद गांव के मुख्य चौक पर बैनर लगा दिया गया. बैनर में लिखा गया है कि कृषि कानून के विरोध में ग्रामीण बीजेपी और बीजेपी का बहिष्कार करते हैं, अगर कोई इस पार्टी से जुड़ा नेता और कार्यकर्ता गांव में घुसता है तो वह अपनी जान माल का खुद जिम्मेदार होगा.
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किसान नेता निर्भय सिंह ने बताया कि दर्जनभर गांव में किसानों के द्वारा कृषि कानून के विरोध में जेजेपी और बीजेपी का बहिष्कार किया गया है. इन गांव में जेजेपी और बीजेपी के बहिष्कार के बोर्ड लगा दिए गए हैं, इन पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गांव में ना कुछ नहीं की चेतावनी दी गई. पूरे इलाके में ये मुहिम शुरू हो गई है. जब तक सरकार किसी कानून को वापस नहीं लेगी, इसी प्रकार लोग बीजेपी और जेजेपी का विरोध करते रहेंगे.