फरीदाबाद: सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार अग्नि के 7 फेरे लेने के बाद ही युवक-युवती अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करते हैं. ऐसा नहीं होने पर सनातन धर्म में शादी पूरी नहीं मानी जाती. लेकिन फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में सनातन धर्म के ही एक परिवार की शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमें दूल्हा दुल्हन ने अग्नि के फेरे लेकर नहीं बल्कि बल्कि गौ माता को साक्षी मानकर उनके 7 फेरे लेकर अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत की. हालांकि इस शादी की अन्य रस्में और रीति रिवाज मान्यताओं के अनुसार ही पूरे किए गए थे.
आमतौर पर ऐसी शादी या इस तरह की रस्म के बारे में आपने भी कभी नहीं सुना होगा लेकिन ये सच है. जानकारी के अनुसार फरीदाबाद में हुई ये अनोखी शादी बल्लबगढ़ के ऊंचा गांव की नंदीग्राम गौशाला में संपन्न हुई. परिवार और रिश्तेदारों की मौजूदगी में दूल्हा-दुल्हन ने गौ माता को साक्षी मानकर उनके 7 फेरे लिए और दोनों शादी के बंधन में बंध गए.
बाकायदा पंडित ने इस दौरान मंत्रोचारण कर फेरे करवाए. यह शादी समारोह इलाके में चर्चा का विषय बन गया है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. फेरों से पहले गौ माता को लाल चुन्नी पहनाकर लाया गया था. पहले दूल्हा दुल्हन के साथ उनके परिजनों ने गौ माता की पूजा की और बाद में गाय को साक्षी मानकर 7 फेरे लिए. लड़की के पिता ने कहा कि उन्होंने सुना था कि गौ माता को साक्षी मानकर हिंदू धर्म में विवाह किया जा सकता है. बस उसी को मानते हुए उन्होंने अपनी बेटी की शादी की है. इस शादी से दोनों परिवार बेहद खुश है.
गौशाला के प्रधान रुपेश यादव की मानें तो कोरोना में जब बड़े स्तर पर शादी समारोह आयोजित करने को लेकर पाबंदी थी, तब इसी तरह गौ माता को साक्षी मानकर एक परिवार ने गौ माता के सात फेरे करके शादी कराई थी. आज यहां पर गौ माता को साक्षी मानते हुए एक और शादी संपन्न हुई है. उन्होंने कहा कि यह शादी अपने आप में एक मिसाल है और पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.