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फतेहाबाद: टोहाना के भीमेवाला गांव के खेतों में जलभराव से फसलें खराब

टोहाना के भीमेवाला गांव के खेतों में जलभराव से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने सरकार से मांग की कि सरकार उनकी मदद करे.

crops destroyed due to waterlogging in bhimwala village fatehabad
टोहाना के भीमेवाला गांव के खेतों में जलभराव से फसलें खराब
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Published : Aug 2, 2020, 6:08 PM IST

फतेहाबाद: टोहाना के भीमेवाला गांव की फसलें पहले तो सूखे की चपेट में आने से बर्बाद हो गई. जो बची थी वो बारिश के चलते हुए जलभराव में स्वाहा हो गई. वहीं लगातार हुई बारिश की वजह से किसानों के घरों में भी दरारें आ गई हैं. जिसकी वजह से किसान आजकल ना दिन को चैन से बैठ पा रहे न ही रात के सही नींद ले पा रहे है.

किसानों ने बताया कि इस बार की बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी है. खेत में धान, कपास, ज्वार या जो भी फसल थी. वो फसल पानी में सड़ रही है. उनके पास हाथ मलने के सिवा अब कोई चारा नहीं है. किसानों ने कहा कि बारिश की वजह से खेतों और गलियों में पानी भरा है. जिसकी वजह से सांप बिच्छुओं का भी खौफ हो गया है. वहीं खेतों में जलभराव कई तरह की संक्रामक बिमारियों को जन्म दे सकती है.

टोहाना के भीमेवाला गांव के खेतों में जलभराव से फसलें खराब

किसान डॉ. गजेन्द्र ने बताया कि बारिश के चलते खेतों में पानी है और फसल तबाह हो गई है. उन्होंने कहा कि पानी के चलते घरों में भी दरार आ गई है. जिसके चलते महिलाओं को भी पानी में घुस कर पशुओं के लिए चारा लाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि साल भर के लिए स्टोर किए गए भुसे के आसपास भी पानी भर गया है. जिसके चलते महिलाओं को पानी से भरे खेतों में उतरकर पशुओं को चारा डालना पड़ रहा है.

उन्होंने मांग की कि विधायक देवेंद्र सिंह बबली उनकी आवाज बनकर विधानसभा में आवाज उठाएं. जिससे कि उनकी समस्या हल हो सके. समस्या का हल न होने की स्थिती में उन्हें आत्महत्या के लिए मजबुर होना पड़ सकता है. क्योंकि जिन किसानों ने ठेके पर जमीन लेकर खेती की है. उनकी हालत और भी बिगड़ने वाली है.

ये भी पढ़ें: सीएम मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने की अमित शाह के जल्द स्वस्थ होने की कामना

फतेहाबाद: टोहाना के भीमेवाला गांव की फसलें पहले तो सूखे की चपेट में आने से बर्बाद हो गई. जो बची थी वो बारिश के चलते हुए जलभराव में स्वाहा हो गई. वहीं लगातार हुई बारिश की वजह से किसानों के घरों में भी दरारें आ गई हैं. जिसकी वजह से किसान आजकल ना दिन को चैन से बैठ पा रहे न ही रात के सही नींद ले पा रहे है.

किसानों ने बताया कि इस बार की बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी है. खेत में धान, कपास, ज्वार या जो भी फसल थी. वो फसल पानी में सड़ रही है. उनके पास हाथ मलने के सिवा अब कोई चारा नहीं है. किसानों ने कहा कि बारिश की वजह से खेतों और गलियों में पानी भरा है. जिसकी वजह से सांप बिच्छुओं का भी खौफ हो गया है. वहीं खेतों में जलभराव कई तरह की संक्रामक बिमारियों को जन्म दे सकती है.

टोहाना के भीमेवाला गांव के खेतों में जलभराव से फसलें खराब

किसान डॉ. गजेन्द्र ने बताया कि बारिश के चलते खेतों में पानी है और फसल तबाह हो गई है. उन्होंने कहा कि पानी के चलते घरों में भी दरार आ गई है. जिसके चलते महिलाओं को भी पानी में घुस कर पशुओं के लिए चारा लाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि साल भर के लिए स्टोर किए गए भुसे के आसपास भी पानी भर गया है. जिसके चलते महिलाओं को पानी से भरे खेतों में उतरकर पशुओं को चारा डालना पड़ रहा है.

उन्होंने मांग की कि विधायक देवेंद्र सिंह बबली उनकी आवाज बनकर विधानसभा में आवाज उठाएं. जिससे कि उनकी समस्या हल हो सके. समस्या का हल न होने की स्थिती में उन्हें आत्महत्या के लिए मजबुर होना पड़ सकता है. क्योंकि जिन किसानों ने ठेके पर जमीन लेकर खेती की है. उनकी हालत और भी बिगड़ने वाली है.

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