फरीदाबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर का उद्घाटन किया. इसमें राज्यों के गृह मंत्री हिस्सा ले रहे हैं. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवादी गतिविधियों में 34 प्रतिशत की कमी आई है. इसके साथ सुरक्षा बलों की मृत्यु में 64 प्रतिशत की कमी और नागरिक मौतों में 90 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने बताया कि साल 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में 57,000 करोड़ रुपये का निवेश भी आया है. अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थईस्ट, जो पहले कभी हिंसा और अशांति के हॉट स्पॉट होते थे, वो अब विकास के हॉट स्पॉट बन रहे हैं. साइबर अपराध आज देश और दुनिया के सामने बहुत बड़ा खतरा है, इसके खिलाफ लड़ाई में गृह मंत्रालय कमर कस कर तैयार है. मोदी सरकार 'Whole of Government' तथा 'टीम इंडिया' एप्रोच के तहत केंद्र और राज्यों में 3Cs यानी कोऑपरेशन, कोआर्डिनेशन, कोलैबोरेशन को बढ़ावा दे रही है.
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और इस पर निर्णायक जीत हासिल करने के लिए एनआईए और अन्य ऐजेंसियों को मज़बूत किया जा रहा है. हमने 2024 तक हर राज्य में एनआईए शाखाएं स्थापित करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा सीमा पार अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटना राज्यों और केंद्र की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि सीआरपीसी और आईपीसी में सुधार के संबंध में विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं. मैं इसे विस्तार से देख रहा हूं. हम बहुत जल्द संसद में नए सीआरपीसी, आईपीसी ड्राफ्ट लेकर आएंगे.
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अमित शाह ने बताया कि गैर सरकारी संगठनों द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम में संशोधन किया गया है. वहीं सरकार ने ऐसे गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जो भारत के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहे थे. अमित शाह ने भी कहा कि ये चिंतन शिविर साइबर अपराधों, नशीले पदार्थों, सीमा पार आतंकवाद, देशद्रोह और अन्य से निपटने के लिए एक संयुक्त योजना बनाने में मदद करेगा. गौरतलब है कि गृहमंत्रियों के इस सम्मेलन में सभी राज्यों के गृहमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल और प्रशासक शमिल हुए हैं.