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सूरजकुंड मेले में अपना हुनर दिखा रही हैं राजस्थान से आईं सुनीता, करती हैं वाइट मेटल पेंटिंग

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Published : Feb 13, 2020, 9:07 AM IST

Updated : Feb 13, 2020, 9:35 AM IST

सूरजकुंड मेले में जहां विदेशों से आए कलाकार अपना हुनर दिखा रहे हैं. वहीं इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पकार भी अपना हुनर लोगों तक पहुंचा रहे हैं. राजस्थान से आई सुनीता भी अपनी हाथ का हुनर दिखाने के लिए पहुंची हैं.

white metal painting in international surajkund mela
34वां सूरजकुंड मेला

फरीदाबाद: सूरजकुंड की हसीन वादियों में चल रहा 34वां अंतरराष्ट्रीय मेला लोगों को काफी पसंद आ रहा है. प्रदेश ही नहीं बल्कि अगल-अलग राज्यों से लोग भी यहां आ रहे हैं. मेले में कई चीजें लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृषित कर रही है. मेले में धातु पर उकेरी गई कलाकृतियां भी लोगों का दिल मोह रही हैं.

34 वें सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले में राजस्थान से आई सुनीता द्वारा धातु पर उकेरी गई कलाकृतियां इन लोगों को खूब भा रही हैं. एक तरफ जहां सुनीता महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ अपने परिवार का भरण पोषण भी वो इसी से कर रही हैं. सुनीता को उनकी कलाकारी के लिए स्टेट अवॉर्ड भी मिला हुआ है.

सूरजकुंड मेले में अपना हुनर दिखा रही हैं राजस्थान से आईं सुनीता

राजस्थान से आईं सुनीता दिखा रही हैं अपना हुनर

सूरजकुंड मेले में जहां विदेशों से आए कलाकार अपना हुनर दिखा रहे हैं. वहीं इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पकार भी अपना हुनर लोगों तक पहुंचा रहे हैं. राजस्थान से आई सुनीता भी अपनी हाथ का हुनर दिखाने के लिए पहुंची हैं. जिसे देखकर आप भी दांतों तले उंगलियां दबा जाएंगे. इतना ही नहीं उन्होंने शादी से पहले ही इस नक्काशी को तराशने का काम कर दिया था और शादी के बाद भी कई दिक्कतों के बाद भी उन्होंने ये काम जारी रखा.

ये भी पढ़िए: 34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छाए श्रीलंकाई हस्त शिल्पी, लोगों को भा रहा नारियल से बना सामान

400 लोगों को सुनीता ने दिया रोजगार

सुनाती की माने तो वो 400 लोगों को काम देने का काम करती हैं और वो भी इससे ही अपना लालन पालन कर रही हैं. मूलरूप से राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली शिल्पकार सुनीता रानी ने 17 साल की उम्र में धातु की नक्काशी पर हाथ आजमाया. फिर इसी को आमदनी का जरिया बनाया. इसी कला से अपनी शादी के लिए पैसे एकत्र किए. शादी में कलाकृतियां ही दहेज में लेकर आईं तो ससुराल वाले थोड़े नाराज दिखाई दिए, लेकिन इस पर उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

फरीदाबाद: सूरजकुंड की हसीन वादियों में चल रहा 34वां अंतरराष्ट्रीय मेला लोगों को काफी पसंद आ रहा है. प्रदेश ही नहीं बल्कि अगल-अलग राज्यों से लोग भी यहां आ रहे हैं. मेले में कई चीजें लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृषित कर रही है. मेले में धातु पर उकेरी गई कलाकृतियां भी लोगों का दिल मोह रही हैं.

34 वें सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले में राजस्थान से आई सुनीता द्वारा धातु पर उकेरी गई कलाकृतियां इन लोगों को खूब भा रही हैं. एक तरफ जहां सुनीता महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ अपने परिवार का भरण पोषण भी वो इसी से कर रही हैं. सुनीता को उनकी कलाकारी के लिए स्टेट अवॉर्ड भी मिला हुआ है.

सूरजकुंड मेले में अपना हुनर दिखा रही हैं राजस्थान से आईं सुनीता

राजस्थान से आईं सुनीता दिखा रही हैं अपना हुनर

सूरजकुंड मेले में जहां विदेशों से आए कलाकार अपना हुनर दिखा रहे हैं. वहीं इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पकार भी अपना हुनर लोगों तक पहुंचा रहे हैं. राजस्थान से आई सुनीता भी अपनी हाथ का हुनर दिखाने के लिए पहुंची हैं. जिसे देखकर आप भी दांतों तले उंगलियां दबा जाएंगे. इतना ही नहीं उन्होंने शादी से पहले ही इस नक्काशी को तराशने का काम कर दिया था और शादी के बाद भी कई दिक्कतों के बाद भी उन्होंने ये काम जारी रखा.

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400 लोगों को सुनीता ने दिया रोजगार

सुनाती की माने तो वो 400 लोगों को काम देने का काम करती हैं और वो भी इससे ही अपना लालन पालन कर रही हैं. मूलरूप से राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली शिल्पकार सुनीता रानी ने 17 साल की उम्र में धातु की नक्काशी पर हाथ आजमाया. फिर इसी को आमदनी का जरिया बनाया. इसी कला से अपनी शादी के लिए पैसे एकत्र किए. शादी में कलाकृतियां ही दहेज में लेकर आईं तो ससुराल वाले थोड़े नाराज दिखाई दिए, लेकिन इस पर उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

Last Updated : Feb 13, 2020, 9:35 AM IST
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