फरीदाबाद: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का समापन हो चुका है लेकिन इस मेले में कई ऐसे कलाकार पहुंचे थे जिनकी कला ने कई लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इन्हीं में से एक हैं मशहूर आर्टिस्ट छुट्टन लाल मीणा, जिनकी पेटिंग मेले में पहुंचने वाले लोगों और पर्यटकों को काफी पसंद आई. कभी भेड़ बकरियां चराने वाले छुट्टन लाल ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी प्रतिभा को निखारा और आज वे इस मुकाम पर हैं कि वे अब तक एक दर्जन से अधिक एग्जीबिशन लगा चुके हैं. कभी गाय, भेड़ बकरियां चराते हुए दीवारों पर पेटिंग करने का शौक ही आज उनकी कमाई का जरिया बन गया है. इतना ही नहीं वो अपनी कला अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए युवाओं को भी ट्रेनिंग देते हैं.
छुट्टन लाल मीणा राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं. उन्हें पेटिंग का शौक बचपन से ही था. छुट्टन लाल के पिता श्रीराम प्रताप मीणा एक किसान हैं. बचपन में गाय, भैंस, भेड़ बकरियां चराने के दौरान वे अक्सर पशु-पक्षियों की आकृति दीवारों पर उकेरा करते थे. लोगों ने उनकी कला की तारीफ की और उन्हें इसकी पढ़ाई के बारे में बताया. इस पर उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट से स्नातकोत्तर किया. इससे उनकी कला को निखार मिला और आज वे मशहूर आर्टिस्ट के रूप में पहचाने जाते हैं.
सूरजकुंड मेला 2023 में आकर वे बहुत खुश हैं. यहां उनकी पेंटिंग को खासा रिस्पॉन्स मिला है. छुट्टनलाल किसी भी व्यक्ति का तुरंत स्कैच बनाकर दे देते हैं. इससे यहां आने वाले पर्यटक अपने साथ स्कैच के रूप में मेले की यादें जरूर लेकर जाते हैं. छुट्टनलाल ने बताया कि वे हर वर्ष सूरजकुंड मेले में आना चाहेंगे. वो इससे पहले कई बार सोलो एग्जीबिशन लगा चुके हैं. उनकी कई पेटिंग देश के नामी मशहूर होटलों की शोभा बढ़ा रही हैं.
पढ़ें: Surajkund Mela 2023: भारत सरकार से सम्मानित रेनू देवी ने सूरजकुंड मेले में बिखेरी कला
मेला परिसर में उनकी स्टॉल पर कई पर्यटकों ने उनसे अपना स्कैच बनवाया है. इस दौरान पर्यटक उनसे उनकी कला के बारे में पूछना नहीं भूलते हैं. छुट्टन लाल मीणा ने बताया कि उनकी सबसे महंगी पेटिंग 50 हजार रुपए में बिकी थी. उनकी पेंटिंग के खरीदार देश ही नहीं विदेशों में भी हैं. यही कारण है कि उनकी कला के मुरीद आस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों में भी हैं.