फरीदाबाद: हरियाणा स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन फरीदाबाद के शिक्षकों ने आज सेक्टर 12 जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना देकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम जिला उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा. शिक्षकों का कहना है कि सरकार गैर शैक्षणिक कार्य को करवाया जाता है जिसका बहिष्कार सभी टीचरों द्वारा किया जा रहा है. (teachers protest in Faridabad)
टीचरों ने यह भी कहा कि फैमिली आईडी बनवाने के लिए भी सभी शिक्षकों को फील्ड में ड्यूटी लगा दी है. बहुत ऐसे शिक्षक हैं, जिनकी ड्यूटी सर्वे, बीएलओ के लिए भी लगाई गई है. जबकि यह काम उनका नहीं है. अगर सभी शिक्षक ऐसे ही गैर शैक्षणिक कार्य करते रहेंगे तो स्कूलों में विद्यार्थियों को कैसे पढ़ाएंगे. ऐसे में शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि इसे बंद करवाया जाए. अगर सरकार उनकी बातों को नहीं मानती है तो शीतकालीन खत्म हो जाने के बाद भी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा.
शिक्षकों का कहना है कि अगले डेढ़ महीने बाद विद्यार्थियों के बोर्ड के परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी. अगर सरकार ऐसे ही गैर शैक्षणिक कार्य करवाती रहेगी तो स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा भी बाधित होगी. बता दें कि प्रदेश में शिक्षकों की वैसे ही कमी है. आए दिन छात्र शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैंं और ऐसे में शिक्षकों की ड्यूटी पढ़ाई के अलावा अन्य कामों में लगाया जा रहा है, जिससे नाराज शिक्षकों ने आज प्रदर्शन किया. (teachers protest against government in Faridabad )
शिक्षकों का आरोप है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है शिक्षकों को पढ़ाई से हटाकर दूसरे अन्य काम में लगाया गया है जैसे सर्वे करवाना इलेक्शन ड्यूटी इसके अलावा भी बहुत ऐसे कार्य है जो उस शिक्षकों से करवाए जा रहे हैं शिक्षकों ने कहा कि ऐसे ही हम यदि पढ़ाई के अलावा दूसरे कामों में भाई ड्यूटी लगती रहेगी तो बच्चों का भविष्य खतरे में है आने वाले एक डेढ़ महीने बाद बच्चों के बोर्ड के एग्जाम है और ऐसे में बच्चे को यदि हम ठीक ढंग से नहीं पढ़ाएंगे. (Demands of teachers in Haryana)
यदि हम स्कूल नहीं जाएंगे बच्चों को पढ़ाने के लिए तो स्वाभाविक सी बात है कि बच्चों का रिजल्ट खराब आएगा, जिससे शिक्षकों की बदनामी होगी और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाएगा. दरअसल जब भी सरकार की कोई पॉलिसी जनता के लिए आती है तो उसमें शिक्षकों की ड्यूटी स्कूल से हटाकर वहां लगा दी जाती है. एक ओर प्रदेश में वैसे ही शिक्षकों की कमी है और ऊपर से इन शिक्षकों को शिक्षा से हटाकर किसी और काम में लगाया जा रहा है. यह सरासर गलत है. शिक्षकों का काम होता है बच्चों को पढ़ाना और शिक्षक इसीलिए बनते हैं, ताकि वह बच्चों को पढ़ा सकें और बच्चों का भविष्य संवार सकें, लेकिन जब शिक्षक स्कूल में नहीं जाएंगे तो बच्चे कहां से पढ़ेंगे.
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