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मुआवजे की राशि ना मिलने पर मजदूरों ने लघु सचिवालय के सामने किया प्रदर्शन

श्रम विभाग से मुआवजे की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूरों ने सेक्टर-12 लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते मजदूरों को विभाग की तरफ से मुआवजा नहीं मिल रहा है.

workers protest on mini secretariat faridabad for compensation
फरीदाबाद कर्मचारी प्रदर्शन
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Published : Aug 5, 2020, 4:51 PM IST

फरीदाबाद: हाथों में प्रशासन विरोधी नारों से लिखी हुई तख्तियां लेकर बुधवार को लघु सचिवालय सेक्टर-12 के बाहर सैकड़ों मजदूरों ने इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन करते हुए मजदूरों ने कहा कि सरकार और प्रशासन की आंखों के सामने मजदूरों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन दोनों ही चुप बैठे तमाशा देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उनके एक साथी का 2015 में हाथ कट गया था. 5 साल की लड़ाई के बाद भी उनके साथी को श्रम विभाग की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा मजदूरों का शोषण हो रहा है. मजदूरों को बिना किसी वजह के कंपनियों से निकाला जा रहा है, लेकिन प्रशासन सब चुपचाप देख रहा है.

मजदूरों ने मुआवजे की राशि ना मिलने से लघु सचिवालय के सामने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि अगर कंपनी मालिकों से पीड़ित मजदूरों को जल्द ही न्याय नहीं मिला तो वो आगे बड़ा आंदोलन करेंगे. मजदूरों ने लघु सचिवालय के बाहर धरना देकर उनके साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा और उनके साथ हो रहे अन्याय पर संज्ञान लेने को कहा.

ये भी पढ़ें:-UPSC रिजल्ट 2019: बिना कोचिंग लिए फरीदाबाद की आशिमा ने हासिल की 65वीं रैंक

दरअसल मामला ये है कि साल 2015 में एक मजदूर का हाथ फैक्ट्री में काम करते वक्त कय गया था. जिसके बाद फैक्ट्री ने उसको निकाल दिया और उसकी कोई मदद भी नहीं की थी. उसके बाद वो लेबर कोर्ट गया. लेबर कोर्ट जाने के बाद कोर्ट ने श्रम विभाग ने उसको मुआवजा देने को कहा लेकिन नहीं मिला, जिसको लेकर ये कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं.

फरीदाबाद: हाथों में प्रशासन विरोधी नारों से लिखी हुई तख्तियां लेकर बुधवार को लघु सचिवालय सेक्टर-12 के बाहर सैकड़ों मजदूरों ने इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन करते हुए मजदूरों ने कहा कि सरकार और प्रशासन की आंखों के सामने मजदूरों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन दोनों ही चुप बैठे तमाशा देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उनके एक साथी का 2015 में हाथ कट गया था. 5 साल की लड़ाई के बाद भी उनके साथी को श्रम विभाग की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा मजदूरों का शोषण हो रहा है. मजदूरों को बिना किसी वजह के कंपनियों से निकाला जा रहा है, लेकिन प्रशासन सब चुपचाप देख रहा है.

मजदूरों ने मुआवजे की राशि ना मिलने से लघु सचिवालय के सामने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि अगर कंपनी मालिकों से पीड़ित मजदूरों को जल्द ही न्याय नहीं मिला तो वो आगे बड़ा आंदोलन करेंगे. मजदूरों ने लघु सचिवालय के बाहर धरना देकर उनके साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा और उनके साथ हो रहे अन्याय पर संज्ञान लेने को कहा.

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दरअसल मामला ये है कि साल 2015 में एक मजदूर का हाथ फैक्ट्री में काम करते वक्त कय गया था. जिसके बाद फैक्ट्री ने उसको निकाल दिया और उसकी कोई मदद भी नहीं की थी. उसके बाद वो लेबर कोर्ट गया. लेबर कोर्ट जाने के बाद कोर्ट ने श्रम विभाग ने उसको मुआवजा देने को कहा लेकिन नहीं मिला, जिसको लेकर ये कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं.

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