फरीदाबादः पीएलपीए में संशोधन के विधेयक पास होने के बाद से ही अरावली पर्वत श्रृंखला को बचाने के विरोध जताया जा रहा है. वहीं इस विरोध में अब आम आदमी भी मैदान में आ गया है.
वॉक फॉर अरावली के नाम से फरीदाबाद में चल रही मुहिम का हिस्सा बने लोगों ने भी लघु सचिवालय पर कई घंटे शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया. बता दें फरीदाबाद में अरावली 692 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है.
फरीदाबाद में अरावली रेंज पर्वतारोहियों का पसंदीदा स्थल रहा है. इसके साथ ही इस रेंज में कुछ बेहतरीन दर्शनीय जगहें भी शामिल हैं, लेकिन बुहत जल्द ये सब खत्म हो सकता है, अगर वक्त रहते सरकार और प्रशासन ने अरावली पर हो रहे निमार्णों की तरफ ध्यान नहीं दिया.
फरीदाबाद में अरावली को बचाने के लिए वॉक फॉर अरावली नामक मुहिम को कुछ आम लोगों द्वारा चलाया जा रहा है. इसी मुहिम के तहत शहर के आम लोगों ने राजनीति से किनारा करके लघु सचिवालय पर अरावली बचाने को लेकर कई घंटे शांतिपूर्ण धरना दिया.
लोगों का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ प्रशासन और सरकार को ये बताना है कि अरावली के खत्म होने से किस तरह के हालात फरीदाबाद शहर के होने वाले है. उन्होंने कहा कि वो लगातार पिछले कई सालों इस मुहिम हिस्सा बने हुए है उन्होंने इस मामले की शिकायत प्रशासन को भी दी है और वो शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल चाहते है.
हरियाणा सरकार ने अंग्रेजों के 120 साल पुराने कानून को बदल दिया है. विधानसभा के बजट सत्र में पंजाब भू-संरक्षण अधिनियम 1900 (पीएलपीए) में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया और विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद पास कर दिया गया.
कानून में हुए संशोधन के बाद अब अरावली फोरेस्ट रेंज में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे. यही नहीं, यह कानून शिवालिक की पहाड़ियों में भी लागू होगा. फरीदाबाद की एक कॉलोनी और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के एक सेक्टर से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह संशोधन किया गया है.